जिसमें तीन बिंदु (विषय) को लेकर चर्चा की गई।
1) पंडित को हटाना
2) लाइसेंस धारी संतोष सिंह का लाइसेंस को रद्द करने की मांग की गई
3) मंदिर के प्रांगण में एक दुकान बनवाने के विषय पर चर्चा की गई
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बैठक में सर्वप्रथम मंदिर के पंडित के द्वारा मंदिर के रखरखाव पूजा में लापरवाही के साथ इस बार मंदिर में स्थित भगवान श्री हनुमान जी के मूर्ति को रंग रोगन नहीं कराना भारी भूल प्रतीत होता है। पंडितजी के इस कार्य हीनता और पंडितजी के द्वारा मंदिर में राजनीति करना इन सब को देखते हुए कमेटी के सभी सदस्यों के सर्वसहमति से पंडित जी को मंदिर से हटाकर नए पंडित को बहाल करने की सहमति सभी कमेटी के सदस्यों के द्वारा पारित की गई।
दूसरा प्रस्ताव इस बैठक में लाइसेंसधारी संतोष सिंह के भाई अजय सिंह द्वारा कमेटी के अनुशासन को भंग करना। बाहर के लोगों को कमेटी की मीटिंग में बुलाना। मंदिर और कमेटी को बदनाम करना राजनीतिक षडयंत्र करना और मंदिर में किसी प्रकार का सहयोग नहीं करना सिर्फ अपने लाइसेंस का दुरूपयोग करना इसको लेकर सभी कमेटी के सदस्य काफी दिनों से नाखुश चल रहे है तो अंततः सर्व सहमति से लाइसेंस धारी को हटाने का निर्णय लिया गया।
तीसरा प्रस्ताव-आपको इस बैठक में मंदिर में पूजा-पाठ रख-रखाव, मरम्मति एवं रामनवमी को लेकर चर्चा हो रही है।
जिसमें मंदिर के कमेटी को आर्थिक मजबुत बनाने के लिए मंदिर के प्रांगण के एक कोना पर एक दुकान बनाकर भाड़ा में दिया जायेगा, जिससे आनेवाले आर्थिक स्रोत का उपयोग मंदिर के पूजा-पाठ मरम्मति एवं रामनवमी के जुलुस के लिए किया जाएगा। इसका कमेटी के समी लोगों के द्वारा सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव को पारित किया गया है। ताकि मंदिर का पुजा पाठ सुचारू रूप से चल सके।
मंदिर कमेटी के अध्यक्ष भुगलू सोरेन (डब्बा )बजरंग अखण्ड अखाड़ा कमिटी का अध्यक्ष ने प्रशासन से कहा की अनुसूचित जनजाति से मै हूँ। अजय सिंह के द्वारा मेरे ऊपर जो गंभीर आरोप लगाए है वो बेबुनियाद है।
अजय सिंह के द्वारा लगाए गए आरोप से मेरा सामाजिक एवं मानसिक प्रताड़ना दिया। जिसका प्रमाण सोशल मीडिया एवं समाचार पत्रिका में प्रकाशित हुआ। जिससे मेरे छवि को धुमिल करने का प्रयास किया। अतः माननीय महोदय से निवेदन है कि अजय सिंह के ऊपर एस. टी/एस.सी एक्ट कानून के तहत मामला को दर्ज कर उस पर उचित कानुनी कार्यवाही करने की मांग की
दोनों पक्षों से करेंगे वार्ता ~ थाना प्रभारी
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