बहरागोड़ा प्रखंड में इस बार 3966 हेक्टेयर में गरमा धान की खेती हुई है, पर अभी तक धान क्रय केंद्र नहीं खुला है. इसे लेकर किसानों में उहापोह की स्थिति है. गरमा धान के मौसम में धान अधिप्राप्ति केंद्र नहीं खुलने से किसानों में नाराजगी है. किसानों ने बताया कि खरीफ मौसम में धान क्रय केंद्र खुलता है, पर गरमा मौसम में नहीं खुलता है. चुनाव में इस मांग को किसान पूरजोर तरीके से उठा रहे हैं. बहरागोड़ा धान की खेती में हमेशा अव्वल रहा है. यहां के किसान साल में दो बार गरमा और खरीफ मौसम में धान की खेती करते हैं.
25000 परिवार धान की खेती पर निर्भर :
बहरागोड़ा प्रखंड के करीब 25000 परिवार धान की खेती पर निर्भर हैं. हर साल सरकारी स्तर पर खरीफ के मौसम में धान की खरीद तो होती है पर गरमा धान के मौसम में धान क्रय केंद्र नहीं खुलता. गरमा धान तैयार हो गया है. क्रय केंद्र नहीं खुलने से किसान खुले बाजार में कम दाम में धान बेचने को विवश हैं. इससे किसानों को वाजिब दाम नहीं मिलता. उनकी आमदनी कम हो जाती है. इस बार क्षेत्र के किसान गरमा धान के मौसम में धान क्रय केंद्र खोलने की मांग कर रहे हैं.किसानों का कहना है कि कई साल से गरमा धान के मौसम में धान अधिप्राप्ति केंद्र खोलने की मांग कर रहे हैं, पर इस दिशा में पहल आज तक नहीं हुई. आज भी क्षेत्र के किसान उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं. इस बार गरमा धान की खेती लगभग 3966 हेक्टेयर में हुई है. पूर्वांचल क्षेत्र में धान की कटाई शुरू हो गयी है. किसानों का कहना है कि इस बार बीमारी के कारण धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गयी है. इस बार खर्च उठाना भी मुश्किल है. विभागीय टीम द्वारा फसल का जायजा लिया गया. मगर अभी तक क्षतिपूर्ति देने की दिशा में पहल नहीं की गयी है.
सोमवार, 28 अप्रैल 2025
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बहरागोड़ा:-गरमा धान के मौसम में धान अधिप्राप्ति केंद्र नहीं खुलने से किसानों में नाराजगी.....
बहरागोड़ा संवाददाता
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