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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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सोमवार, 14 अप्रैल 2025

खरसावां:-खरसावां थाना परिसर में अग्रिम रक्षक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा विशेष भर्ती अभियान के तहत सुरक्षाजवान, सुरक्षा सुपरवाइजर, ड्राइवर, हाउसकीपिंग, गण मैन की भर्ती...

खरसावा संवाददाता
खरसावां थाना परिसर में अग्रिम रक्षक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा विशेष भर्ती अभियान के तहत सुरक्षाजवान, सुरक्षा सुपरवाइजर, ड्राइवर, हाउसकीपिंग, गण मैन की भर्ती शिविर का आयोजन किया गया इस शिविर में विभिन्न गांव से पहुंचे युवकों को दस्तावेज सत्यापन शारीरिक जांच लिया गया जिसमें 22 सुरक्षा जवान, पांच सुरक्षा सुपरवाइजर, पांच ड्राइवर कुल 32 को मिला नियुक्ति पत्र आगामी 22 अप्रैल को रांची में मेडिकल जांच के लिए बुलाया गया है। इसके बाद एक माह का प्रशिक्षण रांची में होगा और प्रशिक्षण उपरांत 60 वर्ष तक की नौकरी पूरे झारखंड के हॉस्पिटल, स्कूल, कॉलेज, बैंक, शोरूम, एटीएम आदि स्थानों में तैनाती होगी। इसकी जानकारी भर्ती अधिकारी संतोष कुमार सिंह और सहायक विजय मुंडा ने देते हुए बताया कि आगामी 15 अप्रैल को दल भंगा ओपी में, 16 अप्रैल को गम्हरिया थाना में, 17 अप्रैल को आदित्यपुर थाना में, 18 अप्रैल को राजनगर थाना में तथा 19 अप्रैल को सरायकेला थाना परिसर में सुबह 11:00 बजे से शाम 3:00 बजे तक भर्ती होगा।

सरायकेला:-प्राचीन आंकलपाट पीठ के वार्षिक पूजन में शामिल हुए नपं के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज चौधरी, मत्था टेक क्षेत्र वासियों की कुशलक्षेम की कामना की....

सारायकेला संवाददाता  


सरायकेला: सरायकेला स्थित प्राचीन जाहिरा देवी स्थल पर लगभग 300 साल से चली आ रही परंपरा का निर्वहन करते हुए इस वर्ष आयोजित बाबा आंकलपाट की वार्षिक पुजा श्रद्धालुओं द्वारा प्रतिवर्ष श्रद्धा और भक्ति भाव होती है इस वर्ष वार्षिक पूजा में काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा आंकलपाट की पूजा की बाबा आंकलपाट की पूजा में नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी शामिल हुए उन्होंने मत्था टेक बाबा से क्षेत्रवासियों को सुख-समृद्धि और आरोग्यता प्रदान करने की प्रार्थना की। मौके पर पूर्व वार्ड पार्षद मनबोध साथुवा, बीजू दत्ता, देउरी अशोक नायक, भरत कामिला, किशन कामिला एवं काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

नारायण आईटीआई लुपुंगडीह चांडिल में डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर की जयंती मनाई गई.....



नारायण आईटीआई लुपुंगडीह चांडिल में डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर की जयंती मनाई गई एवं उनके तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक डॉक्टर जटाशंकर पांडे जी ने कहा कि लोकप्रिय, भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, लेखक और समाजसुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से होने वाले सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। उन्होंने श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मन्त्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे।आम्बेडकर विपुल प्रतिभा के छात्र थे। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्राप्त कीं तथा विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में शोध कार्य भी किये थे। व्यावसायिक जीवन के आरम्भिक भाग में वे अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे एवं वकालत भी की तथा बाद का जीवन राजनीतिक गतिविधियों में अधिक बीता। इसके बाद आम्बेडकर भारत की स्वतंत्रता के लिए प्रचार और चर्चाओं में शामिल हो गए और पत्रिकाओं को प्रकाशित की। उन्होंने दलितों के लिए राजनीतिक अधिकारों की तथा सामाजिक स्वतंत्रता की वकालत की और भारत के निर्माण में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।हिंदू धर्म में व्याप्त कुरूतियों और छुआछूत की प्रथा से तंग आकार सन 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया था। सन 1990 में, उन्हें भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था। 14 अप्रैल को उनका जन्म दिवस आम्बेडकर जयंती के तौर पर भारत समेत दुनिया भर में मनाया जाता है।डॉक्टर आम्बेडकर की विरासत में लोकप्रिय संस्कृति में कई स्मारक और चित्रण शामिल हैं। उनका निधन 6 दिसंबर 1956 को हुआ, इसलिए हर साल 6 दिसंबर को महापरिनिर्वाण दिवस आयोजित किया जाता हैअब तक भीमराव आम्बेडकर आज तक की सबसे बडी़ अछूत राजनीतिक हस्ती बन चुके थे। उन्होंने मुख्यधारा के महत्वपूर्ण राजनीतिक दलों की जाति व्यवस्था के उन्मूलन के प्रति उनकी कथित उदासीनता की कटु आलोचना की। आम्बेडकर ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और उसके नेता महात्मा गाँधी की भी आलोचना की, उन्होंने उन पर अछूत समुदाय को एक करुणा की वस्तु के रूप मे प्रस्तुत करने का आरोप लगाया। आम्बेडकर ब्रिटिश शासन की विफलताओं से भी असंतुष्ट थे, उन्होंने अछूत समुदाय के लिये एक ऐसी अलग राजनीतिक पहचान की वकालत की जिसमे कांग्रेस और ब्रिटिश दोनों की ही कोई दखल ना हो। लंदन में 8 अगस्त, 1930 को एक शोषित वर्ग के सम्मेलन यानी प्रथम गोलमेज सम्मेलन के दौरान आम्बेडकर ने अपनी राजनीतिक दृष्टि को दुनिया के सामने रखा, जिसके अनुसार शोषित वर्ग की सुरक्षा उसके सरकार और कांग्रेस दोनों से स्वतंत्र होने में है।हमें अपना रास्ता स्वयं बनाना होगा और स्वयं... राजनीतिक शक्ति शोषितो की समस्याओं का निवारण नहीं हो सकती, उनका उद्धार समाज मे उनका उचित स्थान पाने में निहित है। उनको अपना रहने का बुरा तरीका बदलना होगा... उनको शिक्षित होना चाहिए... एक बड़ी आवश्यकता उनकी हीनता की भावना को झकझोरने और उनके अंदर उस दैवीय असंतोष की स्थापना करने की है जो सभी उँचाइयों का स्रोत है13 अक्टूबर 1935 को नासिक के निकट येवला में एक सम्मेलन में बोलते हुए आम्बेडकर ने धर्म परिवर्तन करने की घोषणा की, "हालांकि मैं एक अछूत हिन्दू के रूप में पैदा हुआ हूँ, लेकिन मैं एक हिन्दू के रूप में हरगिज नहीं मरूँगा। इस पर मुख्य रूप से मौजूद रहे एडवोकेट निखिल कुमार, प्रिंसिपल जयदीप पांडे, शांति राम महतो, प्रकाश महतो, संजीत महतो, सशी प्रकाश महतो, शुभम साहू,पवन कुमार महतो,अजय मंडल, आदि उपस्थित रहे।