*पटना :* बिहार के इस गांव की प्रसिद्धि इतनी है कि दूसरे राज्यों के छात्र भी यहां रहकर इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम यानी जेईई मेन्स और जेईई एडवास्ड की तैयारी करते हैं और सफल होते हैं. हर साल 40 से 60 छात्र जेईई मेन्स पास करते हैं और अपने गांव का नाम रोशन करते हैं.
बिहार का पटवा टोली गांव इंजीनियर्स का हब यूं ही नहीं कहा जाता है. गया जिले के मानपुर प्रखंड में स्थित पटवा टोली गांव के 40 छात्रों ने जेईई मेन्स सेशन-2 2025 क्रैक किया है. इनमें से 18 छात्र मई में होने वाली जेईई एडवांस्ड परीक्षा में हिस्सा लेंगे.
*बुनकरों का गांव, इंजीनियर्स का हब*
पटवा टोली गांव, जो पहले बुनकरों के गांव के नाम से जाना जाता था, अब इंजीनियर्स के हब के रूप में मशहूर है. बिहार के इस गांव की प्रसिद्धि इतनी है कि दूसरे राज्यों के छात्र भी यहां रहकर इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम यानी जेईई मेन्स और जेईई एडवास्ड की तैयारी करते हैं और सफल होते हैं. हर साल 40 से 60 छात्र जेईई मेन्स पास करते हैं और अपने गांव का नाम रोशन करते हैं.
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