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Thursday, January 16, 2025

दो दिनों में 5.15 करोड़...महाकुंभ की 'महाभीड़' को ऐसे मैनेज कर रही यूपी पुलिस? समझिए पूरा सिस्टम



*प्रयागराज:* आस्था के महापर्व महाकुंभ में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ चुका है. दो दिन के अंदर ही प्रयागराज के संगम तट पर 5.15 करोड़ लोगों ने स्नान किया. इसमें सोमवार को पहले स्नान पौष पुर्णिमा पर 1.65 करोड़ लोगों ने संगम की डुबकी लगाई थी, वहीं मंगलवार 3.5 करोड़ लोगों ने अमृत स्नान किया. यह आबादी ऑस्ट्रेलिया जैसे देश की दोगुनी से भी ज्यादा है. अब सवाल यह है कि जब देश-विदेश से करोड़ों लोग एक साथ प्रयागराज में उमड़े हैं, तो उनकी सुरक्षा कैसे हो रही है? प्रयागराज में संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी कैसे रखी जा रही है? पुलिस किन तरीकों का इस्तेमाल कर महाकुंभ को सुरक्षा प्रदान कर रही है? आइए जानते है... 
यूपी पुलिस ने महाकुंभ मेले में करोड़ों तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और उनकी सुगम आवाजाही के लिए हाईटेक इंतजाम किए हैं. पुलिस ने इसके लिए पारंपरिक तरीकों के साथ टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल किया है. महाकुंभ के पूरे मेला मैदान की निगरानी के लिए पुलिस ने 11 टेथर्ड ड्रोन और एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किया है. इनके जरिए क्राउड मैनेजमेंट के साथ ही साथ संदिग्ध गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है. 
*क्या होते हैं टेथर्ड ड्रोन?*
टेथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल उन जगहों पर किया जाता है, जहां पारंपरिक ड्रोन से खतरा हो सकता है. ये ट्रोन एक तरह के केबल से जुड़े होते हैं, यह वायर इन ड्रोन्स को बिजली देने के साथ ही यह भी सुनिश्चित करता है कि ड्रोन तय किए गए स्थान पर ही रहें. इन ड्रोनों का इस्तेमाल वहां होता है, जहां हाई सिक्योरिटी की जरूरत होती है. 
*कैसे काम करते हैं टेथर्ड ड्रोन?*
टेथर्ड ड्रोन लगातार 12 घंटे तक उड़ान भर सकते हैं. इन्हें इतने लंबे समय तक बिजली उन्हीं केबल से मिलती है, जो ग्राउंड स्टेशनों से जुड़े होते हैं. यह ड्रोन 120 मीटर तक उड़ान भरने और 3 किलोमीटर के पूरे एरिया को कवर करने में सक्षम होते हैं. इन ड्रोन्स को थर्मल और आईआर कैमरों से लैस किया जाता है, जिससे ये दिन और रात दोनों समय काम कर सकते हैं. इस तरह के ड्रोन्स रियल टाइम 4K इमेज और (36x ऑप्टिकल और 8x डिजिटल) जूमिंग कैपिसिटी की इमेज प्रदान करते हैं. महाकुंभ में चार-चार ड्रोन सुरक्षा विभाग और ट्रैफिक डायरेक्ट्रेट की तरफ से तैनात किए गए हैं. जबकि, तीन का ड्रोन का उपयोग यूपी ATS द्वारा किया जा रहा है. 
*महाकुंभ में ये रोल निभा रहे ड्रोन*
क्राउड मैनेजमेंट
ट्रैफिक रेगुलेशन
संदिग्ध गतिविधियों की पहचान
इमरजेंसी रिस्पॉस रिस्टम
मैनपॉवर डिप्लॉयमेंट  
*एंटी-ड्रोन सिस्टम भी कर रहा काम*
महाकुंभ में यूपी पुलिस ने एंटी-ड्रोन सिस्टम का भी इस्तेमाल किया है. इस सिस्टम ने अब तक 9 संदिग्ध ड्रोनों को मार गिराया है. दरअसल, महाकुंभ में हवाई खतरे को देखते हुए तीन एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किए गए हैं। दो आरएफ-आधारित सिस्टम 8 किलोमीटर के दायरे में संदिग्ध ड्रोन का पता लगा सकते हैं और 2 किलोमीटर तक उनके सिग्नल जाम कर सकते हैं। इसके अलावा रडार बेस्ड सिस्टम भी तैनात किया गया है, जो 15 किलोमीटर दायरे में संदिग्ध गतिविधियों की पहचान कर सकता है, साथ ही 3 किलोमीटर के दायरे में उन्हें निष्क्रिय कर सकता है.

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