बोकारो: कालीबाड़ी मंदिर में शुरुआत से ही जीव हत्या पर पूर्ण रोक है और बलि प्रथा को पुरा करने के लिए पंडित जी द्वारा कोहड़ा ,ईख,और खीरा की बलि दी जाती है व माता को फल और फूल चढ़ाए जाते हैं ।
बोकारो के सेक्टर 8 में स्थित कालीबाड़ी मंदिर झारखंड का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहां मां काली की पूजा प्राचीन बंगाली परंपराओं के अनुसार की जाती है. वर्ष 1985 में स्थापित इस मंदिर में, हर साल दीपावली की रात एक खास पूजा का आयोजन होता है, जिसमें 108 दीयों को प्रज्वलित कर मां काली की विशेष आराधना की जाती है. इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां एकत्र होते हैं और रातभर चलने वाली इस पूजा में सम्मिलित होकर मां काली का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
कालीबाड़ी मंदिर की विशेष बलि प्रथा :
कालीबाड़ी मंदिर की सबसे अनोखी विशेषता यह है कि यहां बलि प्रथा का पालन करते हुए जीव हत्या से परहेज किया जाता है. यहां बलि के रूप में कोहड़ा (कद्दू), ईख, और खीरा अर्पित किए जाते हैं. इस परंपरा से पर्यावरण और पशु अधिकारों का सम्मान होता है, जो मानवता और करुणा का प्रतीक भी है. इस अनूठी बलि प्रथा के चलते मंदिर में आस्था रखने वाले श्रद्धालु इसे और भी पवित्र मानते हैं.
मंदिर में मां काली के साथ राधा-कृष्ण और शिवालय की उपस्थिति मंदिर में मां काली के अलावा राधा-कृष्ण और शिवालय भी स्थित हैं, जो इसे एक बहुआयामी धार्मिक स्थल बनाता है. नियमित रूप से पूजा-अर्चना के लिए यहां आने वाले श्रद्धालु, इस पावन स्थल से गहरी आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति का अनुभव करते हैं. भक्त दुर्गेश, जो वर्षों से यहां पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं, मानते हैं कि मां काली उनकी सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं और उन्हें यहां आने पर एक सकारात्मक ऊर्जा मिलती है.
कालीबाड़ी मंदिर :
आस्था और विश्वास का प्रतीक दीपावली के पावन पर्व पर कालीबाड़ी मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं और मां काली का आशीर्वाद पाते हैं. यह मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि समाज में आस्था और विश्वास का प्रतीक भी है. यहां की पवित्रता और श्रद्धा के प्रति लोगों का विश्वास, इसे झारखंड के धार्मिक स्थलों में एक खास स्थान प्रदान करता है.
इस अनूठी परंपरा और भक्ति भावना के चलते बोकारो का कालीबाड़ी मंदिर हर दीपावली पर भक्तों से खचाखच भरा रहता है, और मां काली के आशीर्वाद के लिए इस मंदिर की विशेष मान्यता है.
Kali Temple of Jharkhand: Offering Pumpkin Sacrifice Fulfills Devotees' Wishes.
Bokaro: Since its inception, the Kali Temple in Bokaro has maintained a strict prohibition on animal sacrifice. Instead, as part of the sacrificial ritual, pumpkins, sugarcane, and cucumbers are offered by the priests, while fruits and flowers are dedicated to the Goddess.
Located in Sector 8, this Kali Temple is one of Jharkhand's prominent religious sites, where the worship of Goddess Kali follows ancient Bengali traditions. Established in 1985, the temple hosts a special ritual every year on Diwali night, where 108 lamps are lit to perform special worship of Goddess Kali. A large number of devotees gather here to participate in this overnight ritual and seek blessings from the Goddess.
Unique Sacrificial Tradition of Kali Temple:
The most distinctive aspect of this temple is that, while following the tradition of sacrifice, it strictly avoids any harm to living beings. Instead, items such as pumpkins, sugarcane, and cucumbers are offered as sacrifices. This tradition shows respect for the environment and animal rights, symbolizing humanity and compassion. Because of this unique sacrificial practice, devotees who hold faith in this temple consider it even more sacred.
Presence of Radha-Krishna and Shiva in the Temple:
Alongside the idol of Goddess Kali, the temple also houses idols of Radha-Krishna and a Shiva shrine, making it a multidimensional religious site. Devotees who regularly come here for worship feel a deep spiritual energy and peace at this holy site. Durgesh, a longtime devotee, believes that Goddess Kali fulfills all his wishes, and he experiences a positive energy whenever he visits.
Kali Temple: A Symbol of Faith and Devotion
On the auspicious occasion of Diwali, devotees from far and wide visit the temple to receive the blessings of Goddess Kali. This temple is not only a place of worship but also a symbol of faith and devotion in society. The purity and devotion associated with this place have earned it a special place among Jharkhand's religious sites.
Due to this unique tradition and spirit of devotion, the Kali Temple in Bokaro remains crowded with devotees every Diwali, holding a significant place for those seeking the blessings of Goddess Kali.
0 Comments:
Post a Comment