भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के कृष्णा घाटी इलाके में नियंत्रण रेखा पर 7 पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार गिराया है। इनमें अल-बदर के आतंकवादी और पाकिस्तानी सेना के जवान भी शामिल थे। जानकारी के अनुसार, यह घुसपैठिए भारतीय चौकी पर हमला करने की कोशिश कर रहे थे। इन पाकिस्तानी घुसपैठियों को 4-5 फरवरी के दौरान मार गिराया गया है। इन घुसपैठियों में अधिकतर का संबंध पाकिस्तान बॉर्डर एक्शन टीम से था। इस बार सर्दियों में कम बर्फबारी हुई है, जिससे आतंकियों के आने-जाने वाले पहाड़ी रास्ते खुले हुए हैं। इसे देखते हुए सुरक्षा बलों और भारतीय सेना ने एलओसी और जम्मू-कश्मीर के अंदरूनी इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना ने आतंकियों की घुसपैठ रोकने के लिए नियंत्रण रेखा (एलओसी) के आसपास बारूदी सुरंगें बिछाई हैं। इसके अलावा रात में देखने वाले उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और सैनिकों की सतर्कता जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ रोकने की व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। आमतौर पर एलओसी के नजदीकी क्षेत्र को ‘नो मैन्स लैंड’ कहा जाता है, जिसका मतलब है कि कोई भी इस जमीन पर नहीं आ सकता।
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की थी। उन्होंने सुरक्षा बलों को ‘शून्य घुसपैठ’ और आतंकियों के प्रति ‘पूर्ण सख्ती’ बरतने के निर्देश दिए थे। यह बैठक उस घटना के बाद हुई, जिसमें कुलगाम जिले में आतंकियों ने पूर्व सैनिक मंजूर अहमद वागे की हत्या कर दी। इस हमले में उनकी पत्नी और बेटी भी घायल हो गई थीं। इस हत्या के बाद जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई थी। नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने केंद्र सरकार पर प्रदेश में हालात सामान्य होने के दावे को लेकर सवाल उठाए।
भारत की आतंकियों के खिलाफ पिछली पांच बड़ी स्ट्राइक
18 सितंबर 2016 की सुबह 4 आतंकी इंडियन आर्मी की ड्रैस में छडउ पार करके कश्मीर में दाखिल हुए थे। उन लोगों ने उरी इलाके में भारतीय सेना के ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर हमला किया था। 3 मिनट में 15 से ज्यादा ग्रेनेड कैंप पर फेंके थे। हमले में भारतीय सेना के 19 जवान शहीद हुए थे। कई घायल भी हुए थे। सेना के जवानों ने जवाबी फायरिंग में चारों आतंकी मारे गए थे। सुरक्षा एजेंसियों की जांच सामने आया था कि आतंकी पीओके से आए थे और आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े थे। पाकिस्तान की सेना इन्हें पूरा सपोर्ट देती है।
29 सितंबर 2016 को भारत के डीजीएमओ यानी डायरेक्टर जनरल मिलिट्री आॅपरेशन के लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था- भारत ने सीमा पार आतंकियों के लॉन्च पैड पर सर्जिकल स्ट्राइक की है।
14 फरवरी 2019, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 78 जवानों के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। जिसमें 40 जवान शहीद हुए। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।
26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करके पाकिस्तान के पूर्वोत्तर इलाके खैबर पख्तूनख्वाह के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैम्पों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इसे आॅपरेशन बंदर नाम दिया गया।