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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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सोमवार, 31 मार्च 2025

सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाए प्रशासन अन्यथा अपनो की सुरक्षा के लिए सड़क पर उतरेंगे लोग: मनोज चौधरी

सरायकेला: रविवार की देर रात नगर पंचायत क्षेत्र में हुई सड़क दुर्घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज चौधरी ने कहा की सरायकेला खरसावां केवल नाम मात्र का जिला है.यहां कहीं भी जिला स्तरीय कोई सुविधा नहीं.जिले में आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही है लेकिन प्रशासन इसपर अंकुश लगाने में विफल हो रहा है.उन्होंने कहा कि कल रात हुई सड़क दुर्घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. ऊपर वाले की कृपा रही की इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ.लेकिन ये जरूरी नहीं की हर बार कोई क्षति न हो. 
उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से सड़क दुर्घटनाओं में अपने परिजन और परीचितों की मौत देखने और सहने की हिम्मत खत्म हो गई है. प्रशासन द्वारा सड़क सुरक्षा समिति के बैठक के नाम पर केवल कोरम पूरा किया जाता रहा है. सरायकेला स्थित राज्यकीय उच्च पथ काफी व्यस्त सड़क है 
 सरायकेला की मुख्य सड़क पर पूरे कोल्हान का लोड है ऊपर से श्री सीमेंट कंपनी की हजारों गाड़ियां, लोह अयस्क की हजारों गाड़ियां एव अन्य उधोगो की हजारों गाड़ियां से प्रतिदिन कई लोग घायल और कई लोगों की जान जा रही है मेरे द्वारा लगातार सरायकेला स्थित राजकीय उच्च मार्ग में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अस्थायी नो एंट्री एवं स्थायी समाधान हेतु रिंग रोड की मांग की जा रही है जिसका शिकायत लोकायुक्त झारखंड से की थी लोकायुक्त के निर्देश पर प्रशासन द्वारा लागू नो एंट्री केवल सरकारी दस्तावेज बनकर रह गई. हमारी मांगों में पहल करते हुए प्रशासन को सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए गंभीरता से कार्य करें ताकि भविष्य में जान माल की रक्षा हेतु सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे.
चौधरी ने कहा की प्रशासन अविलंब इसपर रोक लगाए अन्यथा क्षेत्र की जनता अपनों की जान माल की सुरक्षा के लिए सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होगी.

CM हेमंत ने ईद के मौके पर दी दिली मुबारकबाद

रांची : CM हेमंत सोरेन और ने ईद-उल-फितर के मौके पर सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। 
मुख्यमंत्री ने अमन, भाईचारे और सौहार्द का त्योहार ईद-उल-फितर के अवसर पर सभी को दिली मुबारकबाद दी है।
 उन्होंने सोमवार को सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि आप सभी स्वस्थ, सुखी और खुशहाल रहें, यही दुआ करता हूं।

धोनी पर उठे सवाल, महेंद्र सिंह धोनी को लेकर कोच फ्लेमिंग का चौंकाने वाला खुलासा

IPL 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) को लगातार दूसरी हार का सामना करना पड़ा है. राजस्थान रॉयल्स (RR) की टीम ने रविवार को गुवाहाटी में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) को आखिरी गेंद तक खिंचे एक बेहद रोमांचक IPL मुकाबले में 6 रन से हरा दिया. चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) को आखिरी 6 गेंदों में जीत के लिए 20 रन चाहिए थे. 
महेंद्र सिंह धोनी आखिरी ओवर में मैच फिनिश नहीं कर पाए और 11 गेंदों पर 16 रन बनाकर आउट हो गए. उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं करने पर महेंद्र सिंह धोनी के आलोचक उन पर सवाल उठा रहे हैं।
राजस्थान रॉयल्स (RR) के खिलाफ IPL मैच हारने के बाद चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के हेड कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से बात की.
स्टीफन फ्लेमिंग ने खुलासा किया कि महेंद्र सिंह धोनी चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के लिए बैटिंग ऑर्डर में ऊपर आकर बल्लेबाजी नहीं कर सकते हैं. महेंद्र सिंह धोनी घुटने की चोट से जूझ रहे हैं, जिसके लिए उन्होंने 2023 में सर्जरी करवाई थी. इसलिए वह कहां और किस नंबर पर बैटिंग करेंगे यह मैच की स्थिति और उनकी फिटनेस के आधार पर तय किया जाएगा.
फ्लेमिंग ने कहा, 'हां, यह समय की बात है. एमएस इसका आकलन करते हैं. उनका शरीर, उनके घुटने पहले जैसे नहीं हैं और वे ठीक से चल रहे हैं, लेकिन इसमें अभी भी एक कमी है. वे पूरे 10 ओवर तक दौड़कर बल्लेबाजी नहीं कर सकते. इसलिए वे उस दिन आकलन करेंगे कि वे हमें क्या दे सकते हैं. अगर खेल संतुलन में है, तो वे थोड़ा पहले जाएंगे, और जब अन्य अवसर आएंगे तो वे अन्य खिलाड़ियों का समर्थन करेंगे. इसलिए वे इसे संतुलित कर रहे हैं.'
क्या इसका मतलब यह है कि धोनी चेन्नई के लिए बोझ बन गए हैं? फ्लेमिंग ने जल्दी ही इस बात को शांत करते हुए कहा कि वह फ्रैंचाइजी के लिए एक बड़े खिलाड़ी बने हुए हैं. फ्लेमिंग ने कहा, 'मैंने पिछले साल भी कहा था कि वह हमारे लिए बहुत मूल्यवान (नेतृत्व और विकेटकीपिंग में) हैं. उन्हें (धोनी) 9-10 ओवरों में खिलाना उचित नहीं है. उन्होंने ऐसा कभी नहीं किया है. वह 13-14 ओवर के बाद ही बल्लेबाजी करने उतरते हैं. धोनी खुद देखते हैं कि स्थिति क्या है. मैदान पर कौन है, वह इस बात पर निर्भर करता है.'

सरहुल पूजा आज से, पहले दिन मछली और केकड़ा पकड़ने की परंपरा…

आदिवासियों के महापर्व सरहुल की शुरुआत सोमवार (31 मार्च) से हो रही है. हातमा के जगलाल पाहन ने बताया है कि पहले दिन सरना समुदाय के लोग उपवास पर रहेंगे. इसी दिन मछली और केकड़ा भी पकड़ा जायेगा.
 युवा तालाब, पोखर, चुआं या आसपास के जलस्रोतों के पास जाकर मछली और केकड़ा पकड़ेंगे. घर के मुखिया शाम को पुरखों का स्मरण करेंगे और उन्हें पकवान और तपावन आदि अर्पित करेंगे. शाम में जल रखाई पूजा होगी. इसके लिए पाहन दो नये घड़ों में तालाब या नदी से पानी लाकर साफ-सुथरा किये गये सरना स्थल पर लाकर रखेंगे.
क्यों दी जाती है 5 मुर्गे-मुर्गियों की बलि?
इसी पूजा के दौरान 5 मुर्गे-मर्गियों की बलि दी जायेगी. इनमें सफेद मुर्गे की बलि सृष्टिकर्ता के नाम पर दी जायेगी. लाल मुर्गे की बलि हातू बोंगा (ग्राम देवता) के नाम पर, जल देवता (इकिर बोंगा) के नाम पर माला मुर्गी, पूर्वजों के नाम पर लुपुंग या रंगली मुर्गी और बुरी आत्माओं को शांत कराने के लिए काली मुर्गी की बलि दी जायेगी.
मछली और केकड़ा पकड़ने की परंपरा आदिवासी समाज का मानना है कि मछली और केकड़ा ही पृथ्वी के पूर्वज हैं. समुद्र के नीचे पड़ी मिट्टी को ऊपर लाकर ही पृथ्वी बनी. इसका पहला प्रयास मछली और केकड़े ने ही किया था. सरहुल का पहला दिन इन्हीं को समर्पित होता है. पकड़े गये केकड़े को रसोई घर में ऊपर टांग दिया जाता है. कुछ महीने बाद इनके चूर्ण को खेतों में इस मनोकामना के साथ छींट दिया जाता है कि जैसे केकड़े की कई भुजाएं होती हैं, उसी तरह खेतों में फसलों की भरपूर बालियां हों.

टैक्स से खजाने में आये रुपये 22,172 करोड़, राज्य में अब तक की सर्वाधिक वसूली….

रांची: वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार ने राज्य गठन के बाद से सबसे ज्यादा टैक्स वसूली की है. टैक्स के विभिन्न स्रोतों से राज्य सरकार के खजाने में 22,172.56 करोड़ रुपये जमा हुए हैं. यह पिछले वित्तीय वर्ष से 1,097.21 करोड़ रुपये अधिक हैं. वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य सरकार ने राजस्व के रूप में 21,075.35 करोड़ रुपये की वसूली की थी.
सबसे अधिक राशि जीएसटी से मिली राज्य सरकार को सबसे अधिक राशि जीएसटी से मिली है. जीएसटी और सीजीएसटी मिलाकर झारखंड सरकार को 14,156.73 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं. जीएसटी से 8905.44 करोड़ और सीजीएसटी से 5251.29 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया है. 
इसके अलावा जीएसटी कंपनसेशन के रूप में राज्य को 35.74 करोड़ रुपये भारत सरकार से भी प्राप्त हुए हैं. गैर जीएसटी कर राजस्व के रूप में राज्य के कोषागार में 7980.09 करोड़ रुपये आये हैं. इसमें वैट से 6518.43 करोड़, जेपीटी से 100.42 करोड़ और जेइडी से की गयी 1361.24 करोड़ रुपये की वसूली शामिल है.
रिकॉर्ड वसूली के बाद भी लक्ष्य पूरा नहीं
राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा रिकॉर्ड वसूली के बाद भी कर वसूली का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार ने 26000 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया था. 
लेकिन, वित्तीय वर्ष के अंत तक लक्ष्य का 85.28 प्रतिशत ही वसूला जा सका है. हालांकि, राज्य सरकार की छुट्टी के बाद राजस्व संग्रहण का कार्य ऑनलाइन माध्यम से 31 मार्च तक जारी रहेगा. इस वजह से वसूली गयी राशि में थोड़ी वृद्धि संभव है.

भारत की जरूरतें और पाकिस्तान की सप्लाई…

सेंधा नमक – स्वाद और स्वास्थ्य का रिश्ता 
मुल्तानी मिट्टी – सौंदर्य का पाकिस्तानी उपहार
पत्थर और चूना – मजबूत इमारतों की बुनियाद
ऑप्टिकल लेंस – पाकिस्तानी तकनीक का कमाल
चमड़ा – पाकिस्तानी उद्योग की मजबूत पकड़
कन्फेक्शनरी प्रोडक्ट्स – स्वाद की सीमाएं नहीं होतीं
स्टील और तांबा – उद्योग जगत की मजबूती
भारत और पाकिस्तान के रिश्ते चाहे जितने भी उलझे हुये क्यों न रहे हों, लेकिन व्यापार की डोर ने हमेशा दोनों देशों को किसी न किसी रूप में जोड़े रखा है। राजनीतिक तनाव के बावजूद भी, कुछ जरूरी चीजें ऐसी हैं, जिनकी आपूर्ति के लिये भारत अपने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पर निर्भर है। आइये जानते हैं वो 10 अहम चीजें, जो पाकिस्तान से भारत आती हैं और भारतीय बाजार में जिनकी भारी मांग है।
सेंधा नमक – स्वाद और स्वास्थ्य का रिश्ता (India Pakistan business relations)
भारत में व्रत-उपवास से लेकर सेहतमंद खान-पान तक में सेंधा नमक का अहम स्थान है। यह खास नमक पाकिस्तान से भारत आता है? दरअसल, सेंधा नमक की सबसे अच्छी खदानें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित हैं, जहां से यह भारत पहुंचता है।
मुल्तानी मिट्टी – सौंदर्य का पाकिस्तानी उपहार
प्राचीन समय से ही मुल्तानी मिट्टी भारतीय महिलाओं की खूबसूरती का राज रही है। लेकिन इसकी असली खदानें पाकिस्तान के मुल्तान शहर में हैं। इसलिये भारत अपनी प्राकृतिक सौंदर्य देखभाल के लिये पाकिस्तान से इसे आयात करता है।
पत्थर और चूना – मजबूत इमारतों की बुनियाद
भारत में कई तरह की इमारतों और स्मारकों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कुछ विशेष प्रकार के पत्थर और चूना पाकिस्तान से आते हैं। खासकर मार्बल और चुनाई में इस्तेमाल होने वाला चूना पाकिस्तान की धरती से निकाला जाता है।
ऑप्टिकल लेंस – पाकिस्तानी तकनीक का कमाल
भारत में चश्मे के लेंस की बढ़ती मांग को देखते हुये, पाकिस्तान से इनका आयात किया जाता है। वहां के ऑप्टिकल लेंस की गुणवत्ता बेहतर मानी जाती है, इसलिये भारतीय बाजार में इसकी अच्छी मांग बनी हुई है।
चमड़ा – पाकिस्तानी उद्योग की मजबूत पकड़
पाकिस्तान के चमड़ा उद्योग का दबदबा पूरी दुनिया में है। भारतीय फुटवेयर, बैग और अन्य चमड़े के उत्पादों में पाकिस्तान से आयात किए गए चमड़े का खासा इस्तेमाल होता है। कन्फेक्शनरी प्रोडक्ट्स – स्वाद की सीमाएं नहीं होतीं पाकिस्तान से कई तरह के ड्राई फ्रूट्स और मिठाइयों का आयात किया जाता है। खासकर वहां के खास तरबूज, बादाम और अन्य मेवों की भारतीय बाज़ार में भारी मांग है।
स्टील और तांबा – उद्योग जगत की मजबूती
भारत अपने कई उद्योगों के लिए पाकिस्तान से स्टील और तांबा आयात करता है। कई बार निर्माण कार्यों के लिए विशेष गुणवत्ता वाली धातुओं की आवश्यकता होती है, जो पड़ोसी देश से मंगवाई जाती हैं।

दिल्ली सहित देशभर में धूमधाम से मनाई जा रही ईद, लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर दी बधाई

दिल्ली/रांची :-माह-ए-रमजान में एक माह के अनुशासित रोजे का उपहार मिल गया है। बुधवार को चांद दिख गया। ऐसे में आज बृहस्पतिवार को दिल्ली समेत पूरे देश में खुशियों का त्यौहार ईद धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है।
ईद के मौके पर जामा मस्जिद में बड़ी संख्या में जुटे लोगों ने नमाज अदा की। नमाज के बाद एक-दूसरे को गले मिलकर ईद की बधाई दी.झारखंड के रांची,बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद, गिरिडीह, जामताड़ा सहित सभी जिलों में ईद का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है.
कतरास कोयलांचल के कतरास, छाताबाद,लोयाबाद, श्यामडीह,छरीदारडीह, बिल्बेरा, महुदा,दरदा, बाघमारा सहित अन्य इलाकों में भी ईद की धूम है.सभी जगहों पर मस्जिद व ईदगाह में ईद की नमाज अता की.ईद को लेकर मस्जिद-ईदगाह से लेकर गांव,मुहल्ला व टोलो व शहरी क्षेत्रों की साज सज्जा देखते ही बन रही है.

आसपा प्रदेश अध्यक्ष काशिफ़ रज़ा ने ओल्ड ऐज होम में बांटी ईद की खुशियां

आज दिनांक 31/03/25 को ईद के अवसर पर आज़ाद समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष काशिफ़ रज़ा सिद्दीकी ने जमशेदपुर के बाराद्वारी स्थित आशीर्वाद ओल्ड ऐज होम में बुजुर्गों के साथ ईद की खुशियां बांटी,
 उन्होंने कहा की आज ईद के अवसर पर हमलोग ईद की खुशियां उनके साथ बांटने आये हैं जो खुशियों से महरूम हैं।
काशिफ़ रज़ा ने कहा कि ओल्ड ऐज होम आकर उनका मन दुखी है क्योंकि यहाँ हमें इस दुनिया में लाने वालों को उनके बच्चो ने इस उम्र में अकेला छोड़ दिया है, 
यह कैसे सम्भव है, इंसान इतना कैसे गिर सकता है, हमारी कोशिश है कि हम इनके दुखी मन और जीवन में इस छोटी से कोशिश के द्वारा खुशी और चेहरों पर मुस्कान ला सके।
आज के कार्यक्रम में नईम खान, फैय्याज आलम, अनूप कुमार, दिनेश कुमार, मुहम्मद वसीम, शमीम अहमद, अली वाहिद, कफील अहमद, आफताब पठान, आसिफ और अन्य उपस्थित थे।

रेंगोगोड़ा के बेटी ने किया मां का अंतिम संस्कार, शव को दी मुखाग्नि, निभाया संतान होने का फर्ज

मौजूदा दौर में बेटा-बेटी मेंं अब फर्क नहीं रहा। कहते है कि आज के बेटी किसी बेटे से कम नहीं होती, जो काम बेटा कर सकता है, वही काम बेटी भी कर सकती हैं। काम चाहे घर का हो या घर की चारदीवारी से बाहर का। 
एही नहीं बल्कि बेटीयां अब रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़ भी रही है। सनातन धर्म में ऐसा परंपरा है कि बेटे ही शव को मुखाग्नि देते है, लेकिन इस परंपरा को तोड़कर सुदूर ग्रामीण क्षेत्र की एक बेटी अन्नापूर्णा महतो ने अपने माँ का अंतिम संस्कार किया और शव यात्रा में शामिल होकर शव को मुखाग्नि दी । 
ज्ञात हो कि अन्नापूर्णा महतो खरसवां प्रखण्ड के बुरुडीह ग्राम पंचायत अन्तर्गत रेंगोगोड़ा गाँव की निवासी है जो गाँव के मध्य विद्यालय में पारा शिक्षिका के रूप में कार्यरत है। सामाजिक बंधनों से मुक्त इस बेटी ने संतान होने का फर्ज निभाते हुए अपनी मां का अंतिम संस्कार किया और शव यात्रा में शामिल होकर शव को मुखाग्नि दी। इसके अलावे उन्होंने श्राद्धक्रम भी करवाया। 
दरअसल ग्रामपंचात बुरुडीह के ग्राम रेंगोगोड़ा में रहने वाली अन्नापूर्णा महतो की मां सुपालिनी देवी का 20 मार्च 2025 गुरुवार को निधन हो गया था। अन्नापूर्णा महतो के अपने भाई नहीं थे । 
ऐसे में बेटी अन्नापूर्णा महतो ने शमशाान घाट में विधिविधान से अपनी मां का अंतिम संस्कार किया और शव को मुखाग्नि दी। इसके अलावे उन्होंने रविवार को श्राद्धक्रम भी करवाया। 
मौके पर उपस्थित स्थानीय युवा सामाजिक कार्यकर्ता हेमसागर प्रधान ने बताया कि इस बेटी ने समाज में इस गलत धारणा को दूर किया है जिसमें ये कहा जाता है कि सिर्फ बेटा ही मुखाग्नि दे सकता है। 
समाज की ये अवधारणा है कि अंतिम संस्कार में महिलाएं शामिल नहीं होती। यह तथ्य मौजूदा सदी में अव्यावहारिक हो चला है। ऐसा ही उदाहरण पेश की है-रेंगोगोड़ा के कुर्मी समाज की बेटी अन्नापूर्णा महतो ने अपनी माँ को मुखाग्नि दिया और रूढ़िवादी परंपराओं पर कुठारघात किया है जो सराहनीय ही नहीं बल्कि अनुकरणीय भी है। रेंगोगोडा स्थित शमशान घाट पर जब माँ की शव को बेटी मुखाग्नि दी और इसके बाद श्राद्धक्रम की उस दौरान कई समाजसेवी सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

ओड़िया नाटक मंचन को उत्कल युवा एकता मंच सरायकेला द्वारा विगत कुछ वर्षों से एक बार फिर से जीवंत बनाया जा रहा हैं

सरायकेला क्षेत्र को परंपरागत ओड़िया नाटक मंचन को उत्कल युवा एकता मंच सरायकेला द्वारा विगत कुछ वर्षों से एक बार फिर से जीवंत बनाया जा रहा है। 
इसी के तहत शनिवार से उत्कल युवा एकता मंच सरायकेला के द्वारा सरायकेला के पब्लिक दुर्गा पूजा मैदान में चार दिवसीय ओड़िया नाटक मंचन का शुभारंभ किया गया।
 जिसका विधिवत उदघाटन बतौर मुख्य अतिथि बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी एवं पूर्व विधायक अरविंद कुमार सिंह उर्फ मलखान सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया।
 जिसके बाद उत्कल युवा एकता मंच की ओर से अभिनय कला के दिवंगत कलाकारों के आश्रितों को मंच से सम्मानित किया गया जिसमें अतिथियों द्वारा रत्न प्रभा देवी, मिनीती देवी एवं मंदोदरी मोहंती सम्मानित किया गया। मौके पर अपने संवर्धन में पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि यदि उड़िया भाषा एवं संस्कृत को बचाना है तो सभी अपने संस्कृति के प्रति गर्व करना प्रारंभ कर दें। 
पूर्व विधायक अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि भाषा संस्कृति खत्म हुई तो समाज देश विनाश के ओर से चला जाता है। उन्होंने कहा कि सर एकल का बहुत गौरवशाली इतिहास रहा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए मंच के अध्यक्ष गोलीक बिहारी पति एवं सचिव रूपेश साहू ने बताया कि पहले दिन उत्कल युवा एकता मंच सरायकेला की ओर से पौराणिक कथा से जुड़ा प्रसिद्ध नाटक केते दुःख देबू दे रे कालिया का मंचन किया गया है।