IMA ने लेटर में आगे लिखा है कि सुरक्षा मिलने पर महिला डॉक्टरों को कार्यस्थल पर आत्मविश्वास मिलेगा, क्योंकि देशभर में 60% भारतीय डॉक्टर महिलाएं हैं। दंत चिकित्सा पेशे में यह प्रतिशत 68%, फिजियोथेरेपी में 75% और नर्सिंग में 85% तक है। सभी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर कार्यस्थल पर शांतिपूर्ण माहौल, सुरक्षा और संरक्षा के पात्र हैं। हम हमारी मांगों को पूरा करने के लिए उचित उपाय सुनिश्चित करने के लिए आपके सौम्य हस्तक्षेप की अपील कर रहे हैं।
IMD ने रखी ये डिमांड
सभी अस्पतालों का सुरक्षा प्रोटोकॉल किसी एयरपोर्ट से कम नहीं होना चाहिये।
अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र बनाया जाये।
अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और प्रोटोकॉल का पालन किया जाये।
अपराध की समय-सीमा में सूक्ष्म एवं पेशेवर जांच कर न्याय दिलाया जाये।
रेजिडेंट डॉक्टरों के काम करने और रहने की स्थिति में बदलाव किया जाये।
शोक संतप्त परिवार को क्रूरता के अनुरूप उचित और सम्मानजनक मुआवजा मिले।
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