आप भी उन लोगों में शामिल हैं जो बोतल बंद पानी यानी कि पीते हैं तो यह खबर आपके लिए है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जिस पानी को हम साफ और स्वास्थ्य के लिए सही मानते हैं और समझते हैं कि इससे हमें कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन ऐसा नहीं है
ये पानी भी आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है. दरअसल पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर और मिनरल वाटर को अब भारत के खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा "हाई-रिस्क फूड" की श्रेणी में रखा गया है.
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने सोमवार 2 दिसंबर को पैकेज्ड ड्रिंकिंग और मिनरल वाटर को ‘ हाई रिस्क खाद्य पदार्थ श्रेणी’ के रूप में शामिल किया है. जिसके बाद अब इनका अनिवार्य निरीक्षण और थर्ड पार्टी ऑडिट किया जाएगा. FSSAI द्वारा जारी किए गए नए नियम के मुताबिक अब सभी पैकेज्ड और मिनिरल वाटर निर्माताओं को सालाना निरीक्षण का सामना करना पड़ेगा. किसी भी कंपनियों को लाइसेंस या पंजीकृत करने से पहले ये निरीक्षण किया जाएगा.
यह घोषणा केंद्र सरकार द्वारा पैकेज्ड और मिनिरल वाटर उद्योग के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से प्रमाणन प्राप्त करने की अनिवार्य शर्त को हटाने के बाद की गई है. ये फैसला पैकेज्ड पानी और मिनरल वाटर कंपनियों को बड़ा झटका माना जा रहा है.
*क्या है हाई-रिस्क फूड?*
FSSAI के अनुसार, हाई-रिस्क फूड वे खाद्य उत्पाद होते हैं जो खराब होने की संभावना के कारण सख्त निगरानी और नियमित निरीक्षण की आवश्यकता रखते हैं. इन पर विशेष ध्यान इसलिए दिया जाता है ताकि उपभोक्ताओं तक सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद पहुंच सकें.
*हाई-रिस्क फूड में शामिल अन्य उत्पाद :*
FSSAI के आदेश के मुताबिक पैकेज्ड के साथ ही हाई रिस्क वाले सभी खाद्य श्रेणियों के व्यवसायों को FSSAI द्वारा मान्यता प्राप्त थर्ड पार्टी खाद्य सुरक्षा एजेंसियों से सालाना ऑडिट कराना होगा. इस फैसले के पीछे सरकार का मकसद इन उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों में सुधार करना है, ताकि जो लोग इन चीजों का इस्तेमाल करते हैं उन्हें सुरक्षित चीज मिल सके और उनकी सेहत ठीक रहे.
*क्या पानी असुरक्षित है?*
नहीं, इसका मतलब यह नहीं है कि पैकेज्ड पानी असुरक्षित है. "हाई-रिस्क" का टैग यह सुनिश्चित करता है कि इन उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा की नियमित निगरानी होगी. इससे कंपनियों पर दबाव बनेगा कि वे अपने उत्पादों को उच्च मानकों पर बनाए रखें.
"FSSAI Declares Packaged and Mineral Water as High-Risk Food, Mandates Strict Inspections"
If you are among those who drink bottled water, this news is for you. It may come as a surprise that the water we consider clean and safe for health might not be as harmless as we think. Packaged drinking water and mineral water can also pose risks to your health.
In a recent development, the Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI) has categorized packaged drinking water and mineral water as "high-risk food."
On Monday, December 2, the FSSAI included packaged drinking water and mineral water in the "high-risk food category." Following this, these products will now require mandatory inspections and third-party audits. As per the new rules issued by the FSSAI, all manufacturers of packaged and mineral water will undergo annual inspections. Licenses or registrations will only be granted after these inspections are completed.
This announcement comes after the central government removed the mandatory requirement for the packaged water industry to obtain certification from the Bureau of Indian Standards (BIS). This decision is considered a significant setback for companies in the packaged water and mineral water sector.
What is High-Risk Food?
According to the FSSAI, high-risk food refers to products that are susceptible to spoilage and require stringent monitoring and regular inspection. These items are given sp hnjiecial attention to ensure that consumers receive safe and high-quality products.
Other Products in the High-Risk Food Category:
FSSAI’s directive mandates that all businesses dealing with high-risk food categories, including packaged water, must conduct annual audits through third-party food safety agencies recognized by FSSAI. The aim behind this decision is to enhance the safety and quality standards of these products, ensuring that consumers have access to safe and healthy items.
Is Packaged Water Unsafe?
No, this does not mean that packaged water is unsafe. The "high-risk" tag ensures regular monitoring of these products' quality and safety. This will compel companies to maintain their products to high standards.