खरसावां के समाजसेवी सह शिक्षाविद् आलोक दास ने राज्य सरकार की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर नाराजगी जताते हुए प्रेस वार्ता कर कहा कि JPSC, JSSC,JTET परीक्षा के लिए आवेदन भरवा कर अभ्यर्थियों से आवेदन शुल्क भी लिया गया लेकिन हमेशा की तरह कुछ न कुछ त्रुटियां के चलते परीक्षा नहीं लिया जा रहा है जिसके चलते झारखंड प्रदेश के हजारों विद्यार्थियों के साथ साथ उनके परिवारों का सपना और भविष्य भी अंधेरे में दिखने लगा है

क्योंकि हजारों विद्यार्थियों ने एक सपना देखते हुए प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में सालों साल मेहनत कर रहे है अपने गांव घर से दूर रहकर कितनी तकलीफ झेलते हुए लेकिन सरकार को इनकी चिंता ही नहीं है। की सरकार की लापरवाही की वजह से कितने अभ्यर्थियों के उम्र खत्म हो गए है और कितनों के उम्र खत्म होने की कगार पर है। गरीब अभ्यर्थी तो मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस करते देखे जा रहे है उनके मन में एक ही सवाल है कि उनके माता पिता कितनी मेहनत से मजदूरी करके अपने बच्चों को सरकारी नौकरी की आश लिए तैयारी करने भेजे है लेकिन इसमें किसी का उम्र सीमा तो किसी का सब्र सीमा भी खत्म हो रहा है क्योंकि हर एक अभ्यर्थी की उम्र के साथ साथ घर परिवार और भविष्य की जिम्मेदारी बढ़ती जाती है जिसके चलते सब्र भी खत्म होते जा रही है।
ऊपर से सरकार की क्वेश्चन पेपर लीक मामला तो झारखंड का एक महत्पूर्ण विषय बन हुआ है नियुक्ति नहीं होने के कारण सभी विभागों में कर्मचारियों की कमी हो रही है प्रत्येक वर्ष रिटायरमेंट हो रहे कर्मचारियों का एक प्रतिशत भी नियुक्ति नहीं हो पा रहा है जिसके चलते सरकारी विभागों का कार्य धीमी हो गई है।
और जनता को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है अतः मीडिया के माध्यम से मैं सरकार एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों से आग्रह करूंगा की अभ्यर्थियों की ये समस्या कही नकारात्मक प्रभाव में न आ के कोई गलत कदम उठाए उससे पहले इस समस्या का समाधान किया जाए।