सरायकेला खरसावां संवाददाता:-सुशील कुमार
खरसावांः उत्क्रमित उच्च विद्यालय बुरुडीह में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं बाल संंसद के सदस्यओं ने अंबेडकर जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। विद्यालय के प्रधानाध्यापक धर्मेंद्र महतो ने विधिवेत्ता डॉ भीमराव अंबेडकर जी के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालें।
साथ ही विद्यालय के शिक्षक प्रदीप कुमार महतो ने बताया कि अंबेडकर जी न केवल भारतीय संविधान के निर्माता थे बल्कि स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री, अर्थशास्त्री, विधिवेत्ता और समाज सुधारक भी थे। वे समता मूलक समाज के निर्माणकर्ता थे। वे समाज के कमजोर, मजदूर, महिलाओं को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाना चाहते थे।
उन्होंने बताया अंबेडकर जी का पहला नारा था "शिक्षित बनो, संघर्ष करो और संगठित रहो"।
इसीलिए शिक्षा के क्षेत्र में जब तक हम आगे नहीं बढ़ेंगे तब तक हम बेहतर समाज की स्थापना नहीं कर सकते।
साथ ही विद्यालय के शिक्षक तुषार क्रांति महतो, ब्रजकिशोर कुमार बेदिया एवं छंदा रानी माजि ने अंबेडकर जी के राष्ट्र व समाज हित में किए गए कार्यों को विद्यार्थियों को अवगत काराएं।
बाबा साहब के जयंती पर बच्चों के बीच क्विज़, निबंध, भाषण एवं ड्राइंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया।
इस दौरान मंच का संचालन प्रदीप कुमार महतो ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन तुषार कांति महतो ने किया। साथ ही प्रशांत कुमार प्रधान ने पुरस्कृत होने वाले समस्त विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी।
मौके पर विद्यालय के शिक्षक धर्मेंद्र महतो, प्रशांत कुमार प्रधान, तुषार कांति महतो, ब्रजकिशोर कुमार बेदिया,अनीशा लकड़ा, स्वागता सिंह, लवली कुमारी, मौसमी दास,सुमित्रा महतो, छंदा रानी माजि, लक्ष्मण कुमार साहू, संध्या प्रधान, मनोज पाण्डेय , प्रदीप कुमार महतो, नीलमोहन महतो, आदि उपस्थित थे
*विभिन्न प्रतियोगिता में पुरस्कृत होने वाले विद्यार्थियों के नाम*
*क्विज़*
प्रथम- समीर महतो
द्वितीय- खुशी कुमारी साहू
तृतीय- संगीता प्रमाणिक
*निबंध*
प्रथम- श्रद्धा रानी महतो
द्वितीय- दुर्गा परी महतो
तृतीय- घनेश्वरी लोहार
*भाषण*
प्रथम- अनिका नायक
द्वितीय- खुशी कुमारी साहू
तृतीय-पुनम नायक
*चित्रांकन*
प्रथम- श्रद्धा रानी महतो
द्वितीय- शांति हेंब्रम
तृतीय- भारती महतो.
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