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Sunday, October 20, 2024

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: महिला वोटर्स की भूमिका महत्वपूर्ण





झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में महिला वोटर्स की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होने जा रही है और वे सरकार गठन में अहम भूमिका निभा सकती हैं. विधानसभा की कुल 81 सीटों में से 31 पर महिला वोटर्स की संख्या पुरुषों से ज्यादा है, यही वजह है कि सभी पार्टियां उन्हें साधने में जुटीं और उनके लिए कई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा भी की जा रही है. जानिए पूरा समीकरण.
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में महिला वोटर्स पार्टियों के निशाने पर हैं, चूंकि सत्ता का रास्ता इनसे होकर ही जाएगा, इसलिए सभी पार्टियां उन्हें साधने में जुटीं हैं. खासकर ट्राइबल रिजर्व सीटों पर महिलाएं अपनी ताकत दिखाने की स्थिति में हैं. 81 सदस्यीय विधानसभा में कुल 28 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं और इन सभी सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है.

महिलाएं दिखा सकती हैं, पार्टियों को बहुमत का रास्ता
झारखंड विधानसभा चुनाव में पार्टियां जिस तरह महिलाओं को फोकस करके योजनाओं की घोषणा कर रही हैं, वे यह साबित करती हैं कि इस बार के चुनाव में महिलाओं की भूमिका ऐतिहासिक होने जा रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में महिलाओं को साधने के लिए जिस प्रकार मंईंया सम्मान योजना की शुरुआत की और 18-50 साल तक की आयु वर्ग की महिलाओं को सीधे एक हजार रुपए कैश की सहायता दी, उससे महिलाओं की सहानुभूति उन्हें मिलेगी, इसकी पूरी संभावना है. हेमंत के दांव के जवाब में बीजेपी ने महिला वोटर्स को लुभाने के लिए गोगो-दीदी योजना का कार्ड फेंका है, जिसके तहत महिलाओं को 2100 रुपए प्रतिमाह देने की बात कही गई है. गोगो-दीदी योजना के आने के बाद हेमंत सरकार ने मंईंया सम्मान योजना की राशि को 1000 से 2500 रुपए महीना कर दिया.
31 विधानसभा क्षेत्र में महिला वोटर्स पुरुषों पर भारी
झारखंड विधानसभा में कुल 81 सीट हैं और बहुमत का आंकड़ा 41 सीटों का है. 31 सीटों पर महिला वोटर्स पुरुषों से ज्यादा है, यानी अगर कोई पार्टी महिलाओं को रिझा लेती है, तो उसे सरकार तक पहुंचने के लिए और सिर्फ 10 सीटों पर जीत हासिल करनी होगी. नवीनतम आंकड़ों के अनुसार जिन सीटों पर महिलाएं पुरुषों से आगे हैं वे इस प्रकार हैं-
झारखंड की 31 विधानसभा सीटों पर महिला वोटर्स पुरुषों से ज्यादा, जानिए कैसे लुभा रही हैं पार्टियां 4
महिला मतदाताओं में बढ़ी जागरूकता
महिला मतदाताओं में वोट के अधिकार को लेकर जागरूकता काफी बढ़ गई है, यही वजह है कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग करने में पीछे नहीं रहतीं. चूंकि महिलाएं वोट देने के अधिकार को अपना दायित्व समझती हैं और ये जानती हैं कि इसके प्रयोग से ही उनकी पसंद की सरकार बन सकती हैं, इसलिए भी पार्टियां उन्हें साधने में जुटीं हैं. यहां गौर करने वाली बात यह है कि महिलाओं का वोट किसी के प्रभाव में जल्दी स्विंग नहीं होता है, वे काफी सोच समझकर अपने हित में वोट डालती हैं. बिहार में नीतीश कुमार अगर सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर बने हुए हैं, तो इसकी वजह भी महिला वोटर्स हैं, क्योंकि शराबबंदी लागू करने के लिए उन्होंने नीतीश का साथ दिया और आज भी दे रही हैं.

आदिवासियों के लिए रिजर्व सीट पर जेएमएम और कांग्रेस का कब्जा
झारखंड की 31 विधानसभा सीटों पर महिला वोटर्स पुरुषों से ज्यादा, जानिए कैसे लुभा रही हैं पार्टियां 5
झारखंड में 28 सीट आदिवासियों के लिए रिजर्व हैं, जिनमें से सिर्फ तोरपा और खूंटी में ही बीजेपी के विधायक हैं बाकी सभी जगहों पर झामुमो और कांग्रेस के उम्मीदवार ही चुनाव जीते हैं. बोरियो, बरहेट, लिट्टीपाड़ा, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, दुमका, जामा, घाटशिला, पोटका, सरायकेला, मझगांव, चाईबासा, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, खरसावां, सिसई, गुमला, बिशुनपुर और तमाड़ में झामुमो के विधायक है. बाकी सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है, जो झामुमो की सहयोगी पार्टी है. इस नजरिए से देखें तो यह कहा जा सकता है कि ट्राइबल रिजर्व सीटों पर महिलाओं को लुभाने के लिए एनडीए को कड़ी मेहनत करनी होगी. यही वजह है कि पूरे देश की नजर इस चुनाव में टिकी है.
Women Voters to Decide Fate of Parties in Jharkhand Polls
In the upcoming Jharkhand Assembly elections, women voters will play a crucial role, and parties are leaving no stone unturned to woo them. Out of the 81 assembly seats, 31 have more female voters than male. This has led to a frenzy among parties to announce welfare schemes targeted at women.
Tribal Reserved Seats: JMM and Congress Hold the Fort
Of the 28 seats reserved for tribals, only Torpa and Khunti have BJP MLAs, while the rest are held by JMM and Congress. This makes it challenging for the NDA to make inroads into these constituencies.
Women Voters: A Deciding Factor
With increased awareness among women voters, parties recognize their importance. Women exercise their voting rights diligently, making informed decisions. In Bihar, Nitish Kumar's longevity as Chief Minister can be attributed to women voters, who supported his prohibition policy.
Parties' Strategies
CM Hemant Soren's Mainyia Samman Yojana provides ₹1,000 to women aged 18-50. BJP's counter, Gogo-Didi Yojana, promises ₹2,100 monthly. The JMM government revised its scheme to ₹2,500.
Key Takeaways:
- 31 assembly seats have more female voters.
- Tribal reserved seats favor JMM and Congress.
- Women voters are informed and exercise their rights diligently.
- Parties must woo women to win.


कला की धरती पर छऊ का जलवा: खरसावां में आयोजित फेस्टिवल का समापन


खरसावां छऊ नृत्य कला केन्द्र में सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार के अनुसंगी संस्थान पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र कोलकाता के सौजन्य से आयोजित सांस्कृतिक छऊ फेस्टिवल-2024 संर्पन्न हो गई। 
कार्यक्रम के अंतिम दिन खरसावां छऊ, सरायकेला छऊ, मानभूम छऊ, आदि  टीमें ने अपनी कला का प्रदर्शन कर लोगों की वाह वाही लूटी। छऊ फेस्टिवल का समापन आज छऊ की  तीनों शैलियो के समागम के साथ संपन्न हुआ। इस दौरान गुरु मलय कुमार साहू के नेतृत्व में केदार आर्ट सेंटर, सरायकेला के द्वारा भगवान श्री कृष्ण एवं माननी राधा की लीलाओं पर आधारित नृत्य राधा कृष्ण एवं कालिदास की रचना पर आधारित नृत्य मेघदूत का भव्य प्रदर्शन किया गया।  
भवेश छऊ नृत्य दल, देवरी डीह, खरसावां के द्वारा असत्य पर सत्य के विजय गाथा पर आधारित नृत्य महिष मर्दीनी, लोक कला मंच, खरसावां के द्वारा गुरु बसंत कुमार गतयात के नेतृत्व में झारखंड के प्रसिद्ध शिकार परंपरा पर आधारित  नृत्य शिकारी एवं  मानभूम लोक कल्याण संघ के गुरु संतोष कुमार महतो के नेतृत्व में कलाकारों के द्वारा भीम राक्षस वध छऊ नृत्य का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया। 
कार्यक्रम का उद्घाटन
पद्मश्री छुटनी महतो, राजा गोपाल चंद्र सिंह देव, संगीत नाटक अकेडमी अवॉर्डी गुरु तपन कुमार पटनायक ने मिलकर किया। मौके पर वक्ताओ ने कहा कि सरायकेला खरसावां शहीदों औंर कलाओ की धरती है। जिले में कितनी विभिन्नताओ से सुसज्जित है। जिले में जो देखा है और कहीं नहीं देखा। इसलिए सरायकेला खरसावां को कला की धरती कहा गया है। वक्ताओ ने कहा कि कला के क्षेत्र में सबको भागीदारी मिल रहा है। 
जिला का कला संस्कृति देश के साथ विदेशों में भी फैला हुआ है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। इसी तरह से हम अपनी कला संस्कृति को बढ़ाते हुए आगे बढ़े। इस दौरान खरसावां चौक के पद्मश्री छुटनी महतो, प्रख्यात गुरु कामाख्या प्रसाद षाड़ंगी, गुरु  हरे कृष्णा पटनायक, गुरू मो दिलदार, छऊ गुरू शिवचरण साहु, बंसत गणतायत, पिनाकी रंजन, कमल महतो, सुदीप घोडाई आदि उपस्थित थे।
Kharsawan Hosts Chhau Festival: A Celebration of Art and Culture
The Chhau Festival-2024, organized by the Kharsawan Chhau Dance Art Center, an affiliate of the Eastern Zonal Cultural Center, Kolkata, under the aegis of the Ministry of Culture, Government of India, came to a close. On the final day, teams from Kharsawan Chhau, Seraikela Chhau, and Manbhum Chhau showcased their artistic prowess, leaving the audience in awe.
The festival concluded with a grand finale featuring a confluence of the three Chhau styles. Under the guidance of Guru Malay Kumar Sahu, Kedar Art Center, Seraikela, presented a captivating dance performance based on the divine love story of Radha Krishna and Kalidasa's Meghdoot.
Other notable performances included:
- Bhawesh Chhau Dance Group, Deori Dei, Kharsawan, presenting "Mahish Mardini," a dance drama depicting the triumph of truth over evil.
- Lok Kala Manch, Kharsawan, showcasing "Shikari," a dance inspired by Jharkhand's hunting traditions, under the guidance of Guru Basant Kumar Gatayat.
- Manbhum Lok Kalyan Sangh's performance of "Bhim Rakshas Vadh Chhau," a mythological dance drama, led by Guru Santosh Kumar Mahato.
The festival was inaugurated by Padma Shri Chhutni Mahato, Raja Gopal Chandra Singh Deo, and Sangeet Natak Akademi Award winner Guru Tapan Kumar Patnaik.
Speakers praised Kharsawan Seraikela as a land of martyrs and art, rich in diversity. They emphasized the importance of inclusivity in the field of art and the district's contribution to India's cultural heritage.
Prominent personalities present at the event included Padma Shri Chhutni Mahato, Guru Kamakhya Prasad Shadangi, Guru Hare Krishna Patnaik, Guru Mo Dildar, Chhau Guru Shiv Charan Sahu, Bansat Ganatayet, Pinaki Ranjan, Kamal Mahato, and Sudeep Ghodai, among others.