*पटना :* पटना में टेंडर घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की. ED की टीम ने बिहार भवन निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर तारिणी दास के ठिकानों पर छापेमारी की. जिसमें करोड़ों रुपये मिलने की खबर है. नोटों की गिनती के लिए मशीन मंगाई गई है.
*6 से 7 ठिकानों पर ED का शिकंजा*
पटना के अनीसाबाद स्थित पूर्णेदु नगर समेत छह से सात ठिकानों पर यह छापेमारी की जा रही है. आरोप है कि तारिणी दास ठेकेदारों को टेंडर मैनेज कराने में मदद करते थे और इसके बदले मोटी रकम वसूलते थे.
*IAS संजीव हंस मामले से जुड़ा तार*
यह मामला सीनियर IAS अधिकारी संजीव हंस से जुड़ा हुआ है, जिन्हें पांच महीने पहले मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था. इस केस में पूर्व विधायक गुलाब यादव की गिरफ्तारी भी दिल्ली के एक रिसॉर्ट से हुई थी. गौरतलब है कि IAS संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव पर लगे गैंगरेप के आरोप की जांच के दौरान पटना पुलिस को काली कमाई के कई अहम सबूत मिले थे. इन साक्ष्यों को विजिलेंस विभाग को सौंपा गया, जिसके बाद इस पूरे घोटाले की परतें खुलने लगीं और ED की जांच तेज हो गई.
*राजनीतिक बयानबाजी शुरू*
ED की इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है. RJD विधायक राकेश रौशन ने इसे बिहार सरकार के भ्रष्टाचार का नमूना बताया. उन्होंने कहा, “नीतीश सरकार में अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नहीं है. ट्रांसफर-पोस्टिंग में पैसा लिया जा रहा है.”बीजेपी विधायक लखेंद्र पासवान ने कहा कि, “बिहार में सुशासन की सरकार है. गलत करने वालों पर कार्रवाई हो रही है, न किसी को फंसाया जा रहा है, न बचाया जा रहा है.”