मुंबई की माया नगरी में अपने-अपने समय में अभिनेताओं ने अपने-अपने तरीके से झंडा गड़ा। लेकिन, राजेश खन्ना ने जैसी पापुलैरिटी हासिल की, वह कहीं और बहुत कम देखने को मिलती है। राज कपूर, दिलीप कुमार और देवानंद के जमाने के बाद एक लंबे समय तक फिल्मी दुनिया में राजेश खन्ना ने राज किया। अपने समय में अमिताभ बच्चन की क्रांतिकारी छवि कुछ और थी और राजेश खन्ना की कुछ और। आनंद और नमक हराम जैसी फिल्मों में राजेश खन्ना ने यह दिखाया कि वह एक अलग किस्म की कला का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो अमिताभ बच्चन में नहीं हो सकता। राजेश खन्ना को आज भी उनके निधन के कई वर्षों के बाद काका के नाम से ही जाना जाता है। आराधना फिल्म कब गीत याद कीजिए मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू, आई रुत मस्तानी, कब आएगी तू, आ, चली आ।
46 साल का अद्भुत फिल्मी करियर
कहा जाता है कि उनकी अदाकारी, स्टारडम और फैंस की दीवानगी ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को एक नया मुकाम दिया। लोग आज भी उनकी फिल्मों और शानदार अभिनय को याद करते है। राजेश खन्ना के नाम 6 बड़े ऐसे रिकॉर्ड हैं, जिनमें से कुछ को आज तक कोई नहीं तोड़ पाया। करियर की शुरुआत 1966 में फिल्म ‘आखिरी खत’ से की थी। अपने 46 साल के करियर में उन्होंने 180 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। फैंस आज भी उनको प्यार से ‘काका’ ही बुलाते हैं।
7 वर्षों का स्टारडम
याद कीजिए, 1969 से 1976 के बीच राजेश खन्ना का स्टारडम अपने चरम पर था। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लोग उनकी गाड़ी से उड़ी धूल को तक चूम लेते थे। कई फीमेल फैंस उन्हें अपने खून से चिट्ठियां लिखती थीं।
बताया जाता है कि राजेश खन्ना ने 1969 से 1987 तक बॉलीवुड के सबसे ज्यादा फीस पाने वाले अभिनेता का खिताब अपने नाम किया है। 1980 से 1987 तक उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ मिलकर ये रिकॉर्ड बनाए रखा। ‘आराधना’ की सफलता के बाद उन्होंने अपनी फीस बढ़ाकर 4.5 लाख रुपये कर दी थी, जो उस दौर में एक बड़ी रकम मानी जाती थी।
4 गोल्डन जुबली फिल्में
यह रिकॉर्ड है कि हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना ने अपने करियर में 74 गोल्डन जुबली हिट और 22 सिल्वर जुबली हिट फिल्में दीं। गोल्डन जुबली फिल्मों में ‘आराधना’, ‘आनंद’, ‘अमर प्रेम’, ‘कटी पतंग’, ‘सफर’ और सिल्वर जुबली हिट में ‘डोली’, ‘इत्तेफाक’ और ‘छोटी बहू’ जैसी शानदार फिल्मों के नाम शामिल है।
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