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Saturday, October 26, 2024

हेमंत सोरेन की भतीजी ने हेमंत की बढ़ाई मुसीबत! पापा की सीट पर कर दी दावेदारी, लिया दादा - दादी का आशीर्वाद

हेमंत सोरेन की भतीजी ने हेमंत की बढ़ाई मुसीबत! पापा की सीट पर कर दी दावेदारी, लिया दादा - दादी का आशीर्वाद
रांची:हेमंत सोरेन के सामने एक बार फिर परिवार की चुनौती सामने आ खड़ी हुई है। खबरों के मुताबिक हेमंत सोरेन के बड़े भाई दुर्गा सोरेन की बेटी जयश्री सोरेन ने जामा सीट पर दावेदारी ठोक दी है।
इस सीट से जेएमएम की ओर से लुईस मरांडी को टिकट भी दे दिया गया है। लेकिन जयश्री सोरेन के शिबू सोरेन से मिलने के बाद कहा जा रहा है कि जयश्री सोरेन ने अपना दादा से आशीर्वाद में जामा सीट मांग ली है।
हेमंत सोरेन की बढ़ी मुश्किलें
जयश्री सोरेन बुधवार को अपने दादा शिबू सोरेन से मिली थीं। माना जा रहा है कि जयश्री सोरेन अपने पिता की सीट चाहती हैं। सीता सोरेन अपनी बेटी के लिए बीजेपी से जामा सीट चाहती थीं। लेकिन बीजेपी ने जयश्री को टिकट नहीं दिया है। हालांकि जेएमएम की ओर से जामा से लुईस मरांडी का चुनाव लड़ना तय है। इसी बीच जयश्री सोरेन ने शिबू सोरेन से मुलाकात की है। लुईस मरांडी बीते दिनों ही बीजेपी में शामिल हुई हैं।
भाजपा ने दुर्गा सोरेन की पत्नी और शिबू सोरेन की बहू सीता सोरेन को जामताड़ा सामान्य सीट से उम्मीदवार बनाया है। झारखंड में नियम है कि किसी दूसरे स्टेट की महिला राज्य में आरक्षण का लाभ नहीं उठा सकती है। इसलिए कल्पना सोरेन भी गांडेय सामान्य सीट से चुनाव लड़कर विधायक बनीं और एक बार फिर से गांडेय से चुनाव लड़ रही हैं। सीता और कल्पना दोनों ओडिशा की रहने वाली हैं।
हेमंत सोरेन कैसे फंसे?
जयश्री सोरेन की मुलाकात के बाद शिबू सोरेन अगर अपनी नातिन के पक्ष में खड़े हो जाते हैं तो हेमंत सोरेन के लिए मुश्किलें बढ़ जाएगी। लुईस मरांडी झारखंड की बड़ी नेता हैं और वह हेमंत सोरेन को भी चुनाव हरा चुकी हैं। इससे पता चलता है कि लुईस मरांडी का जेएमएम के लिए क्या महत्व है। लुईस ने 2014 के चुनाव में दुमका सीट से हेमंत सोरेन को हराया था। बीजेपी ने लुईस को दुमका की बजाय बरहेट से चुनाव लड़ने को कहा था, लेकिन लुईस ने साफ मना कर दिया और जेएमएम में शामिल हो गईं। लुईस के साथ होने से संथाल परगना में जेएमएम को आदिवासी वोटों को एकजुट रखने में मदद मिलेगी और इसका कई सीटों पर फायदा देखने को मिलेगा।
देखना ये होगा कि हेमंत सोरेन अपनी भतीजी और पिता को कैसे मनाते हैं। जयश्री को खाली हाथ लौटाना हेमंत सोरेन के लिए मुश्किल होगा, लेकिन सियासी तौर पर लुईस मरांडी को मना करना भी आसान नहीं है।


Hemant Soren's niece increased Hemant's troubles! Stakeholder on father's seat, took blessings of grandparents
Ranchi: Once again, Hemant Soren is facing a family challenge. According to reports, Hemant Soren's elder brother Durga Soren's daughter Jayshree Soren has staked claim on the Jama seat.
JMM has also given ticket to Louis Marandi from this seat. But after Jayshree Soren met Shibu Soren, it is being said that Jayshree Soren has asked for the Jama seat in blessings from her grandfather.
Hemant Soren's troubles increased
Jayshree Soren met her grandfather Shibu Soren on Wednesday. It is believed that Jayshree Soren wants her father's seat. Sita Soren wanted the Jama seat from BJP for her daughter. But BJP has not given ticket to Jayshree. However, it is certain that Louis Marandi will contest from Jama on behalf of JMM. Meanwhile, Jayshree Soren has met Shibu Soren. Louise Marandi has joined BJP recently.BJP has fielded Sita Soren, wife of Durga Soren and daughter-in-law of Shibu Soren, from Jamtara general seat. There is a rule in Jharkhand that a woman from another state cannot avail the benefit of reservation in the state. Therefore, Kalpana Soren also contested from Gandey general seat and became MLA and is contesting from Gandey once again. Both Sita and Kalpana are from Odisha.
How did Hemant Soren get trapped?
If Shibu Soren stands in support of his granddaughter after Jayshree Soren's meeting, then problems will increase for Hemant Soren. Louise Marandi is a big leader of Jharkhand and she has also defeated Hemant Soren in elections. This shows how important Louise Marandi is for JMM. Louise defeated Hemant Soren from Dumka seat in the 2014 elections. BJP had asked Louise to contest from Barhet instead of Dumka, but Louise flatly refused and joined JMM. Having Lewis with them will help JMM in keeping the tribal votes united in Santhal Pargana and it will benefit in many seats.
It remains to be seen how Hemant Soren convinces his niece and father. It will be difficult for Hemant Soren to send Jayshree back empty-handed, but politically it is not easy to convince Lewis Marandi either.

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