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शनिवार, 1 मार्च 2025

दिल्ली की गलियों में छुट्टा घूमते खामोश शिकारी का खुला बड़ा राज I

 दिल्ली की तंग गलियों में एक खामोश शिकारी घूम रहा था, एक ऐसा गिरोह, जो इंसानी कमजोरियों को अपना हथियार बना चुका था। सोशल मीडिया की चमक-दमक में रिश्तों का जाल बुनता, प्यार के मीठे वादों में छल छिपा होता, और फिर अचानक, भरोसे की जमीन खिसक जाती। फेसबुक पर दोस्ती की डोर पकड़कर ये शातिर लोग अमीरी और अकेलेपन का फायदा उठाते। किसी मासूम को एक मुस्कान की तलाश थी, किसी को अपनेपन का अहसास। मगर उन्हें क्या पता था कि जिस हाथ ने थामा, वही हाथ उन्हें गहरे दलदल में खींचने वाला है।
एक फ्लैट में मुलाकात तय होती, बातें होतीं, शायद कुछ सपने भी बुने जाते। मगर तभी दरवाजा धड़ाम से खुलता और पुलिस की वर्दी में खड़े चेहरे डर का साया बन जाते। “तुम्हें रंगे हाथ पकड़ा है, अब कानून से बच नहीं सकते!”—ऐसी धमकियों के आगे डर और शर्म से झुकी आंखें बस एक ही रास्ता देखतीं—उगाही, ब्लैकमेल, और बर्बादी। दिल्ली की रोहिणी जिला पुलिस ने फेसबुक पर दोस्ती करने के बाद लोगों को हनी ट्रैप में फंसाकर उगाही करने वाले उक्त गैंग का खुलासा किया है। पुलिस ने गैंग के तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की वर्दी पहनकर बदमाश लोगों को धमकाते थे और फिर उनसे उगाही करते थे। इनके कब्जे से पुलिस ने दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर की वर्दी, एक शर्ट, फर्जी पहचान पत्र, तीन मोबाइल फोन और दो स्कूटी बरामद की है। जांच से खुलासा हुआ है कि फेसबुक के जरिये उक्त बदमाश अपने गैंग की महिला सहयोगी के साथ पैसेवालों की दोस्ती करवाते थे। उसके बाद महिला के जरिये गैंग पीड़ितों को मिलने के बहाने एक फ्लैट में बुलाते थे। जहां कमरे में रहने के दौरान आरोपी पुलिस की वर्दी में वहां पहुंचते थे। फिर पीड़ित को झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर उन्हें पैसे देने के लिए मजबूर कर देते थे।
पुलिस की गिरफ्त में आये इस गिरोह ने न जाने कितने लोगों के विश्वास को तोड़ा, कितने ही सपनों को लूटा। मगर अभी भी कई चेहरे अंधेरे में हैं—वो जो शिकार बने, मगर शर्म और समाज के डर से आवाज नहीं उठा सके। पुलिस का कहना है, “शिकायत करो, इंसाफ मिलेगा।” लेकिन सवाल यह है कि क्या पीड़ित अपनी चुप्पी तोड़ पायेंगे 

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