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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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The Saubhagya Bharat

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मंगलवार, 25 फ़रवरी 2025

इस साल भी नहीं होगी जनगणना, एनपीआर पर भी संदेह, बजट आवंटन में भारी कटौती I

 भारत में दस-वर्षीय जनगणना 2025 में भी आयोजित होने की संभावना कम दिखाई दे रही है, क्योंकि शनिवार को पेश किए गए आम बजट में इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया के लिए केवल 574.80 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। दरअसल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर 2019 को भारत की 2021 की जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। उस समय जनगणना पर अनुमानित 8,754.23 करोड़ रुपये और एनपीआर पर 3,941.35 करोड़ रुपये खर्च होने की योजना थी।
इसका पहला चरण, यानी हाउस लिस्टिंग और एनपीआर अपडेट का कार्य, पहली अप्रैल से 30 सितंबर 2020 के बीच पूरा किया जाना था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। तब से लेकर अब तक सरकार ने जनगणना के नए कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है। 2025-26 के बजट में जनगणना, सर्वेक्षण और सांख्यिकी/रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआई) के लिए केवल 574.80 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह राशि 2021-22 के बजट की तुलना में काफी कम है, जब 3,768 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। 2024-25 में भी इस मद में 572 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।

साग-भात और साग-रोटी खाने का मजा ही कुछ और है, जानना है तो जरा समझिए I

 भारत जैसे देश में सांस्कृतिक रूप से जो विविधता भाषा और वेशभूषा को लेकर देखने को मिलती है, वैसा ही कुछ खान-पान को लेकर भी परिलक्षित होता है। अलग-अलग क्षेत्र में खान-पान की अलग-अलग विशेषताएं अन्य जगहों पर भी प्रभाव डालती हैं। मौसम के अनुसार खानपान में भी बदलाव देखा जाता है। जाड़े के समय में हम तरह-तरह के कुछ अलग-अलग खाते हैं। इस सीजन में खेतों में सरसों और चना का साग खूब होता है और जहां होता है, वहां के लोग चावल और रोटी के साथ इसका इस्तेमाल करते हैं। बिहार उत्तर प्रदेश को देखिए तो साग-भात खाने की रुचि दिखती है, तो पंजाब में साग-रोटी की रुचि। आज जानते हैं कुछ सागों के बारे में।
पंजाब में रोटी-साग का प्रचलन

कहा जाता है कि सरसों का साग पंजाब की बेहद रुचिकर डिश है और ठंड के दिनों में हर घर में बनती है। इस मौसम में भारत के अलग-अलग राज्यों में कई तरह के अलग-अलग पारंपरिक साग बनाए जाते हैं। इस डिश को सरसों के साग और कुछ मसालों का उपयोग करके बनाया जाता है। इसे बनाते समय पालक और बथुआ भी डाला जाता है।
पश्चिम बंगाल और ओडिशा का की अलग रुचि
जानकार बताते हैं कि ओडिशा में लोग गुंडी साग बड़े चाव से खाते हैं। इस साग को गुंडी के पत्तों की मदद से बनाया जाता है। गुंडी के पत्तों को पारंपरिक ओडिशा के मसालों के साथ पकाया जाता है। साई भाजी दाल, सब्जियों और पालक और अन्य साग का एक बैलेंस है। इसे बनाते समय मौसमी साग जैसे मेथी के पत्ते, डिल और ताजा पालक आदि का इस्तेमाल किया जाता है। उबालने पर, चने की दाल प्रोटीन और क्रीमी टेक्सचर देती है। टमाटर, गाजर और आलू जैसी सब्जियां इस डिश के पोषक तत्वों को बढ़ाती है। लाल साग भाजा विशेष रूप में पश्चिम बंगाल में खाया जाता है। इसे अमरनाथ के पत्ते यानी लाल साग की मदद से तैयार किया जाता है। स्वादिष्ट ही नहीं अत्यंत पौष्टिक भी होता है।

मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू, आई रुत मस्तानी, कब आएगी तू, आ, चली आ I

मुंबई की माया नगरी में अपने-अपने समय में अभिनेताओं ने अपने-अपने तरीके से झंडा गड़ा। लेकिन, राजेश खन्ना ने जैसी पापुलैरिटी हासिल की, वह कहीं और बहुत कम देखने को मिलती है। राज कपूर, दिलीप कुमार और देवानंद के जमाने के बाद एक लंबे समय तक फिल्मी दुनिया में राजेश खन्ना ने राज किया। अपने समय में अमिताभ बच्चन की क्रांतिकारी छवि कुछ और थी और राजेश खन्ना की कुछ और। आनंद और नमक हराम जैसी फिल्मों में राजेश खन्ना ने यह दिखाया कि वह एक अलग किस्म की कला का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो अमिताभ बच्चन में नहीं हो सकता। राजेश खन्ना को आज भी उनके निधन के कई वर्षों के बाद काका के नाम से ही जाना जाता है। आराधना फिल्म कब गीत याद कीजिए मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू, आई रुत मस्तानी, कब आएगी तू, आ, चली आ। 
46 साल का अद्भुत फिल्मी करियर
कहा जाता है कि उनकी अदाकारी, स्टारडम और फैंस की दीवानगी ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को एक नया मुकाम दिया। लोग आज भी उनकी फिल्मों और शानदार अभिनय को याद करते है। राजेश खन्ना के नाम 6 बड़े ऐसे रिकॉर्ड हैं, जिनमें से कुछ को आज तक कोई नहीं तोड़ पाया। करियर की शुरुआत 1966 में फिल्म ‘आखिरी खत’ से की थी। अपने 46 साल के करियर में उन्होंने 180 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। फैंस आज भी उनको प्यार से ‘काका’ ही बुलाते हैं।
7 वर्षों का स्टारडम
याद कीजिए, 1969 से 1976 के बीच राजेश खन्ना का स्टारडम अपने चरम पर था। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लोग उनकी गाड़ी से उड़ी धूल को तक चूम लेते थे। कई फीमेल फैंस उन्हें अपने खून से चिट्ठियां लिखती थीं।
बताया जाता है कि राजेश खन्ना ने 1969 से 1987 तक बॉलीवुड के सबसे ज्यादा फीस पाने वाले अभिनेता का खिताब अपने नाम किया है। 1980 से 1987 तक उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ मिलकर ये रिकॉर्ड बनाए रखा। ‘आराधना’ की सफलता के बाद उन्होंने अपनी फीस बढ़ाकर 4.5 लाख रुपये कर दी थी, जो उस दौर में एक बड़ी रकम मानी जाती थी।
4 गोल्डन जुबली फिल्में
यह रिकॉर्ड है कि हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना ने अपने करियर में 74 गोल्डन जुबली हिट और 22 सिल्वर जुबली हिट फिल्में दीं। गोल्डन जुबली फिल्मों में ‘आराधना’, ‘आनंद’, ‘अमर प्रेम’, ‘कटी पतंग’, ‘सफर’ और सिल्वर जुबली हिट में ‘डोली’, ‘इत्तेफाक’ और ‘छोटी बहू’ जैसी शानदार फिल्मों के नाम शामिल है।

सोमवार, 24 फ़रवरी 2025

मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर पुलिस सख्त, थाना परिसर में आपात बैठक आयोजित।

 बहरागोड़ा थाना परिसर में मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर सोमवार को एक आपातकालीन बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता पुलिस निरीक्षक अनिल कुमार नायक ने की, जिसमें थाना प्रभारी ईश्वर दयाल मुंडा सहित शांति समिति के कई सदस्य और स्थानीय नागरिक मौजूद रहे।हाल ही में बकरी चोरी की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है, जिसके चलते चाकुलिया थाना क्षेत्र में दो व्यक्तियों की मॉब लिंचिंग के दौरान हत्या कर दी गई। 
इस घटना को गंभीरता से लेते हुए बैठक में स्पष्ट संदेश दिया गया कि कानून को हाथ में लेने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। थाना प्रभारी ईश्वर दयाल मुंडा ने लोगों से किसी भी संदेहजनक गतिविधि की सूचना सीधे पुलिस को देने की अपील की और कहा कि "किसी भी आपात स्थिति में 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस की मदद लें, अफवाहों पर ध्यान न दें।"
मॉब लिंचिंग रोकने के लिए पुलिस की कड़ी हिदायत
बैठक में पुलिस अधिकारियों ने समुदाय के लोगों को जागरूक करने, संयम बनाए रखने और कानून का सहयोग करने की अपील की। बैठक के दौरान मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए दिशा निर्देश दिया गया कि
कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।
स्वयं न्याय करने के बजाय कानूनी प्रक्रिया का पालन करें।
सोशल मीडिया पर भ्रामक अफवाहों से बचें।
 गांवों और कस्बों में जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
बैठक में मौजूद रहे ये प्रमुख लोग
इस अहम बैठक में स्वपन कुमार महतो, आदित्य प्रधान, अमृतांशु पाल, तपन कुमार ओझा, तरुण कुमार मिश्रा, तापस महापात्र, भूपति नायक, तड़ित मुंडा, राम मुर्मू, अभिजीत जाना, चैतन्य सिंह मुंडा, सुमित माइती समेत शांति समिति के कई सदस्य उपस्थित रहे।
पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की हिंसा और मॉब लिंचिंग की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बहरागोड़ा के अस्पताल में सोमबार को नि:शुल्क जांच शिविर का आयोजन किया गया

बहरागोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सोमवार को दिव्यांग जांच शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा दिव्यांग व्यक्तियों की जांच की गई और उन्हें दिव्यांग प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
शिविर के दौरान मानसिक रोग, नेत्र रोग और हड्डी रोग विशेषज्ञों ने दिव्यांग व्यक्तियों की जांच की और उनकी आवश्यक चिकित्सकीय जरूरतों को समझा। मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर महेश हेंब्रम 34 व्यक्तियों की जांच नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ तापस कुमार मुरमू 27 व्यक्तियों की किया जांच.हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शालिनी निरुपमा टोपनो 62 व्यक्तियों की किया जांच. इसी शिबिर में 100 से ज्यादा मरीज का इलाज किया गया. 
अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि ऐसे जांच शिविरों का आयोजन किया जाएगा, ताकि दिव्यांग व्यक्तियों को स्वास्थ्य सेवाओं और प्रमाण पत्र वितरण की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके।इस आयोजन से 
दिव्यांगजनों को बड़ी राहत मिली और वे सरकार की सहायता योजनाओं का लाभ उठाने के लिए पात्र बन सके।

जेल से सीधा एग्जाम हॉल, पुलिस के साथ परीक्षा देने पहुंचा छात्र,

भागलपुर का एक छात्र जेल से एग्जाम सेंटर परीक्षा देने आया. एग्जाम देने जाने से लेकर वापस जेल में लौटने आने तक पुलिस अधिकारी उनके साथ मौजूद रहते हैं. देखिए ये वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि एक छात्र परीक्षा देकर एग्जाम सेंटर से निकल रहा है. 
इसमें खास बात यह है कि वह अकेला नहीं, बल्कि 3-4 पुलिसकर्मियों के साथ बाहर आ रहा होता है, जिसे देख लोग हैरानी में पड़ जाते हैं. वीडियो में दावा किया जा रहा है कि भागलपुर के एक युवक को किसी अपराध के कारण जेल में डाल दिया जाता है, लेकिन जेल में रहने के दौरान ही उसकी परीक्षा का दिन आ जाता है. वह पुलिसकर्मियों से परीक्षा देने जाने का अनुरोध करता है, जिसके बाद जरूरी प्रोसेस कमप्लीट करके युवक को एग्जाम देने की इजाजत मिल जाती है, लेकिन एग्जाम देने जाने से लेकर वापस जेल में आने तक इस पूरे दौरान पुलिस अधिकारी उनके साथ मौजूद रहते हैं. इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर @gauravroy4387 नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है.

पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे 245 किलो मीटर होगा, 21 ब्रिज, 9 आरओबी समेत जानें और क्या होगा

पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड सिक्सलेन एक्सप्रेसवे का निर्माण ₹18,042.14 करोड़ की लागत से किया जाएगा. इसपर लगभग 245 किलोमीटर बनेगी एक्सप्रेसवे, 21 बड़े ब्रिज, नौ आरओबी, 140 छोटे पुल व 21 होगा इंटर चेंज होगा
पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के एलाइनमेंट को लेकर सांसद दिनेश चंद्र यादव ने रविवार को अपने आवास पर मीडिया को विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बहु प्रतीक्षित पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे का एलाइनमेंट अब फाइनल हो चुका है. इसकी लंबाई 244.93 किलोमीटर होगी.

जबकि इस पर अनुमानित लागत 18 हजार करोड़ से अधिक होगी. इसके लिए 90 मीटर चौड़ा जमीन अधिग्रहण होगा. इस एक्सप्रेस वे में 21 बड़े पुल एवं 140 लघु पुल सहित नौ आरओबी व 21 इंटरचेंज बनेंगे. इसका निर्माण कार्य मीर नगर सराय से तीन किलोमीटर दक्षिण हाजीपुर-मुजफ्फरपुर फोरलेन एनएच 22 से शुरू होगा.
जो राजा पाखर के उत्तर से लक्ष्मणपुर के दक्षिण से, पीड़ापुर जंदाहा से उत्तर, सारंगपुर सरायरतन के बीच से एनएच 322 से गुजरेगी. यह सड़क चंदचोर होते चेता नार्थ के दक्षिण से, जहांगीरपुर रोसरा के बीच से देवधा, औरा, सिरसिया के उत्तर से, कुशेश्वर स्थान के दक्षिण से रकठी के दक्षिण से सहरसा जिला के पश्चिमी सीमा राजनपुर बधवा से दो-तीन किलोमीटर दक्षिण से, खोजूचक एनएच 231 के ऊपर से सोनबरसा कचहरी,

बागरोली के बीच से लगमा भवटिया के बीच से खोजरहा से तीन-चार किलोमीटर उत्तर से मंगवार जेम्हरा के बीच से रेशना, अरार के बीच से एनएच 106 होते बभनगामा, बिहारीगंज मुरलीगंज एसएच 92 से सुखसेना के दक्षिण से बड़हरा कोठी के उत्तर से दमेली होते कजरी नढ़ी से वनभाग के तीन किलोमीटर पश्चिम से पूर्णियां शहर के उत्तर से कस्बा पूर्णिया के बीच होते कस्बा गुलाबबाग के बीच एनएच 57 फोर लेन सड़क से गुजर कर चांद भट्टी,

गुलाबबाग से तीन किलोमीटर पूरब, गुलाबबाग किशनगंज फोरलेन में मिलेगी. उन्होंने कहा कि इससे बड़ी आबादी को लाभ मिलेगा. मौके पर जदयू वरिष्ठ नेता अंजुम हुसैन, मुखिया संघ जिलाध्यक्ष विनय कुमार यादव, अमर यादव, रेवती रमण सिंह, डॉ लुत्फुल्लाह, मो शमशाद आलम सहित अन्य मौजूद थे.

निकाल लीजिए गर्म कपड़े, इतना गिरेगा तापमान, 7 जिलों में बिजली कड़केगी, बारिश होगी, होगा वज्रपात

झारखंड: अगर आप झारखंड में हैं और गर्म कपड़े रख दिये हैं, तो एक बार फिर से अपने गर्म कपड़ों को बाहर निकाल लीजिए. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के रांची स्थित मौसम केंद्र ने कहा है कि झारखंड में एक बार फिर ठंड बढ़ने वाली है. दरअसल, 24 घंटे के दौरान 2 से 3 डिग्री तक तापमान में गिरावट का अनुमान मौसम केंद्र ने जताया है. इसकी वजह से लोगों को ठंड का अहसास होने लगेगा. साथ ही राज्य के 7 जिलों में बिजली कड़कने, बारिश और वज्रपात का अलर्ट भी जारी कर दिया गया है.

कोल्हान और संताल के 7 जिलों में वर्षा-वज्रपात का येलो अलर्ट
मौसम केंद्र ने कहा है कि कोल्हान प्रमंडल के सभी 3 जिलों और संताल परगना के 4 जिलों में सोमवार (24 फरवरी) को कुछ जगहों पर हल्की बारिश होगी. मेघ गर्जन के साथ वज्रपात होने की भी संभावना है. मौसम केंद्र के मुताबिक, कोल्हान के सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम और पूर्वी सिंहभूम जिले में मौसम खराब रहेगा. संताल परगना के दुमका, पाकुड़, साहिबगंज और गोड्डा जिले में भी गरज के साथ बारिश एवं वज्रपात का येलो अलर्ट जारी किया गया है.

24 घंटे में 2-3 डिग्री गिरेगा झारखंड का न्यूनतम तापमान
मौसम विभाग ने तापमान का पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा कि झारखंड में अगले 24 घंटे के दौरान न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेंटीग्रेड की गिरावट हो सकती है. इसके बाद अगले 4 दिन तक इसमें कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है. इससे पहले मौसम विभाग ने कहा था कि 23 फरवरी को झारखंड के पूर्वी हिस्से में कहीं-कहीं हल्के दर्जे की वर्षा हुई.

बंगाल और ओडिशा से सटे झारखंड के जिलों के लिए चेतावनी
मौसम वैज्ञानिक ने कहा है कि गांगेय पश्चिम बंगाल से दक्षिणी छत्तीसगढ़ और ओडिशा तक एक ट्रफ गुजर रहा है. यह ट्रफ समुद्र तल से 0.9 किलोमीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है. इसका असर झारखंड में भी देखने को मिल रहा है. इसकी वजह से कुछ जगहों पर मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा. बंगाल से सटे संताल परगना और ओडिशा से सटे कोल्हान में बारिश, वज्रपात होने की संभावना है.

चाकुलिया में हुई सबसे ज्यादा 37.4 मिलीमीटर बारिश
मौसम विभाग ने कहा कि पिछले 24 घंटे के दौरान झारखंड में कहीं-कहीं गरज और आंधी के साथ हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा हुई. सबसे अधिक बारिश पूर्वी सिंहभूम के चाकुलिया में हुई. यहां 37.4 मिलीमीटर वर्षापात हुआ. सबसे अधिक उच्चतम तापमान 34.8 डिग्री सेंटीग्रेड सरायकेला में दर्ज किया गया. सबसे कम न्यूनतम तापमान गुमला में 13 डिग्री सेंटीग्रेड रिकॉर्ड किया गया.

24 घंटे के दौरान कहां, कितनी बारिश हुई
चाकुलिया में 37.4 मिलीमीटर
बोकारो में 15 मिलीमीटर
धालभूमगढ़ में 10.4 मिलीमीटर
नामकुम में 3.4 मिलीमीटर
तोरपा में 3.0 मिलीमीटर
जमशेदपुर एयरपोर्ट पर 2.4 मिलीमीटर
रांची एयरपोर्ट पर 2.0 मिलीमीटर
जमशेदपुर में 2.0 मिलीमीटर
गोईलकेरा में 1.8 मिलीमीटर
आनंदपुर में 1.6 मिलीमीटर
रामगढ़ कृषि विकास केंद्र में 0.5 मिलीमीटर
जगन्नाथपुर बीएयू केवीके में 0.5 मिलीमीटर

इंतजार हुआ खत्म, आज पीएम मोदी जारी करेंगे पीएम किसान की 19वीं किस्त, जानें किसे नहीं मिलेंगे पैसे

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार के भागलपुर से पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त जारी करेंगे. इस योजना के तहत 9.8 करोड़ किसानों के बैंक खातों में कुल 22,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे. यह योजना किसानों को आर्थिक सहयोग देने के लिए चलाई जा रही है, जिससे उन्हें खेती-किसानी से जुड़े खर्चों में राहत मिल सके.

हर साल किसानों को मिलते हैं 6,000 रुपये
इस योजना के तहत किसानों को हर चार महीने में 2,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है. यानी एक साल में कुल 6,000 रुपये सीधे उनके बैंक खातों में जमा किए जाते हैं. यह रकम खेती से जुड़े खर्चों को पूरा करने में मदद करती है.

18वीं किस्त में 9.6 करोड़ किसानों को मिला था लाभ
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुसार, 18वीं किस्त के दौरान 9.6 करोड़ किसानों को फायदा हुआ था, जबकि 19वीं किस्त में यह संख्या बढ़कर 9.8 करोड़ हो गई है. इससे स्पष्ट है कि योजना का दायरा लगातार बढ़ रहा है और अधिक किसान इसका लाभ उठा रहे हैं.

अब तक वितरित हो चुके हैं 3.46 लाख करोड़ रुपये
सरकार अब तक इस योजना के तहत कुल 3.46 लाख करोड़ रुपये वितरित कर चुकी है. 19वीं किस्त जारी होने के बाद यह आंकड़ा 3.68 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा. यह दुनिया की सबसे बड़ी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजना बन गई है, जिससे किसानों को खेती के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने में मदद मिल रही है.

कैसे करें पीएम किसान योजना का स्टेटस चेक?
अगर आप जानना चाहते हैं कि आपका नाम लाभार्थियों की सूची में है या नहीं और आपके खाते में पैसा आया या नहीं, तो निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाएं:

पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं – pmkisan.gov.in
“Know Your Status” पर क्लिक करें
“Beneficiary Status” के ऑप्शन का चयन करें
रजिस्ट्रेशन नंबर या मोबाइल नंबर दर्ज करें
कैप्चा कोड भरकर “Get Data” पर क्लिक करें
आपका स्टेटस स्क्रीन पर दिखेगा
अगर पैसा जारी हो चुका है, तो “Payment Successfully Credited” का मैसेज मिलेगा.

अगर पैसा नहीं आया तो क्या करें?
PM Kisan: ई-केवाईसी पूरा करें

बिना ई-केवाईसी के पैसा अटक सकता है.
नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या ऑनलाइन पोर्टल से इसे पूरा करें.
बैंक डिटेल्स वेरिफाई करें

बैंक खाते में IFSC कोड और आधार लिंकिंग की जांच करें.
बैंक में जाकर जानकारी अपडेट करवा सकते हैं.
हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें

टोल-फ्री नंबर: 155261 या 011-24300606
ईमेल: pmkisan-ict@gov.in

योजना का उद्देश्य और लाभ
किसानों को आर्थिक सहायता देना ताकि वे बीज, खाद और अन्य कृषि खर्चों को पूरा कर सकें.
खेती-किसानी में आने वाली वित्तीय चुनौतियों को कम करना.
गरीब और छोटे किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाना.
सरकार की डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) प्रणाली के तहत पारदर्शी तरीके से किसानों तक पैसा पहुंचाना.

कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?
छोटे और सीमांत किसान जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की जमीन है.
आवेदनकर्ता का बैंक अकाउंट आधार से लिंक होना चाहिए.
किसान का नाम भूमि रिकॉर्ड में दर्ज होना चाहिए.

किन्हें नहीं मिलेगा लाभ?
संस्थागत भूमि धारक.
जो किसान सरकारी नौकरी में हैं या इनकम टैक्स भरते हैं.
डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, सीए और आर्किटेक्ट जो प्रोफेशनल टैक्स भरते हैं.

कैसे करें योजना के लिए आवेदन?
pmkisan.gov.in पर जाएं.
“New Farmer Registration” के विकल्प पर क्लिक करें.
आधार नंबर और अन्य जरूरी जानकारी भरें.
मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें.
फॉर्म जमा करने के बाद स्टेटस चेक करते रहें.

रूस ने यूक्रेन पर किया अपना सबसे बड़ा ड्रोन हमला

युद्ध की तीसरी वर्षगांठ से पहले रूस ने कीव पर दागे 267 ड्रोन, यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूसी हमले की निंदा की है, 24 फरवरी 2022 से दोनों देशों के बीच संघर्ष शुरू है
रूस: रूस ने 24 फरवरी 2022 को शुरू किए युद्ध की शुरुआत के बाद से यूक्रेन पर अपना सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया है। यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, खार्किव, पोल्टावा, सुमी, कीव, चेर्निहिव, मायकोलाइव और ओडेसा सहित यूक्रेन भर में कम से कम 13 क्षेत्रों में ड्रोन को रोका गया।

यूक्रेन की वायुसेना कमान के प्रवक्ता यूरी इग्नाट ने कहा कि एक ही हमले में रिकॉर्ड 267 रूसी ड्रोन दागे गए।

रूस ने यूक्रेन के खिलाफ 267 हमलावर ड्रोन लॉन्च किए
 
जेलेंस्की ने एक्स पर लिखा, “हर दिन, हमारे लोग हवाई आतंकवाद के खिलाफ खड़े होते हैं। युद्ध की तीसरी वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर, रूस ने यूक्रेन के खिलाफ 267 हमलावर ड्रोन लॉन्च किए। ईरानी ड्रोन द्वारा यूक्रेनी शहरों और गांवों को निशाना बनाने के बाद से यह सबसे बड़ा हमला है।”

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन की वायु सेना ने एक बयान में कहा कि 138 ड्रोन गिराए गए, 119 अन्य रडार से गायब हो गए, साथ ही रूस ने तीन बैलिस्टिक मिसाइलें भी दागीं। यूक्रेन के पांच क्षेत्रों में नुकसान की सूचना मिली है।