नयी दिल्ली : भारत की भूमि दो भागों में बंट रही है और इसलिए यहां कभी भी विनाशकारी भूकंप आ सकता है। अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, भारतीय प्लेट दो भागों में विभाजित हो रही है और इससे देश का पूरा भूगोल बदलने और इसे नया आकार देने की संभावना है।
भारतीय प्लेट विघटन की एक नई प्रक्रिया मेंइस अध्ययन के मुताबिक, भारतीय प्लेट लगभग 60 मिलियन वर्षों से यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है। भारतीय प्लेट विघटन की एक नई प्रक्रिया से गुजर रही है। इस प्रक्रिया में भारतीय प्लेट का सघन भाग पृथ्वी के कोर में समाहित हो रहा है। इसलिए प्लेट अंदर से टूट रही है। विघटन की ये प्रक्रिया प्लेट की स्थिरता को प्रभावित कर रही है। इसलिए इस क्षेत्र में भूकंप का खतरा बढ़ गया है।
विघटन प्रक्रिया से इस क्षेत्र पर दबाव बहुत अधिक बढ़ सकता है। इसलिए बार-बार तीव्र भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस प्रक्रिया से तिब्बती पठार पर दरारें पड़ सकती हैं।
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सोमवार, 14 अप्रैल 2025
*राष्ट्रपति ने दी आंबेडकर जयंती की बधाई, कहा- उनका योगदान युवाओं को राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा दे रहा*
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती की पूर्व संध्या पर देशवासियों को बधाई दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में बाबा साहेब का योगदान युवाओं को राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा दे रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि बाबा साहेब ने चुनौतियों का सामना करने के बाद भी एक अलग पहचान बनाई। उन्होंने अपनी असाधारण उपलब्धियों से दुनिया में सम्मान पाया।
बांग्लादेश:-बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना गिरफ्तार हो सकती हैं शेख हसीना…
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, उनकी बहन शेख रेहाना और भतीजी ट्यूलिप रिजवाना सिद्दीक के नाम गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। खबर है कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका की एक अदालत ने यह वारंट आज जारी किया। 50 अन्य लोगों के खिलाफ भी वारंट जारी किया गया। इन सभी पर इल्जाम है कि राजनीतिक प्रभाव का दुरुपयोग करते हुये जमीन का अवैध अधिग्रहण किया है। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, ढाका मेट्रोपोलिटन सीनियर स्पेशल जज जाकिर हुसैन ने भ्रष्टाचार के तीन मामलों में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इन मामलों में शेख हसीना, उनकी बहन और भतीजी सहित कुल 53 लोगों के खिलाफ एंटी करप्शन कमीशन (ACC) ने चार्जशीट दाखिल की थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक मामले की अगली सुनवाई की तारीख 27 अप्रैल को तय की गई है। खबर है कि शेख हसीना इस समय भारत में पनाह लिये हुये हैं। बीते फरवरी में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा था कि “यूनुस सरकार ने देश को आतंकवाद और अराजकता का अड्डा बना दिया है।” उन्होंने यह भी वादा किया कि वे जल्द बांग्लादेश लौटेंगी और सभी पीड़ितों को न्याय दिलायेंगी।
*PNB घोटाले का प्रमुख आरोपी मेहुल चोकसी बेल्जियम में गिरफ्तार*
न्यू दिल्ली : पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले का प्रमुख आरोपी और लंबे समय से फरार चल रहे हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को आखिरकार बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है. 12 अप्रैल को बेल्जियम के एक अस्पताल से उसकी गिरफ्तारी हुई है, जहां वह इलाज के लिए भर्ती था.
सूत्रों के अनुसार, मेहुल चोकसी बेल्जियम से स्विट्जरलैंड भागने की फिराक में था. लेकिन उससे पहले ही उसे दबोच लिया गया. भगोड़े मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी भारतीय जांच एजेंसियों प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के अनुरोध पर हुई है.
गिरफ्तारी के बाद उसे भारत लाने की पूरी कोशिश की जायेगी. हालांकि, चोकसी प्रत्यर्पण प्रक्रिया को लंबा खींचने की कोशिश करेगा. बता दें कि चोकसी का भतीजा नीरव मोदी भी इस बहुचर्चित घोटाले में सह-आरोपी है और वह फिलहाल लंदन में प्रत्यर्पण की कानूनी प्रक्रिया का सामना कर रहा है.
सूत्रों के अनुसार, चोकसी लंबे समय से स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर प्रत्यर्पण से बचता रहा है. उसके वकीलों ने दावा किया था कि वह ब्लड कैंसर से पीड़ित है और इसलिए भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता.
हालांकि, एजेंसियों ने बेल्जियम की अदालत में दलीलें दी कि अगर चोकसी इलाज के लिए एंटीगुआ से बेल्जियम आ सकता है, तो भारत आकर भी उसका इलाज हो सकता है.
एजेंसी की इसी तर्क पर बेल्जियम पुलिस ने कार्रवाई की और मेहुल चोकसी को गिरफ्तार कर लिया. बता दें कि भारत सरकार ने सितंबर 2024 में चोकसी के प्रत्यर्पण की आधिकारिक अपील की थी.
गौरतलब है कि मेहुल चोकसी 2018 में 13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के उजागर होने के बाद भारत से फरार हो गया था और एंटीगुआ में जाकर बस गया था. मई 2021 में वह रहस्यमयी तरीके से एंटीगुआ से भी लापता हो गया था. उस दौरान उसके डोमिनिका में होने की खबर आयी थी.
हालांकि चोकसी ने आरोप लगाया था कि भारतीय एजेंसियों ने उसका अपहरण किया था. इस आधार पर इंटरपोल ने उसके खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस को भी हटा दिया था.
इधर ED ने भगोड़े चोकसी पर कार्रवाई करते हुए उसकी करीब 1,217 करोड़ रुपये की 41 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था, जिनमें मुंबई, कोलकाता, तमिलनाडु, गोवा और सूरत की कीमती जमीनें और बंगले शामिल हैं.
मुर्शिदाबाद:-मुर्शिदाबाद में हमारे खिलाफ जैसे यु’द्ध छेड़ दिया, पेट्रोल ब’म और पत्थरों से हुए ह’मले : DIG
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज इलाके में भड़की हिंसा के बाद हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस क्षेत्र में सुरक्षा के लिहाज से BSF यानी सीमा सुरक्षा बल की नौ कंपनियों को तैनात किया गया है। BSF के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के DIG और PRO नीलोत्पल कुमार पांडेय ने कहा कि जवानों के पहुंचने पर अराजक तत्वों ने हमारे खिलाफ जैसे युद्ध छेड़ दिया। हमारी पेट्रोलिंग पार्टी पर ईंट-पत्थरों के साथ पेट्रोल बम फेंके गए। हमला करने वाले वही लोग हैं, जो इलाके में लगातार कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं।
DIG ने बताया कि हालांकि इस हमले में किसी भी BSF जवान के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना नहीं है। भारी पथराव में कुछ जवानों को मामूली चोटें आई हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए BSF ने सुसूतिया और शमशेरगंज थाना क्षेत्र सहित आसपास के संवेदनशील इलाकों में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है। BSF ने माना है कि स्थानीय लोग डरे हुए हैं। इस डर को दूर करने और विश्वास बहाल करने के लिए जवान लगातार इलाके में फ्लैग मार्च कर रहे हैं। BSF के DIG ने बताया कि हम राज्य पुलिस के साथ मिलकर समन्वय में काम कर रहे हैं ताकि स्थिति पर पूरी तरह नियंत्रण पाया जा सके। शुरुआती दौर में प्रशासन के आग्रह पर दो कंपनियों को मौके पर भेजा गया था। जब हालात बिगड़ने लगे तो अतिरिक्त बलों की तत्काल तैनाती की गई। अब सभी संवेदनशील इलाकों और संभावित हॉटस्पॉट्स पर BSF की तैनाती की गई है।
बिहार:-*चुनाव से पहले CM नीतीश ने युवाओं को दिया बड़ा तोफा, बिना गारंटी के मिलेगा अब 95 हजार छात्रों को लोन…*
बिहार: बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए और ज्यादा सशक्त बनाने का निर्णय लिया है. CM नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी ‘सात निश्चय’ योजना के तहत चल रही स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का दायरा अब और बढ़ाया जाएगा. इस वर्ष राज्य के 95 हजार छात्रों को शिक्षा ऋण देने की योजना है, जिसके लिए बजट में 1000 करोड़ रुपये का विशेष प्रावधान किया गया है.
10 हजार छात्रों की संख्या बढ़ेगी, पिछली बार 94% स्वीकृति
पिछले वर्ष (2024-25) में राज्य सरकार ने 85 हजार छात्रों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत लोन देने का लक्ष्य रखा था. इसमें 94% यानी 80 हजार छात्रों को लोन स्वीकृत भी हुए. इस साल सरकार इस लक्ष्य को बढ़ाकर 95 हजार करने पर विचार कर रही है.
किस जिले को कितना लाभ? पटना और वैशाली सबसे आगे
राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार पटना जिले में सबसे अधिक 6618 छात्रों को लोन स्वीकृत हुए, जो लक्ष्य का 126% है. वहीं वैशाली जिले में यह आंकड़ा और भी ऊंचा है—2642 के लक्ष्य के विरुद्ध 3631 छात्रों को लोन मिले, जो लक्ष्य का 137% है. इसके अलावा मुजफ्फरपुर, बक्सर, नालंदा, समस्तीपुर, पश्चिमी-पूर्वी चंपारण, शेखपुरा जैसे जिलों में भी लक्ष्य से अधिक छात्रों को लाभ मिला.
अब तक 3.59 लाख छात्रों को मिला फायदा
इस योजना की शुरुआत से अब तक राज्य भर के 3 लाख 59 हजार 424 छात्रों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के जरिए लोन मिल चुका है. राज्य शिक्षा वित्त निगम के माध्यम से 6943 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है, जिससे बिहार के युवाओं को देश के विभिन्न हिस्सों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने में बड़ी सहूलियत मिली है.
कमजोर तबकों पर विशेष फोकस
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह ग्रामीण, पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के छात्रों को भी उच्च शिक्षा का अवसर देता है. बैंक से ऋण की जटिल प्रक्रिया से दूर, राज्य सरकार खुद गारंटर बनती है और छात्रों को आसानी से लोन मिलता है.
बरसोल:-इनदिनों बड़े पैमाने पर बादाम की खेती होने लगा है हुई बारिश राहत लेकर आई है.......
बहरागोड़ा संवाददाता:-देबाशीष नायक
बरसोल : बरसोल में इनदिनों बड़े पैमाने पर बादाम की खेती होने लगा है.लेकिन कुछ समय से सूखे की मार झेल रहे किसानों के लिए रात को हुई बारिश राहत लेकर आई है.शाम को मौसम ने बादाम की फसल के ऊपर राहत की बारिश की. वहीं धान की फसल के लिए यह बारिश संजीवनी से कम नहीं है. देर से ही सही लेकिन झमाझम बारिश ने सभी को खुश कर दिया है.बादाम की खेती करने वाले किसानों सुकुमार सन्द,शिबनाथ देहुरी, अर्जुन देहुरी, बबलू सन्द,सुकुमार दलाई, प्रताप सेनापति आदि ने कहा बाहरागोड़ा प्रखंड के अलग-अलग क्षेत्रों में बादाम की खेती में फ्लावरिंग शुरू होने वाली है.ऐसे में इस समय मौसम का बरसना काफी जरूरी होता है. मौसम के बरसने से बादाम की फसल के बेहतर होने की उम्मीदें बढ़ गई है.मौसम में आए अचानक बदलाव से किसानों काफी खुश हैं.किसान इस वर्ष के शुरू से बारिश की आस लगाए हुए थे, लेकिन आसमान में हल्के बादल आने के बाद मौसम साफ हो जाता था. लेकिन शाम को आसमान से राहत की फुहारें बरसीं.बरसोल के बहूलिया,पाठपुर, दारखुली,पचंडो,रघुनिया,कुमारडूबी जहां पर बादाम की फसल होती है लेकिन मौसम ने बादाम की खेती को फिलहाल संकट में डाल दिया था.किसानों का कहना था कि अगर कुछ दिनों में मौसम नहीं बरसा तो उनकी पूरे वर्ष की मेहनत पर पानी फिर जाएगी. सिंचाई करके पानी देने से बहुत ही बरदान साबित होता है बरसात का पानी. इसीलिए सभी किसानों को बादाम तैयार होने तक बिच बिच में पानी की जरूरत होती है.
नेताजी सुभाष लॉ इंस्टीट्यूट में डॉ. अंबेडकर की 135वीं जयंती पर सेमिनार का आयोजन, सोशल जस्टिस और कॉन्स्टिट्यूशन वैल्यूज पर हुई चर्चा...
आज 14 अप्रैल भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती के अवसर पर नेताजी सुभाष विधि संस्थान एवं एनएसएस सेक्शन के संयुक्त तत्वावधान में एक प्रेरणादायक सेमिनार का आयोजन किया गया। यह आयोजन न केवल डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करने का माध्यम बना, बल्कि उनके विचारों और सिद्धांतों को वर्तमान पीढ़ी तक पहुंचाने का एक सार्थक प्रयास भी रहा।
इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मिस वैशाली श्रीवास्तव, जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-VII सह फास्ट ट्रैक कोर्ट (CAW) थीं। उन्होंने अपने प्रेरणादायक संबोधन में डॉ. अंबेडकर के जीवन, उनके द्वारा सामाजिक न्याय के लिए किए गए संघर्षों, संविधान निर्माण में उनकी अहम भूमिका और कानूनी चेतना के महत्व पर गहराई से प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. अंबेडकर केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचारधारा हैं, जो आज भी हमें न्याय, समानता और अधिकारों के प्रति जागरूक होने की प्रेरणा देते हैं।
इस सेमिनार का उद्देश्य छात्रों को डॉ. अंबेडकर के आदर्शों, उनके संवैधानिक दृष्टिकोण तथा समाज में समानता और बंधुत्व की भावना को समझाने और अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना था। कार्यक्रम में संस्थान के छात्र-छात्राओं, संकाय सदस्यों और एनएसएस स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और विषय से जुड़ी चर्चाओं में सक्रियता दिखाई।
संस्थान के निदेशक महोदय ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों एवं आयोजन से जुड़े सदस्यों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन छात्रों को न केवल विधिक ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति भी सजग बनाते हैं।
कार्यक्रम के अंत में यह संदेश स्पष्ट रूप से उभरा कि यदि आज का युवा वर्ग डॉ. अंबेडकर के आदर्शों को आत्मसात कर ले, तो एक न्यायसंगत और समरस समाज की स्थापना संभव है। इस तरह की सेमिनार्स छात्र जीवन में सोच के नए आयाम जोड़ने का कार्य करती हैं और उन्हें संविधान की मूल आत्मा से जोड़ती हैं।