डाक्टरों की सलाह गर्मी बढऩे लगी संक्रमण से बचना होगा। ओपीडी में उल्टी दस्त एवं गैस्ट्रो के मरीज पहुंचने शुरू। खानपान को सही रखकर खुद को फिट रखा जा सकता है। कई चीजों से परहेज भी करना होगा।
गर्मी के मौसम में खानपान का विशेष तौर ध्यान रखना होगा।
चिकित्सा शास्त्र में वसंत को सेहत के लिए उत्तम मौसम माना गया है, लेकिन अब गर्मी बढ़ने से पेट की बीमारियां शुरू हो गई हैं। मेडिकल कालेज की मेडिसिन ओपीडी में डायरिया, टायफायड एवं पीलिया के मरीज पहुंचने लगे हैं।
डाक्टरों ने गर्मी में ज्यादा पानी पीने और शरीर में सोडियम एवं पोटैशियम की मात्रा संतुलित रखने की सलाह दी है। स्वास्थ्य के लिए नई चुनौती वही गुंजन डायग्नोस्टिक के डायरेक्टर डॉ जे एन दास ने बताया कि फरवरी-मार्च में संक्रमण एवं फ्लू जैसी बीमारियां कम होती हैं, लेकिन अब तापमान बढऩे से स्वास्थ्य के लिए नई चुनौती खड़ी हो रही है। उल्टी, दस्त एवं बुखार के मरीज अस्पताल पहुंचने लगे हैं। बाजारों में कटे फटे फलों एवं खुले में रखे खाद्य पदार्थों के सेवन से बैक्टीरियल एवं फंगल इंफेक्शन होते हैं।
मौसम में बदलाव की वजह से कई मरीजों में सांस की एलर्जी बढ़ी है। हाथ साफ रखें तो कई बीमारियों से बचेंगे कोरोनाकाल में हाथ साफ रखने की जागरूकता बढ़ी। जिसका पालन करने से पेट एवं सांस की तमाम बीमारियों से बच सकते हैं। शादी या बड़ समारोहों में मिल्क प्रोडक्ट से बने उत्पादों के सेवन से बचें। इसमें बैक्टीरिया तेजी से बढ़ता है। घर में सफाई से तैयार मिल्क प्रोडक्ट ही गर्मी में लेने चाहिए।
गर्मी के सीजन में 5लीटर पानी पीने की डालें आदत
गर्मी का मौसम कई तरह से शरीर की ऊर्जा को कम करता है। गर्मी के प्रभाव को कम करने के लिए सबसे अधिक कारगर है, सही खानपान। इसलिए इस मौसम में ठंडी तासीर वाली चीजें खाने की सलाह दी जाती है। इस मौसम में सेहतमंद रहने और गर्मी से बचाव के लिए फल और सब्जियां खानी चाहिएं।
तली-भुनी चीजें और फास्टफुड खाने से इस मौसम में कब्ज और बदहजमी की समस्या हो सकती है। साथ ही मांसाहार और मसालेदार भोजन से भी परहेज करना चाहिए। अब समय आ गया है कि भोजन में दही, छाछ, नीबू पानी, नारियल पानी, बेल का शरबत, जूस और रसेदार सब्जियों को शामिल किया जाए। मौसम के हिसाब से खाएं फल और सब्जियां मौसम के हिसाब से फल और सब्जियां खाने से हम कई बीमारियों से दूर रहते हैं। इस समय बाजार में करेला, लौकी, भिंडी, पेठा, तोरी, खीरा, ककड़ी और परवल की सब्जी आ चुकी हैं। इन्हें खूब खाएं। इस मौसम में गेहंू के आटे की रोटी न खाकर गेंहू और जौ के आटे की रोटी खाएं, इसे पचाना काफी आसान होता है।
शरीर को ठंडा रखने के लिए मौसमी फल खाएं। दिन में दो से तीन फल खा सकते हैं।
दिनचर्य में शामिल करें पेय पदार्थ गर्मी के मौसम में जितना पेय पदार्थ पीएं, उतना बेहतर है। इससे शरीर में ठंडक बनी रहती है और पेट भी ठीक रहता है। इसके लिए छाछ, लस्सी, बेल का शरबत, नारियल पानी, नीबू पानी, जीरा पानी दिन में दो से तीन बार पीएं। पानी की मात्रा 5 लीटर कर दें। जहां तक संभव हो फ्रिज की जगह मटके का पानी पीएं। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पानी पीना बहुत जरूरी है।
इन बातों का भी रखें ध्यान
- गर्म चाय-काफी की जगह कोल्ड काफी और ग्रीन टी पीएं।-
- भोजन में दही और सलाद की मात्रा बढ़ा दें।
- बासी खाना खाने से बचें।
- काली मिर्च, दाल चीनी और अदरक का प्रयोग भोजन में कम से कम करें।
- मेवे खाने से पहले उन्हें दो से तीन घंटे भिगोकर जरूर रखें।
- जंक फुड खाने से बचें।
इन्होंने कहा-प्राकृतिक रूप से ही मौसम के हिसाब से हमारा खानपान बदल जाता है। प्रकृति हमें स्वयं मौसम के मुताबिक फल और सब्जियां प्रदान करती है। यदि हम इनका सेवन सही तरीके से करें तो पेट की समस्या और कई मौसमी बीमारियों से हम बच सकते हैं। इस मौसम में सबसे ज्यादा जरूरी है अधिक पानी पीना। इससे पेट संबंधी सभी समस्याएं दूर होती हैं। इसलिए पानी की बोतल हमेशा साथ रखें और बार-बार पानी पीते रहें।
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