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Thursday, October 10, 2024

"न्यू सिदगोड़ा पूजा कमिटी ने दिवंगत रतन टाटा को मौन प्रार्थना और श्रद्धा सुमन अर्पित कर दी श्रद्धांजलि"

जमशेदपुर के न्यू सिदगोड़ा दुर्गा एवं काली पूजा कमिटी, सिनेमा मैदान में सप्तमी के दिन दिवंगत रतन टाटा की श्रद्धांजलि एवं दो मिनिट मौन रख कर दिवंगत आत्मा के शांति के लिए प्रार्थना की गई। कमिटी के संरक्षक विक्रम शर्मा, मुख्य संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह, अध्यक्ष प्रकाश भाई पटेल, कमिटी के 145 वॉलंटियर सहित पंडाल में आए तमाम श्रद्धालुगण ने अपने स्थान पर खड़े होकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की एवं श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
कमिटी के संरक्षक विक्रम शर्मा ने अपने संबोधन में बताया कि भारत ने एक महान नेता खो दिया है। उन्होंने ईमानदारी, सहानुभूति और उद्देश्य के साथ नेतृत्व को फिर से परिभाषित किया. उनकी दयालुता और बुद्धिमत्ता हमें प्रेरित करती रहेगी। उनकी आत्मा को शांति मिले।
अपने संबोधन में मुख्य संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह ने कहा कि श्री रतन टाटा जी ने अपने अथक परिश्रम व प्रगतिशील दृष्टिकोण से भारतीय उद्योग जगत को नई ऊंचाइयां दीं। लोककल्याण व मानवता की सेवा के क्षेत्र में श्री रतन टाटा जी द्वारा गढ़ी गई अभूतपूर्व मिसाल सदियों तक प्रेरणा देती रहेगी
"New Sidgora Puja Committee Pays Tribute to Late Ratan Tata with Silent Prayer and Floral Tributes"
At the New Sidgora Durga and Kali Puja Committee in Jamshedpur's Cinema Maidan, a tribute was paid to the late Ratan Tata on the day of Saptami, with two minutes of silence observed in prayer for the peace of his departed soul. Committee patron Vikram Sharma, chief patron Chandragupt Singh, president Prakash Bhai Patel, along with 145 committee volunteers and all the devotees present in the pandal, stood in their places to offer prayers and floral tributes for the peace of the departed soul.
In his address, committee patron Vikram Sharma mentioned that India has lost a great leader. He redefined leadership with honesty, empathy, and purpose. His kindness and wisdom will continue to inspire us. May his soul rest in peace.
In his speech, chief patron Chandragupt Singh said that Ratan Tata Ji elevated the Indian industrial sector to new heights with his tireless efforts and progressive vision. The unparalleled legacy of public welfare and service to humanity established by Ratan Tata Ji will continue to inspire for centuries to come.


पद्म विभूषण भारत के अनमोल रतन टाटा नहीं रहे:दादी ने परवरिश की थी ....

28 दिसंबर 1937 को नवल और सूनू टाटा के घर जन्मे रतन टाटा ग्रुप के फाउंडर जमशेदजी टाटा के परपोते थे। वे पारसी धर्म से हैं। उनके माता पिता बचपन में ही अलग हो गए थे और दादी ने उनकी परवरिश की थी। 1991 में उन्हें टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाया गया था।
रतन टाटा का बुधवार रात निधन हो गया है। 86 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई के अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन से कारोबारी से लेकर मनोरंजन, राजनीति, खेल जगत तक शोक पसर गया है। इस मौके पर महाराष्ट्र सरकार ने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि के लिए NCPA में रखा जाएगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ऐलान किया है।

महाराष्ट्र और झारखंड सरकार ने टाटा के निधन पर एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि राज्य में सभी मनोरंजन और जश्न के कार्यक्रम रद्द रहेंगे। साथ ही उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

टाटा के परिवार ने एक बयान में कहा, ‘हम - उनके भाई, बहन और परिवार, उन सभी लोगों से मिले प्यार और सम्मान से सांत्वना और सुकून पाते हैं, जो उनका सम्मान करते थे। हालांकि, अब रतन टाटा व्यक्तिगत रूप से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी विनम्रता, उदारता और उद्देश्य की विरासत भावी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।’ टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने एक बयान में रतन टाटा को अपना ‘मित्र और मार्गदर्शक’ बताया।