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Tuesday, January 21, 2025

गरीबी के मामले में झारखंड के पांच जिलों की स्थिति खराब

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण रिपोर्ट 2023 के अनुसार झारखंड में सबसे खराब स्थिति पाकुड़, साहेबगंज, पश्चिमी सिंहभूम, लातेहार और दुमका जिले की है. पाकुड़ जिले की 49.8 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर कर रही है.
साहेबगंज में 48.45, पश्चिमी सिंहभूम में 47.81, लातेहार में 41.68, दुमका में 37.99 और देवघर की 37.04 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे है.
चतरा जिले की 37.0, गोड्डा में 36.36, गढ़वा में 35.84, खूंटी में 33.38, पलामू में 32.34, सिमडेगा में 31.41, गुमला में 30.76, गिरिडीह में 30.29, जामताड़ा में 28.97 और कोडरमा में 28.21 प्रतिशत आबादी विभिन्न मापदंडों के आधार पर वंचित श्रेणी में शामिल है. हजारीबाग में 26.10, सरायकेला-खरसावां में 23.16, लोहरदगा में 22.71, रामगढ़ में 18.06, धनबाद में 17.09, रांची में 15.80, बोकारो में 15.28 और पूर्वी सिंहभूम जिले की 15.10 आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने के लिए विवश हैं.
नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015-16 में झारखंड में कुपोषण की दर 34.39 प्रतिशत थी, जो 2020-21 में घटकर 23.22 प्रतिशत रह गई. शिशु मृत्यु दर भी 2.74 प्रतिशत से घटकर 1.75 हो गई और मातृत्व स्वास्थ्य की स्थिति में भी सुधार हुआ. शिक्षा के क्षेत्र में भी पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल में सुधार देखने को मिला.

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