धनबाद विधानसभा क्षेत्र से आज तक एक बार भी किसी महिला ने जीत हासिल नहीं की है. वर्ष 1957 से 2019 के बीच हुए 15 विधानसभा चुनाव में हर बार पुरुषों ने ही बाजी मारी है.
धनबाद: धनबाद विधानसभा क्षेत्र से आज तक एक बार भी किसी महिला ने जीत हासिल नहीं की है. वर्ष 1957 से 2019 के बीच हुए 15 विधानसभा चुनाव में हर बार पुरुषों ने ही बाजी मारी है. यहां पुरुष ही विधायक बनते रहे हैं. जबकि शहरी क्षेत्र होने के कारण यहां लिंगानुपात भी ठीक है. यहां किसी जाति विशेष के मतदाता का वर्चस्व भी नहीं है. बंगाल से कट कर वर्ष 1956 में धनबाद अविभाजित बिहार का हिस्सा बना. वर्ष 1956 में ही धनबाद को पूर्ण राजस्व जिला का दर्जा मिला. कोयला राजधानी के रूप में प्रचलित धनबाद विस क्षेत्र के लिए पहला चुनाव वर्ष 1957 में हुआ. यहां हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के रामलाल दास ने जीत हासिल की. 1962 के चुनाव में भी श्री दास ही दुबारा विधायक बने. चौथे चुनाव में यानी 1969 बीकेडी के रघुवंश सिंह ने कांग्रेस के जीत का सिलसिला तोड़ा.वर्ष 1971 में यहां सीपीआइ के चिन्मय मुखर्जी ने लाल झंडा को लहराया. आपातकाल के बाद वर्ष 1977 के चुनाव में जनता लहर में कांग्रेस के योगेश प्रसाद योगेश ने इस सीट पर जीत हासिल कर कांग्रेस की खोयी प्रतिष्ठा वापस दिलायी. कांग्रेस के लिए सुरक्षित सीट माने जाने वाला धनबाद में वर्ष 1995 में बदलाव की बयार बही. भाजपा के पशुपति नाथ सिंह ने यहां जीत हासिल की. वह लगातार तीन बार विधायक रहे. फिर 2009 में यहां से कांग्रेस के मो मन्नान मल्लिक ने जीत हासिल कर भाजपा को बड़ा झटका दिया. 2014 में यहां से भाजपा के राज सिन्हा इस सीट को कांग्रेस से छीनने में सफल रहे. वह लगातार दो बार से यहां के विधायक हैं.
राज्य का दूसरा बड़ा विस क्षेत्र है धनबाद
धनबाद विधानसभा क्षेत्र में 20 नवंबर को चुनाव होना है. वोटरों के हिसाब से यह धनबाद जिला का सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र है. जबकि राज्य का यह दूसरा बड़ा विस क्षेत्र है. यहां 4,60,342 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. यह संख्या बढ़ भी सकती है. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 2,41,363, महिला मतादातओं की संख्या 2,18,962 तथा थर्ड जेंडर की संख्या 317 है. धनबाद विस क्षेत्र में कुल 458 मतदान केंद्र है. इस सीट पर सभी दलों की नजरें रहती हैं.
धनबाद के कई विधायक बन चुके हैं मंत्री
धनबाद विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले कई विधायक मंत्री बन चुके हैं. इसमें योगेश प्रसाद योगेश बिहार में कैबिनेट मंत्री रहे. पशुपति नाथ झारखंड सरकार में दो बार कैबिनेट मंत्री रहे. दोनों को ही कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी मिली थी.
कब कौन रहे विधायक
वर्ष नाम पार्टी
1957 रामलाल दास कांग्रेस
19 62 रामलाल दास कांग्रेस
1967 रामधनी सिंह कांग्रेस
1969 रघुवंश सिंह बीकेडी
1971 चिन्मय मुखर्जी सीपीआइ
1977 योगेश प्रसाद योगेश कांग्रेस
1980 योगेश प्रसाद योगेश कांग्रेस
1985 एसपी राय कांग्रेस
1990 एसपी राय कांग्रेस
1995 पीएन सिंह भाजपा
2000 पीएन सिंह भाजपा
2005 पीएन सिंह भाजपा
2009 मो मन्नान मल्लिक कांग्रेस
2014 राज सिन्हा भाजपा
2019 राज सिन्हा भाजपा
No Woman Has Ever Been Elected MLA in This Assembly After Independence
Not a single woman has ever won the Dhanbad Assembly seat. From 1957 to 2019, in all 15 elections held in this constituency, men have consistently emerged victorious.
Dhanbad: No Woman Elected Yet
Despite being an urban constituency with a balanced gender ratio, Dhanbad has never elected a woman MLA. Furthermore, no particular caste has a dominant voter base in this region. Dhanbad became part of undivided Bihar in 1956, after being separated from Bengal. In the same year, Dhanbad was also granted the status of a revenue district. Known as the coal capital, Dhanbad held its first Assembly election in 1957, with Congress candidate Ramlal Das securing the win. In 1962, Das won again, securing a second term. However, in the 1969 election, the BKD's Raghuvansh Singh ended Congress's winning streak.In 1971, Chinmoy Mukherjee of the CPI waved the red flag, defeating Congress. After the Emergency, in 1977, Congress regained the seat with Yogesh Prasad Yogesh emerging victorious amid a pro-Janata wave. For many years, Dhanbad was considered a Congress stronghold, but the trend changed in 1995 when Pashupati Nath Singh from the BJP won the seat. Singh served three consecutive terms before Congress's Mannan Mallik took the seat back in 2009, handing BJP a setback. However, in 2014, BJP's Raj Sinha reclaimed the seat from Congress. Sinha has since won twice and continues to represent the constituency.
Dhanbad – The State’s Second Largest Assembly
Elections for the Dhanbad Assembly constituency are scheduled for November 20. With 4,60,342 voters, it is the largest constituency in Dhanbad district and the second-largest in Jharkhand. The number of voters might still increase. Currently, the constituency comprises 2,41,363 male voters, 2,18,962 female voters, and 317 third-gender voters. A total of 458 polling stations have been set up. All major parties closely monitor this seat, given its significance.Several MLAs from Dhanbad Have Become Ministers
Many MLAs from Dhanbad have gone on to serve as ministers. Yogesh Prasad Yogesh was a cabinet minister in Bihar, and Pashupati Nath Singh held the position of cabinet minister twice in Jharkhand, managing several key portfolios.