वाराणसी :-महाकुंभ का अमृत काल संपन्न हुआ.आरंभ से लेकर प्रस्थान बिंदु तक इस अमृत काल में पूरे विश्व ने सनातन धर्म की आस्था, अध्यात्म व धार्मिक मनोभावों की गहनता को अनुभव ही नहीं किया,k बल्कि बहुत से विश्व यात्रियों ने इस सर्वविराट आयोजन में सम्मिलित होकर इसका हिस्सा बन अघाए।
महाकुंभ के केंद्र बिंदु प्रयागराज में जहां लगभग 66 कराेड़ श्रद्धालु पूरे देश व दुनिया से पहुंचे, वहीं काशी व अयोध्या भी आस्था के इस जनप्रवाह से ओतप्रोत रहे। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी मेें आस्था के प्रबल प्रवाह का ज्वार उमड़ा और यहां भी इन 45 दिनों में दो करोड़ 45 लाख 50 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचकर बाबा विश्वनाथ का दर्शन किया।
इसमें बहुत से ऐसे श्रद्धालुओं की गणना नहीं हो सकी है जो यहां तक पहुंचे, तो अवश्य परंतु किन्हीं कारणों से बाबा दरबार के भीतर न पहुंचकर बाहर से ही गंगा स्नान व शिखर दर्शन कर वापस हो गए.इसी क्रम में महाकुंभ के अंतिम दिवस काशी के सबसे बड़े त्योहार महाशिवरात्रि पर्व पर तो भक्तों की संख्या ने बाबा दरबार में पहुंचकर इसी फरवरी महीने में ही दूसरी बार रिकार्ड तोड़ दिया। महाशिवरात्रि पर बाबा के दर्शन को 11,69,553 श्रद्धालु पहुंचे जो एक दिन में पहुंचने वाली अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। महाशिवरात्रि के दूसरे दिन गुरुवार को भी रात नौ बजे तक 6,05,088 भक्त बाबा दरबार में उपस्थिति लगा चुके थे।
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