झारखंड सरकार ने गुटखा और पान मसाला की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। आज से राज्य में गुटखा बेचने, स्टोर करने और वितरित करने पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कैंसर दिवस के अवसर पर स्पष्ट किया था कि झारखंड में कैंसर के बढ़ते मामलों की एक बड़ी वजह गुटखा है। खासकर युवा पीढ़ी इसकी चपेट में आकर अपनी जिंदगी बर्बाद कर रही है। गौरतलब है कि राज्य में गुटखा और तंबाकू के सेवन से ओरल कैंसर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आंकड़ों के मुताबिक, हर 1 लाख की आबादी पर 70 लोग कैंसर पीड़ित हैं, जिनमें से 40-45 मरीज गुटखा और तंबाकू के कारण ओरल कैंसर से ग्रस्त होते हैं।
क्या होगी कार्रवाई?
अब झारखंड में गुटखा और पान मसाला बेचते पकड़े जाने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जायेगी। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस प्रतिबंध का कड़ाई से पालन करवाया जाएगा और किसी भी उल्लंघन पर दंडात्मक कदम उठाये जायेंगे।
क्या है नोटिफिकेशन, जानें..
अधिसूचना के अनुसार, जर्दा (टोबैको) या निकोटिन युक्त गुटखा और पान मसाला की बिक्री, उत्पादन, स्टोरेज और वितरण पर एक साल का प्रतिबंध लगाया गया है।
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट, 2006 के सेक्शन 30(2)(a) और फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स (प्रोहिबिशन एंड रिस्ट्रिक्शन ऑन सेल्स) रेगुलेशन, 2011 के तहत यह फैसला लिया गया है।एसीएस-कम-फूड सेफ्टी कमिश्नर अजय कुमार सिंह ने आदेश जारी किया है कि इस प्रतिबंध को अखबारों में तीन दिनों तक प्रकाशित किया जाये, ताकि आम जनता को इसकी पूरी जानकारी हो।
पहले भी लग चुका है प्रतिबंध
जून 2022 में तत्कालीन CM हेमंत सोरेन की पहल पर 11 ब्रांड्स के पान मसाले पर एक साल के लिये बैन लगाया गया था।
मई 2020 में जब पान मसाला के नमूनों में मैग्निशियम कार्बोनेट पाया गया था, तब भी इस पर प्रतिबंध लगाया गया था।
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