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शुक्रवार, 28 मार्च 2025
प्रभास अब घोड़ी चढ़ने के लिए तैयार हैं. एक बिजनेसमैन की बेटी के साथ उनका रिश्ता पक्का होने की खबरें हैं
पटना में चीफ इंजीनियर के ठिकानों पर मिले करोड़ों रुपये, नोटों की गिनती के लिए मंगाई गई मशीने
*पटना :* पटना में टेंडर घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की. ED की टीम ने बिहार भवन निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर तारिणी दास के ठिकानों पर छापेमारी की. जिसमें करोड़ों रुपये मिलने की खबर है. नोटों की गिनती के लिए मशीन मंगाई गई है.
*6 से 7 ठिकानों पर ED का शिकंजा*
पटना के अनीसाबाद स्थित पूर्णेदु नगर समेत छह से सात ठिकानों पर यह छापेमारी की जा रही है. आरोप है कि तारिणी दास ठेकेदारों को टेंडर मैनेज कराने में मदद करते थे और इसके बदले मोटी रकम वसूलते थे.
*IAS संजीव हंस मामले से जुड़ा तार*
यह मामला सीनियर IAS अधिकारी संजीव हंस से जुड़ा हुआ है, जिन्हें पांच महीने पहले मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था. इस केस में पूर्व विधायक गुलाब यादव की गिरफ्तारी भी दिल्ली के एक रिसॉर्ट से हुई थी. गौरतलब है कि IAS संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव पर लगे गैंगरेप के आरोप की जांच के दौरान पटना पुलिस को काली कमाई के कई अहम सबूत मिले थे. इन साक्ष्यों को विजिलेंस विभाग को सौंपा गया, जिसके बाद इस पूरे घोटाले की परतें खुलने लगीं और ED की जांच तेज हो गई.
*राजनीतिक बयानबाजी शुरू*
ED की इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है. RJD विधायक राकेश रौशन ने इसे बिहार सरकार के भ्रष्टाचार का नमूना बताया. उन्होंने कहा, “नीतीश सरकार में अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नहीं है. ट्रांसफर-पोस्टिंग में पैसा लिया जा रहा है.”बीजेपी विधायक लखेंद्र पासवान ने कहा कि, “बिहार में सुशासन की सरकार है. गलत करने वालों पर कार्रवाई हो रही है, न किसी को फंसाया जा रहा है, न बचाया जा रहा है.”
देवघर कोर्ट ने सुनायी फांसी की सजा, 70 हजार जुर्माना, बास्की हत्याकांड में 14 साल बाद आया फैसला*
देवघर की अदालत ने हत्या के दोषी सुनील दास को फांसी की सजा सुनायी है. 70 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. बास्की दास हत्याकांड में 14 साल बाद अदालत का फैसला आया है. अभियोजन पक्ष से 24 लोगों ने घटना के समर्थन में गवाही दी. एडीजे टू सह विशेष न्यायाधीश साइबर क्राइम अशोक कुमार की अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाया.
देवघर-डेढ़ दशक पुराने हत्या मामले में देवघर की अदालत ने दोषी सुनील दास को फांसी की सजा सुनायी. अदालत ने 70 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. बास्की दास का सिर काटकर प्लास्टिक के बोरे में भरकर हदहदिया पुल के पास फेंक दिया गया था. इसके बाद इस मामले का पुलिस ने खुलासा किया था.
अदालत ने सुनायी फांसी की सजा
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय सह विशेष न्यायाधीश साइबर क्राइम अशोक कुमार की अदालत ने सेशन ट्रायल नंबर-246 ए/2010 सरकार बनाम सुनील दास मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद अभियुक्त सुनील दास उर्फ अजय दास उर्फ सोनू को हत्या का दोषी करार दिया. सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद उसे फांसी की सजा सुनायी गयी.
2010 का है मामला
सजायाफ्ता देवघर नगर थाना क्षेत्र के धनगौर बम्पास टाउन का रहने वाला है. उसके खिलाफ नगर थाने में 10 जुलाई 2010 को तत्कालीन थाना प्रभारी अंजनी कुमार तिवारी के बयान पर मुकदमा दर्ज हुआ था. मुकदमा दर्ज होने के बाद केस का अनुसंधान अवर निरीक्षक इंद्रदेव राम ने किया और आरोप पत्र समर्पित किया. एफआईआर अज्ञात के विरुद्ध दर्ज हुआ था. बाद में अभियुक्त सुनील दास के नाम का खुलासा हुआ. हदहदिया पुल के पास बोरे में सिर कटा शव बरामद हुआ था, जिसकी पहचान बास्की दास के रूप में की गयी थी. मृतक की पत्नी ने इसकी पहचान की, जो अभियुक्त के रिश्ते में मामा लगता था.
14 साल बाद मिला न्याय
मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से 24 लोगों ने घटना के समर्थन में गवाही दी और दोष सिद्ध करने में सफल रहा. अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक शिवाकांत मंडल ने पक्ष रखा, जबकि बचाव पक्ष से अधिवक्ता राजीव कुमार सिंह ने पक्ष रखा. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने फांसी की सजा सुनायी. इस मामले में 14 साल बाद मृतक की पत्नी को न्याय मिला.