जिस बुजुर्ग को मरा समझ लिया गया, वो शख्स जिंदा हो गया। मुर्दाघर ले जाने से पहले ही इस शख्स की सांसे चलने लगी। स्थानीय अखबारों में छपे शोक संदेश प्रकाशित हो जाने के चलते नाते-रिश्तेदारों का जुटान तक घर में हो गया था। अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही थी, लेकिन उनके जिंदा रहने की खबर से घर में खुशियां छा गई। लगभग 66 साल के पवित्रन को मुर्दाघर ले जाते वक्त अस्पताल के एक कर्मचारी ने उनकी उंगलियों में हल्की हरकत देखी और उनके रिश्तेदारों और डॉक्टरों को सूचना दी। एक अन्य कर्मचारी ने भी देखा कि पवित्रन की उंगलियां हिल रही थीं और उन्होंने उसे बुलाया। उनका तुरंत BP देखा गया, सामान्य पाया गया। अब बुजुर्ग पवित्रन को एक अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया है। उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने मीडिया को बताया कि वो इलाज में पूरा सपोर्ट कर रहे हैं, नाम पुकारने पर वह अपनी आंखें खोल रहे हैं। वहीं, लोगों को देख भी रहे हैं। यह बुजुर्ग शख्स केरल के कन्नूर शहर के कुथुपरम्बा के पास पचपोइका के रहने वाले हैं।
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