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Monday, September 9, 2024

खरसावां के मां पाउडी का नुआखाई जताल पूजा का आयोजन पूरे विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना किया गया।

खरसावां के कुम्हार साही स्थित मां पाउडी शक्ति पीठ पर नुआखाई जताल पूजा का आयोजन पूरे विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना किया गया। पश्चिम ओडिशा के तर्ज पर यह त्यौहार मनाया जाता है।
 पूजा क्षेत्र के शांति व समृद्धि के लिए को जाती है।

नुआ खाई जताल पूजा के मां पाउडी शक्ति पीठ पर नये धान से तैयार चावल से प्रसाद तेयार क‌र मां पाउडी की समर्पित किया गया। 

मां पाउडी खरसावां राज धराने की ईस्ट देवी है कहा जाता है कि मां पाउडी पीठ पर नुआखाई जताल पूजा की यह परंपरा सदियों से खरसावां रियासत को स्थापना के साथ ही चली आ रही है।

 आज सुबह से बड़े संख्या में भक्तों मां पाउडी शक्ति पीठ पर प्रसाद चढ़ाने पहुंचे। बकरा भेड़ा की बलि चढ़ी। खरसावां के कुम्हार साही में स्थापित मां पाउडी शक्ति पीठ पर वार्षिक जताल पूजा का काफी महत्व है मां पाउडी शक्ति को देवी माना जाता है।

 यहां प्रत्येक सप्ताह गुरुवार को मां पाउडी शक्ति पीठ पर बकरा बलि दिया जाता है। पहले राजा कोष से होता था आयोजन अब राज्य सरकार उठाती है खर्च। देश की आजादी से पूर्व रियासत काल में मां पाउडी के नुआ खाई जताल पूजा अर्चना का आयोजन राजकोष से होता था ।

 खरसावां राज धराने के राजाओं को अगुवाई में मां पाउडी शक्ति पीठ पर नुआखाई जताल पूजा होती रही। देश आजाद के दौरान खरसावां के तत्कालीन राजा व सरकार के बीच हुए एग्रीमेंट के बाद से पूजा की जिम्मेदारी राज्य सरकार उठा रही है। इस शक्तिपीठ पर ब्राह्मण पूजा नहीं करते हैं पूजा करते हैं आ रहे हैं भैया जाती के परिवार से। वार्षिक पूजा में खरसावां क्षेत्र के मां के भक्तों बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
 The Nuakhai Jataal puja of Maa Paudi of Kharsawan was organized and the worship was performed with full rites and ceremonies.

  Nuakhai Jataal Puja was organized at Maa Paudi Shakti Peeth situated at Kumhar Sahi in Kharsawan with complete rituals. This festival is celebrated on the lines of West Odisha. 

Puja is done for peace and prosperity of the region. For Nuakhai Jataal Puja, prasad was prepared from rice prepared from new paddy at Maa Paudi Shakti Peeth and dedicated to Maa Paudi. 

Maa Paudi is the goddess of Kharsawan royal family. It is said that this tradition of Nuakhai Jataal Puja at Maa Paudi Peeth has been going on for centuries since the establishment of Kharsawan princely state. 

From this morning, a large number of devotees reached Maa Paudi Shakti Peeth to offer prasad. Goats and sheep were sacrificed. The annual Jataal Puja at Maa Paudi Shakti Peeth situated at Kumhar Sahi in Kharsawan has a lot of importance. 

Maa Paudi Shakti is considered a goddess. Here, goats are sacrificed at Maa Paudi Shakti Peeth every Thursday. Earlier the event was organised from the king's treasury, now the state government bears the expenses. 

Before independence, in the princely era, the Nua Khai Jatal puja of Maa Paudi was organised from the royal treasury. Nuakhai Jatal puja continued to be performed at Maa Paudi Shakti Peeth under the leadership of the kings of Kharsawan royal family. After the agreement between the then king of Kharsawan and the government during independence, the state government is bearing the responsibility of the puja. Brahmins do not perform the puja at this Shakti Peeth, the worship is done by families of Bhaiya caste. A large number of devotees of Maa from Kharsawan region were present at the annual puja. 

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