न्यू दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक शाखा के रूप में भारतीय राजनीति में पहले जनसंघ काम करता था। अब भारतीय जनता पार्टी वही काम करती है। भले इस खुले रूप में स्वीकार न किया जाए, लेकिन वास्तविकता यही है कि आज भाजपा में कोई शीर्ष पर हो, तो आरएसएस के बरदहस्त के बिना यह संभव नहीं है। आरएसएस के दायरे से बाहर भाजपा में आने वाले लोग बेशक बड़े पोजीशन तक पहुंचाते हैं, लेकिन वह शीर्ष पर कभी नहीं जा सकते। इसके लिए उन्हें RSS की ट्रेनिंग जरूरी है।
स्मृति ईरानी का उतार-चढ़ाव
याद कीजिए, 2014 में बॉलीवुड एक्ट्रेस स्मृति ईरानी अमेठी से लोकसभा का चुनाव हार गई थीं, फिर भी नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपने कैबिनेट में कद्दावर दर्जा दिया। 2019 में उन्होंने राहुल गांधी को इसी चुनाव क्षेत्र से हरा दिया तो दूसरे कार्यकाल में मोदी ने उनका कद और बढ़ा दिया। उनका अंदाज चाहे किसी को पसंद हो या ना हो, लेकिन उसके दम से इनकार नहीं किया जा सकता। लेकिन, जनता के दम के आगे नेता का कोई दम नहीं होता है और ऐसा ही 2024 के लोकसभा चुनाव में हुआ, जब अमेठी से ही वहां की जनता ने उन्हें धूल चटा दी। इसके बाद उनके राजनीतिक करियर का ग्राफ धीरे-धीरे नीचे जाने लगा। पार्टी में उनकी पूछ कम होने लगी और एक तरह से वह पर्दे के भीतर घुटन सी महसूस करने लगीं। इस घुटन की अवस्था में उनके फिल्मी करियर के भीतर जो कलाकार सो रहा था, वह अचानक जाग उठा और वह अब सुनने में आ रहा है कि फिर से एक्टिंग की दुनिया में प्रवेश कर रही हैं।
फिर बनने जा रही हैं तुलसी
फिल्मी दुनिया से यह खबर आ रही है कि एकता कपूर का आइकॉनिक शो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ पुरानी कास्ट के साथ लौट रहा है। स्मृति ईरानी और अमर उपाध्याय फिर से तुलसी और मिहिर बनकर दर्शकों का दिल जीतने को तैयार हैं। 2 अप्रैल 2025 को एकता कपूर ने फैंस को बड़ी खुशखबरी दी। टीवी का सबसे पॉपुलर शो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ अपनी ऑरिजिनल कास्ट के साथ वापसी कर रहा है।
8 सालों तक चला था इस सीरियल का जादू
टीवी की दुनिया में साल 2000 से 2008 तक 8 सालों तक चला क्योंकि सास भी कभी बहुत ही शो अपने ट्विस्ट, ड्रामा और फीलिंग्स के लिए मशहूर था। अब एकता कपूर इसे लिमिटेड सीरीज के रूप में वापस ला रही हैं, जिसमें स्मृति ईरानी तुलसी विरानी और अमर उपाध्याय मिहिर विरानी की भूमिका में नजर आएंगे। खबरों की मानें तो यह शो पुरानी यादों को ताजा करने के साथ-साथ नए जमाने के टच के साथ आएगा। स्मृति ईरानी, जो अब पॉलिटिक्स में बड़ा नाम हैं, तुलसी के किरदार में फिर से जान डालने के लिए काफी मेहनत कर रही हैं। वहीं, अमर उपाध्याय ने भी इस शो के लिए अपने दूसरे प्रोजेक्ट से जल्दी अलविदा बोल दिया।
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