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Friday, January 3, 2025

BPSC Protest: प्रशांत किशोर पर प्रशासन सख्त ।

BPSC Protest: प्रशांत किशोर पर प्रशासन सख्त। 
 पटना में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के धरने को समाप्त करने के लिए पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है. बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में कथित अनियमितताओं के विरोध में आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर के खिलाफ प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है.
जन सुराज के संस्थापक और प्रसिद्ध राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर सख्त रुख अपनाया है. उन्होंने परीक्षा को रद्द करने की मांग करते हुए आमरण अनशन शुरू कर दिया है. प्रशांत किशोर का कहना है कि इस परीक्षा में गंभीर अनियमितताएं हुई हैं, जो योग्य और मेहनती अभ्यर्थियों के साथ अन्याय है. उन्होंने इसके लिए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है. प्रशांत किशोर ने अपने अनशन के जरिए न केवल परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया है, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता की मांग भी उठाई है. उनका मानना है कि जब तक शिक्षा और प्रशासनिक प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी नहीं होगी, तब तक समाज में समानता और न्याय की स्थापना नहीं हो सकेगी.
 हालांकि, उनके इस कदम के बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है. पटना के डीएम ने उनके धरने को गैरकानूनी करार देते हुए तत्काल प्रभाव से इसे समाप्त करने का आदेश दिया है. साथ ही, प्रशांत किशोर और उनके सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश भी दिए गए हैं। डीएम ने कहा है कि किसी भी गैरकानूनी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कानून व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है. इस घटना ने राज्य में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है. जहां एक ओर प्रशांत किशोर के समर्थक उनके इस कदम को साहसिक और जरूरी बता रहे हैं, वहीं प्रशासन के इस एक्शन पर सवाल उठाए जा रहे हैं. इस मुद्दे ने एक बार फिर बिहार की परीक्षा प्रणाली और प्रशासनिक पारदर्शिता पर बहस छेड़ दी है.
BPSC Protest: Strict Action by Administration Against Prashant Kishor
In Patna, the police have intensified their action to end the hunger strike by Jan Suraj founder Prashant Kishor. The administration has taken a strict stance against him for his indefinite hunger strike in protest against alleged irregularities in the 70th BPSC Preliminary Examination.

Prashant Kishor, the founder of Jan Suraj and renowned political strategist, has taken a firm stand against the alleged irregularities in the 70th BPSC Preliminary Examination. He has launched an indefinite hunger strike, demanding the cancellation of the examination. According to Kishor, serious irregularities have occurred in this examination, which is an injustice to deserving and hardworking candidates. He has called for a high-level investigation into the matter and strict action against the guilty officials. Through his hunger strike, Kishor has not only highlighted the need for reforms in the examination system but also raised the issue of administrative transparency. He believes that until the education and administrative processes are impartial and transparent, equality and justice cannot be established in society.
However, following his actions, the administration has adopted a strict approach. The District Magistrate (DM) of Patna has declared his protest illegal and ordered its immediate termination. Additionally, instructions have been issued to file cases against Kishor and his associates. The DM stated that no illegal activity will be tolerated, and maintaining law and order remains the top priority.

This incident has sparked significant debate in political and social circles of the state. While Kishor’s supporters consider his move bold and necessary, questions are being raised about the administration's response. This issue has once again triggered a discussion on Bihar’s examination system and administrative transparency.

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