▪︎ पुलिस और केन्द्रीय बलों की संयुक्त गश्त के बाद स्थिति कुछ हद तक नियंत्रण में
कोलकाता : वक्फ संशोधन कानून को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में जारी हिंसक प्रदर्शनों के चलते सैकड़ों परिवारों को विस्थापन का दंश झेलना पड़ रहा है। भयभीत लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हो रहे हैं। जिले में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। इसी के मद्देनजर प्रशासन ने मुर्शिदाबाद के साथ-साथ अब पड़ोसी जिलों मालदा और बीरभूम के कुछ इलाकों में भी इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का फैसला किया है।
हिंसाग्रस्त मुर्शिदाबाद के धूलियान और शमशेरगंज से लगभग 500 परिवार विस्थापित
प्रशासन के मुताबिक मुर्शिदाबाद के सूती, जंगीपुर, धूलियान और शमशेरगंज जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में पहले ही इंटरनेट सेवा बंद की जा चुकी थी। अब कुछ और इलाकों को इस दायरे में शामिल कर लिया गया है। इंटरनेट सेवाएं फिलहाल 15 अप्रैल (मंगलवार) की रात 10 बजे तक बंद रहेंगी। इसके बाद स्थिति की समीक्षा कर आगे निर्णय लिया जायेगा। उधर, सूत्रों का दावा है कि मुर्शिदाबाद जिले के धूलियान और शमशेरगंज इलाकों से लगभग 500 परिवारों को हिंसा के चलते विस्थापित होना पड़ा है। इन सभी परिवारों ने मालदा जिले के एक स्कूल में बनाये गये अस्थायी राहत शिविर में शरण ली है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शनिवार रात से राज्य पुलिस और केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की संयुक्त गश्त के बाद मुर्शिदाबाद में स्थिति कुछ हद तक नियंत्रण में है।
सोशल मीडिया में अफवाहों और भ्रामक सूचनाओं का फैलाव प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती
हालांकि, सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाहों और भ्रामक सूचनाओं के फैलाव को लेकर कानून व्यवस्था बनाये रखना अब भी प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनी हुआ है। इसी बीच सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पूर्वी कमान के अतिरिक्त महानिदेशक रवि गांधी ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। वह मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर रहे हैं, ताकि किसी भी उग्रवादी तत्त्व को बांग्लादेश सीमा पार कर भारत में प्रवेश कर स्थिति को और बिगाड़ने का मौका नहीं मिले। बीएसएफ द्वारा इस दौरे की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर केन्द्र को भेजी जायेगी।
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