28 दिसंबर 1937 को नवल और सूनू टाटा के घर जन्मे रतन टाटा ग्रुप के फाउंडर जमशेदजी टाटा के परपोते थे। वे पारसी धर्म से हैं। उनके माता पिता बचपन में ही अलग हो गए थे और दादी ने उनकी परवरिश की थी। 1991 में उन्हें टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाया गया था।
रतन टाटा का बुधवार रात निधन हो गया है। 86 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई के अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन से कारोबारी से लेकर मनोरंजन, राजनीति, खेल जगत तक शोक पसर गया है। इस मौके पर महाराष्ट्र सरकार ने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि के लिए NCPA में रखा जाएगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ऐलान किया है।
महाराष्ट्र और झारखंड सरकार ने टाटा के निधन पर एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि राज्य में सभी मनोरंजन और जश्न के कार्यक्रम रद्द रहेंगे। साथ ही उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
टाटा के परिवार ने एक बयान में कहा, ‘हम - उनके भाई, बहन और परिवार, उन सभी लोगों से मिले प्यार और सम्मान से सांत्वना और सुकून पाते हैं, जो उनका सम्मान करते थे। हालांकि, अब रतन टाटा व्यक्तिगत रूप से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी विनम्रता, उदारता और उद्देश्य की विरासत भावी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।’ टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने एक बयान में रतन टाटा को अपना ‘मित्र और मार्गदर्शक’ बताया।