3 मार्च 2025 – विनायक चतुर्थी
4 मार्च 2025 – स्कंद षष्ठी
7 मार्च 2025 – होलाष्टक आरंभ, दुर्गा अष्टमी व्रत
10 मार्च 2025 – आमलकी एकादशी
13 मार्च 2025 – होलिका दहन, होलाष्टक समाप्त
14 मार्च 2025 – होली (रंगों का पर्व), मीन संक्रांति, चंद्र ग्रहण
16 मार्च 2025 – होली भाई दूज
17 मार्च 2025 – छत्रपति शिवाजी जयंती
19 मार्च 2025 – रंग पंचमी
21 मार्च 2025 – शीतला सप्तमी
25 मार्च 2025 – पापमोचिनी एकादशी
30 मार्च 2025 – हिंदू नव वर्ष, चैत्र नवरात्रि आरंभ
31 मार्च 2025 – गणगौर पूजा, ईद-उल-फितर
Festivals ) धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस माह में अनेक व्रत एवं पर्व आते हैं, जो भक्तों के लिए विशेष महत्व रखते हैं। इस लेख में मार्च 2025 के सभी महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों की जानकारी दी गई है, साथ ही इनके महत्व और पूजा विधि का संक्षिप्त विवरण भी दिया गया है।
होली से लेकर 13 व्रत-त्योहार (March 2025 Festivals)
3 मार्च 2025 – विनायक चतुर्थी
महत्व: यह दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित होता है।
पूजा विधि: गणपति की प्रतिमा का अभिषेक करें, दूर्वा, मोदक अर्पित करें और व्रत रखें।
4 मार्च 2025 – स्कंद षष्ठी
महत्व: भगवान कार्तिकेय (मुरुगन) की पूजा का दिन।
पूजा विधि: भगवान स्कंद की आराधना करें और विशेष मंत्रों का जाप करें।
7 मार्च 2025 – होलाष्टक आरंभ, दुर्गा अष्टमी व्रत
महत्व: होली से आठ दिन पहले होलाष्टक शुरू होता है, जिसमें शुभ कार्य वर्जित होते हैं। दुर्गा अष्टमी का विशेष महत्व है।
पूजा विधि: माता दुर्गा की पूजा करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
10 मार्च 2025 – आमलकी एकादशी
महत्व: भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का विशेष अवसर।
पूजा विधि: आंवले के वृक्ष की पूजा करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
13 मार्च 2025 – होलिका दहन, होलाष्टक समाप्त
महत्व: बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक।
पूजा विधि: होलिका की अग्नि जलाकर उसमें सूखी लकड़ियाँ, गोबर के उपले और नई फसल अर्पित करें।
14 मार्च 2025 – होली (रंगों का पर्व), मीन संक्रांति, चंद्र ग्रहण
महत्व: रंगों और आनंद का त्योहार, साथ ही सूर्य की मीन राशि में प्रवेश।
पूजा विधि: सुबह भगवान कृष्ण की पूजा करें और शुभ मुहूर्त में रंग खेलें।
16 मार्च 2025 – होली भाई दूज
महत्व: भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक।
पूजा विधि: बहनें अपने भाइयों को तिलक कर उनके दीर्घायु की कामना करें।
17 मार्च 2025 – छत्रपति शिवाजी जयंती
महत्व: मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती।
पूजा विधि: उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करें और उनके जीवन से प्रेरणा लें।
19 मार्च 2025 – रंग पंचमी
महत्व: होली का पांचवां दिन, जिसमें विशेष रूप से इंद्रदेव की पूजा होती है।
पूजा विधि: इंद्रदेव को जल और रंग अर्पित करें।
21 मार्च 2025 – शीतला सप्तमी
महत्व: माता शीतला की पूजा से संक्रामक रोगों से मुक्ति मिलती है।
पूजा विधि: ठंडा भोजन करें और शीतला माता का व्रत रखें।
25 मार्च 2025 – पापमोचिनी एकादशी
महत्व: यह एकादशी पापों से मुक्ति और मोक्ष प्रदान करने वाली मानी जाती है।
पूजा विधि: उपवास रखें, भगवान विष्णु की पूजा करें और कथा सुनें।
30 मार्च 2025 – हिंदू नव वर्ष, चैत्र नवरात्रि आरंभ
महत्व: नव संवत्सर का पहला दिन और माता दुर्गा की उपासना का शुभारंभ।
पूजा विधि: घटस्थापना करें, अखंड ज्योति जलाएं और माता दुर्गा का व्रत रखें।
31 मार्च 2025 – गणगौर पूजा, ईद-उल-फितर
महत्व: गणगौर माता की पूजा मुख्य रूप से राजस्थान और उत्तर भारत में होती है। ईद-उल-फितर इस्लाम धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है।
पूजा विधि: सुहागिन महिलायें गणगौर माता की पूजा करें। ईद के दिन विशेष नमाज पढ़ें और गरीबों को दान करें।
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