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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

Saubhagya Bharat News

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The Saubhagya Bharat

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बुधवार, 26 फ़रवरी 2025

चांडिल बाजार में जंगली हाथी का आतंक, नगरवासियों में दहशत I

 चांडिल बाजार में बीती रात एक जंगली हाथी ने जमकर उत्पात मचाया, जिससे नगरवासियों में दहशत का माहौल बन गया। तड़के करीब 3 बजे हाथी ने रुचाप, दुर्गा मंदिर, मस्जिद मोहल्ला, विवेकानंद गली, डैम रोड समेत कई इलाकों में तोड़फोड़ की।
हाथी ने एक ओमनी वैन का शीशा तोड़ दिया और गुरुचरण किस्कू की जनवितरण प्रणाली की दुकान में घुसकर चावल व अन्य अनाज को नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा, एक खाद्य दुकान का शटर क्षतिग्रस्त कर दिया, ग्रिल गेट तोड़ दिया और आम-अमरूद के पेड़ों को नुकसान पहुंचाया। खेतों में लगी गरमा धान और सब्जियों की फसल भी रौंद दी गई।
स्थानीय लोगों के अनुसार, करीब पांच महीने पहले भी एक जंगली हाथी ने चांडिल बाजार के विभिन्न मोहल्लों में भ्रमण किया था और भारी नुकसान पहुंचाया था।
वन पाल रमन कुमार ने बताया कि हाथी भगाओ दस्ता चांडिल से नजदीक सिकली बस्ती के समीप स्थित पहाड़ी के जगल में विचरण कर रहे जंगली हाथी भगाने के प्रयास में लगा हुआ है.

बकाया मजदूरी भुगतान की मांग को लेकर सड़क पर उतरे सामाजिक कार्यकर्ता बाबूराम सोरेन I

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की ड्रीम प्रोजेक्ट कांदरबेड़ा को सोनारी जमशेदपुर से जोड़ने वाली 10 किलोमीटर लंबी फोरलेन का कार्य चल रहा है उसमें काम किया मजदूरों को तीन महीने से मजदूरी नहीं मिलने के कारण विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता बाबूराम सोरेन सड़क पर उतर आए।
मंगलवार को उन्होंने सभी पीड़ित मिस्त्री एवं मजदूरों के साथ सड़क पर प्रदर्शन किया और कार्यदायी संस्था लीडिंग कंस्ट्रक्शन के अभियंता के खिलाफ प्राथमिक दर्ज कराने की चेतावनी दी। बाबूराम सोरेन ने कहा कि यदि 5 दिनों के अंदर 27 मजदूरों की बकाया मजदूरी राशि 89,700 रुपये का भुगतान नहीं किया गया तो लीडिंग कंस्ट्रक्शन के अभियंता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि दिसंबर से अब तक तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन मजदूरों को उनकी मेहनत की कमाई नहीं मिली है। बाबूराम सोरेन ने कहा कि इस मामले को लेकर बुधवार को वे उपायुक्त एवं श्रम अधीक्षक से मुलाकात करेंगे और उन्हें स्थिति की पूरी जानकारी देंगे ताकि मजदूरों को जल्द से जल्द उनका मेहनताना मिल सके।
 


मंगलवार, 25 फ़रवरी 2025

अज्ञात वाहन ने बाइक चालकों की मारी टक्कर मौके पोर मौत जाने पूरी बात ?

बहरागोड़ा प्रखंड क्षेत्र को बरसोल थाना क्षेत्र मे मंगलवार को एन एच 49 पर दारिशोल फ्लाईओवर के समीप अज्ञात वाहन की चपेट में आने से बाइक चालक की मौत हो गई.सूत्रों से मिली जानकारी कुमारडूबी पंचायत अंतर्गत मालकुंडा गांव के गणेश्वर नायक (35) अपने मोटरसाइकिल पर सवार होकर मुर्गी लाने के लिए पश्चिम बंगाल के फेको बाजार गए थे.
 वहां से लौटते समय किसी अज्ञात वाहन पीछे से टक्कर मारने पर बुरी तरह से घायल हो गया था .वहीं पुलिस को सुचना मिलते ही हाईवे पेट्रोलिंग वाहन द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए बहरागोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. जहां पर चिकित्सक ने जांच उपरांत मृत घोषित कर दिया. जिसके पश्चात पुलिस ने परिजनों को सूचित कर अपने स्तर से जांच पड़ताल करने में जुटी हुई है.बताया गया की मृतक के माता-पिता मुंबई में काम करते हैं.मृतक घर का इकलौता बेटा था.उधर मृतक के परिजनों को रो-रो कर बुरा हाल हो गया है.

CM की पहल, टूटे अरमानों के बीच उम्मीद की रोशनी I

 तेलंगाना के अंधेरी सुरंग में चार झारखंडी श्रमिक फंसे हैं, घबराये हुये, उम्मीद और अनिश्चितता के बीच झूलते घरवालों की बेचैन आंखें किसी चमत्कार की राह देख रही हैं। इस संकट की घड़ी में झारखंड के CM हेमंत सोरेन के आदेश पर गुमला जिला प्रशासन के अधिकारी श्रमिकों के परिजनों को लेकर तेलंगाना रवाना हो चुके हैं। बिरसा मुंडा हवाई अड्डे से चार परिवारों के सदस्य पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ निकल पड़े। उधर, श्रम विभाग के अधिकारी हालात पर लगातार नजर बनाये हुये हैं।
सुरंग में फंसी जिंदगी
तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले की श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल सुरंग में कुल आठ श्रमिक फंसे हैं, इसमें झारखंड के चार लोग हैं, वहीं, यूपी के दो, एक पंजाब के और एक जम्मू-कश्मीर के हैं। NDRF की टीमें रेस्क्यू में जुटी है। झारखंड का प्रवासी नियंत्रण कक्ष लगातार तेलंगाना प्रशासन और श्रमिकों से संपर्क में है। हर बीतते पल के साथ बचाव दल की कोशिशें तेज हो रही हैं। उम्मीदों का दीप जल रहा है, बस अब एक अच्छी खबर का इंतजार है।

रांची में भूकंप से हिली धरती, जान माल की क्षति नहीं I

बता दें कि सुबह सुबह भूकंप के झटके बंगाल और ओडिशा में देखने को मिला था। इसकी तीव्रता 5.5 बतायी जा रही है। इससे पहले रात के वक्त दिल्ली में भी भूकंप के झटके महसूस किया गया है
रांची में भूकंप के झटके महसूस किये गये हैं। घटना सुबह 5.45 से 6 बजे की है। भूकंप का केंद्र बंगाल की खाड़ी बताया जा रहा है। डोरंडा के रहमत कॉलोनी में लोगों ने इस झटके को महसूस किया है। हालांकि, अभी तक इसकी तीव्रता से जुड़ी कोई जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन विभाग जल्द ही इस पर जानकारी देगा।
बता दें कि सुबह सुबह भूकंप के झटके बंगाल और ओडिशा में देखने को मिला था। इसकी तीव्रता 5.5 बतायी जा रही है। इससे पहले रात के वक्त दिल्ली में भी भूकंप के झटके महसूस किया गया है। बता दें कि रांची के अलावा कोलकाता और ओडिशा के कई जिलों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। समुद्र किनारे रहने वाले लोगों को तेजी से झटका महसूस हुआ। ओडिशा में भूकंप की तीव्रता 5.1 थी।
भूकंप क्यों और कैसे आता है?
वैज्ञानिक रूप से समझने के लिए हमें पृथ्वीे की संरचना को समझना होगा। पृथ्वीे टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है और इस पर टैक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती हैं।
कई बार ये प्लेट्स आपस में टकरा जाती हैं। बार-बार टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यारदा दबाव पड़ने पर ये प्ले ट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ताट खोजती है। जब इससे डिस्ट र्बेंस बनता है तो इसके बाद भूकंप आता है।
कैसे मापी जाती है तीव्रता?
भूकंप को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है। रिक्टंर स्केइल भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना होता है, इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। ये स्केकल भूकंप के दौरान धरती के भीतर से निकली ऊर्जा के आधार पर तीव्रता को मापता है।

पेंशनधारियों ने 3.5 करोड़ रुपये किये दान, तो हुआ पंच मंदिर का जीर्णोद्धार I

बगोदर प्रखंड के बेको गांव में साढ़े तीन करोड़ की लागत से पंच शिव मंदिर बनकर तैयार है. यह मंदिर बुजुर्ग पेंशनधारियों के द्वारा इलाका के लोगों को एक सौगात के रूप में दी है. करीब एक सौ साल पुराने जर्जर हो चुके उक्त मंदिर को बुजुर्ग पेंशनधारियों ने अपनी पेंशन की राशि से बेको गांव में एक विशाल पंच शिव मंदिर को बनाया है ताकि यहां आने वाली पीढ़ी के लिए यह मंदिर एक आस्था का प्रतीक बने.
13 वर्षों में पूर्ण हुआ काम
पेंशनधारियों ने किया श्रमदान
बगोदर प्रखंड के बेको गांव में साढ़े तीन करोड़ की लागत से पंच शिव मंदिर बनकर तैयार है. यह मंदिर बुजुर्ग पेंशनधारियों के द्वारा इलाका के लोगों को एक सौगात के रूप में दी है. करीब एक सौ साल पुराने जर्जर हो चुके उक्त मंदिर को बुजुर्ग पेंशनधारियों ने अपनी पेंशन की राशि से बेको गांव में एक विशाल पंच शिव मंदिर को बनाया है ताकि यहां आने वाली पीढ़ी के लिए यह मंदिर एक आस्था का प्रतीक बने. सनद हो कि बेको पूर्वी में एक सौ साल पुरानी पंच शिव मंदिर की स्थिति जर्जर हो चुकी थी. इसे देखते हुए सेवानिवृत्त पेंशनधारियों ने चिंता जताते हुए नये सिरे से मंदिर बनाने का निर्णय लिया. पहले 12 लाख रुपये की लागत से मंदिर की चहारदीवारी करायी. इसके बाद मंदिर निर्माण के लिए ग्रामीणों के साथ राय मशविरा कर सभी से सहयोग की अपील की गयी. सेवानिवृत हुए दो पंचायत के सभी विभागों के पेंशनधारियों ने अपनी जीवन को इस मंदिर के लिए न सिर्फ अपनी पेंशन की राशि ही भेंट की. बल्कि अपना जीवन का एक एक समय भी न्योछावर कर दिया.
2012 में शुरू हुआ जीर्णोद्धार कार्य
पेंशनधारी योधी साव ने बताया कि मंदिर के निर्माण के लिए सबसे पहले वर्ष 2012 में चहारदीवारी बनायी गयी. बेको पूर्वी और बेको पश्चिमी गांव के सभी बुजुर्ग पेंशनधारी (बूढ़ा) समाज के द्वारा गांव में जितने पेंशनधारी थे. सभी ने पांच हजार रुपये हर घर से जमा किया गया. उसके बाद फिर हमलोगों ने इसके निर्माण कार्य धीरे-धीरे शुरू किया. इसके बाद बैठक कर पेंशनधारियों ने निर्णय लिया कि हर पेंशनधारी जो अपनी पेंशन की राशि की पांच सौ रुपये प्रति माह जमा करेंगे. इस तरह से भी उक्त मंदिर को बनाने में सहयोग किया गया. फिर उसके बाद हमलोगों पेंशनधारियों ने सभी को एक ड्यूटी के तहत मंदिर के गेट के बाहर आने-जाने वाले छोटे, बड़े वाहनों से हर दिन तक इच्छा अनुसार कोष संग्रह करने का काम भी किया और धीरे- धीरे करीब 13 साल में मंदिर का निर्माण पूर्ण कराया गया है. आज मंदिर परिसर में भगवान शंकर समेत हनुमान जी की भी प्रतिमा हैं. हजारीबाग में अवस्थित पंच मंदिर के नक्शे पर बनाया गया है. रिटायर शिक्षक भुनेश्वर महतो ने बताया कि पहले यहां पुराना मंदिर हुआ करता था जो पूरी तरह जर्जर हो गया था. सहायक अध्यापक हीरामन महतो बताते हैं कि मंदिर को पूरा करने का पेंशनधारियों में जज्बा ऐसा था कि अपने घर से समय पर एक ड्यूटी की तरह निकल जाते थे. बगोदर के पूर्व विधायक विनोद सिंह ने भी पेंशनधारियों के इस प्रयास की सराहना की है.
इन पेंशनधारियों का रहा सहयोग
पेंशनधारियों में मनोहर यादव, लीलो यादव, खेलो साव, छोटन साव, बुधन रजक, हिरामन साव, प्रेम महतो, भूनेश्वर महतो, सरजू महतो, घनश्याम सिंह, सुखदेव साहु, जोधो साव, मनोहर प्रसाद यादव, लाखो महतो, बालगोविंद यादव, गणेश यादव, बलदेव ठाकुर, दशरथ महतो, प्रेम महतो, बोधी साव, टेकलाल महतो, रघुनंदन दास, खेमलाल महतो, गोवर्धन महतो, गोपी महतो, जीवलाल महतो, सरयू महतो ने सराहनीय भूमिका निभायी.
(गौरव कुमार, बगोदर)