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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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बुधवार, 26 नवंबर 2025

देश को मिले नये CJI, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ, समारोह हुआ कुछ खास

देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस सूर्यकांत ने आज राष्ट्रपति भवन में पद और गोपनीयता की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। खास बात यह रही कि उन्होंने शपथ हिंदी में ली। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति, कई केंद्रीय मंत्री, देश-विदेश के शीर्ष न्यायाधीश मौजूद रहे। शपथ के तुरंत बाद पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने एक अनोखी परंपरा शुरू की—उन्होंने अपनी आधिकारिक कार राष्ट्रपति भवन परिसर में ही छोड़ दी ताकि उनके उत्तराधिकारी जस्टिस सूर्यकांत सीधे उसी कार में सुप्रीम कोर्ट पहुंच सकें। मुख्य न्यायाधीश के पद से विदाई के इस विनम्र लहजे की देशभर में सराहना हो रही है।


जस्टिस सूर्यकांत बने देश के 53वें CJI, राष्ट्रपति मुर्मू ने दिलाई शपथ, 15 महीने का होगा कार्यकाल | Justice SuryaKant will become the 53rd CJI oath ceremony live updates

जस्टिस सूर्यकांत का शपथ ग्रहण समारोह ऐतिहासिक इसलिए भी रहा क्योंकि पहली बार छह देशों के मुख्य न्यायाधीश इस कार्यक्रम में शामिल हुये। शपथ के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में गांधीजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और कोर्ट नंबर-1 में कामकाज संभालकर अपनी जिम्मेदारी की शुरुआत की।

जस्टिस सूर्यकांत बने नए CJI-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

हरियाणा के एक साधारण गांव से निकलकर देश की सर्वोच्च न्यायिक कुर्सी तक का सफर तय करने वाले जस्टिस सूर्यकांत ईमानदारी, मेहनत और संवैधानिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। 2027 तक का उनका कार्यकाल कई महत्वपूर्ण फैसलों और न्यायपालिका के भविष्य की दिशा तय करने वाला माना जा रहा है।

आदित्यपुर: ब्रेन हेमरेज से पीड़ित मरीज की गंगोत्री हेल्थ केयर में सफल सर्जरी, तीन दिन बाद आया होश

ब्रेन हेमरेज़ के कारण पिछले तीन दिनों से बेहोश चल रहे एक मरीज की हालत अत्यंत गंभीर हो गई थी। बड़े अस्पतालों में न्यूरो ऑपरेशन का खर्च अधिक होने के कारण परिजन ऑपरेशन कराने में असमर्थ थे। इसी बीच किसी ने उन्हें सलाह दी कि गंगोत्री हेल्थ केयर में अनुभवी न्यूरो विशेषज्ञ उपलब्ध हैं।




इसके बाद परिजनों ने मरीज को तुरंत गंगोत्री हेल्थ केयर में भर्ती कराया, जहां न्यूरो सर्जन **डॉ. एस. नारायण** ने स्थिति का आकलन कर तुरंत ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। डॉक्टर नारायण ने जटिल परिस्थितियों के बावजूद सफलतापूर्वक सर्जरी की।



सर्जरी के बाद मरीज धीरे-धीरे होश में आया और बातचीत भी करने लगा। मरीज के स्वस्थ होने पर परिजन अत्यंत खुश नजर आए। उनका कहना है कि अन्य अस्पतालों की तुलना में यहाँ इलाज का खर्च भी काफी कम आया, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिली।






रांची: 30 मार्च 2026 से पहले झारखंड में हो जाएंगे नगर निकाय चुनाव! राज्य निर्वाचन आयोग ने HC में दिया शपथ पत्र

राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव के लिए कोर्ट से मांगा समय, कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 30 मार्च मुक़र्रर की



रांची : झारखंड में लंबे समय से लंबित शहरी निकाय चुनाव नहीं होने पर रौशनी खलखो की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आनंदा सेन की अदालत में सुनवाई हुई है. राज्य निर्वाचन आयोग ने कोर्ट को बताया है कि विस्तृत तैयारी के लिए 8 सप्ताह की जरुरत पड़ेगी. साथ ही चुनावी प्रक्रिया पूर्ण करने में अतिरिक्त 45 दिन लगेंगे. इस बाबत सीलबंद शपथ पत्र 22 नवंबर को ही दाखिल कर दिया गया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विनोद सिंह ने बताया कि सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 30 मार्च तय कर दी है.

 राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारी के लिए मांगा समय

प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता विनोद सिंह जबकि राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने पक्ष रखा. वहीं राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता सुमित गड़ोदिया ने दलील पेश की. महाधिवक्ता ने बताया कि चुनाव से जुड़े सभी निर्णयों की प्रतियां राज्य निर्वाचन आयोग को दे दी गई हैं. वहीं राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से कहा गया है कि चुनाव कराने को लेकर आयोग गंभीर है. लेकिन इसकी तैयारी के लिए 8 सप्ताह और चुनाव प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए 45 दिन लगेंगे. कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से दाखिल सीलबंद शपथ पत्र का अवलोकन करने के लिए सुनवाई की अगली तारीख 30 मार्च 2026 तय की है.

 9 नगर निगम जहां होने हैं चुनाव

रांची, हजारीबाग, मेदनीनगर, धनबाद, गिरिडीह, देवघर, चास, आदित्यपुर और मानगो

 20 नगर परिषद जहां होने हैं चुनाव

गढ़वा, विश्रामपुर, चाईबासा, झुमरी तिलैया, चक्रधरपुर, चतरा, चिरकुंडा, दुमका, पाकुड़, गोड्डा, गुमला, जुगसलाई, कपाली, लोहरदगा, सिमडेगा, मधुपुर, रामगढ़, साहिबगंज, फुसरो और मिहिजाम.

 19 नगर पंचायत जहां होने हैं चुनाव

बंशीधर नगर, मझिआंव, हुसैनाबाद, हरिहरगंज, छतरपुर, लातेहार, कोडरमा, डोमचांच, बड़की सरैया, धनवार, महगामा, राजमहल, बरहरवा, बासुकीनाथ, जामताड़ा, बुंडू, खूंटी, सरायकेला और चाकुलिया.

 क्या हुआ था पिछली सुनवाई के दौरान

पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने चुनाव की संभावित तारीख की मांग करते हुए सुनवाई के लिए 24 नवंबर की तारीख तय की थी. तब महाधिवक्ता राजीव रंजन की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि सरकार ने नगर निकाय चुनाव के लिए कराए गए ट्रिपल टेस्ट की रिपोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग को सौंप दी है. सीटों के आरक्षण, जनसंख्या सूची सहित कुछ बिंदुओं पर आयोग ने अतिरिक्त जानकारी मांगी है, जिसे जल्द मुहैया करा दिया जाएगा.

 वर्तमान वित्तीय वर्ष के भीतर चुनाव संभव

बता दें कि जून 2020 से 12 शहरी निकायों में चुनाव नहीं हुए हैं. इसके अलावा 27 अप्रैल 2023 के बाद से राज्य में कोई शहरी निकाय चुनाव नहीं हुआ है. इसमें नगर निगम, नगर परिषद और नगर निकायों की कुल संख्या 48 है. हाईकोर्ट ने 4 जनवरी 2024 को आदेश पारित कर तीन सप्ताह के भीतर चुनाव सुनिश्चित कराने को कहा था.

इस डेडलाइन के फेल होने पर अवमानना याचिका दायर हुई थी. अब राज्य निर्वाचन आयोग के रुख से स्पष्ट है कि झारखंड में अब 30 मार्च 2026 से पहले निकाय चुनाव का काम पूरा कर लिया जाएगा. उम्मीद जताई जा रही है कि फरवरी 2026 से मार्च 2026 के बीच चुनाव का कार्य पूरा करा लिया जाएगा.

मंगलवार, 25 नवंबर 2025

रांची: स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के बिगड़े बोल, कहा : बीएलओ एसआइआर करने आए तो बांधकर रखें

रांची :-झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने रविवार को ‘सेवा के अधिकार सप्ताह’ के दौरान स्टैंडर्डाइज्ड इंफॉर्मेशन रिपोर्ट को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि एसआइआर की आड़ में मतदाताओं के नाम हटाने की साजिश रची जा रही है। अपने संबोधन में उन्होंने अत्यंत विवादित टिप्पणी करते हुए लोगों से कहा कि यदि बीएलओ घर पर एसआईआर के लिए जानकारी लेने आएं, तो उन्हें बांधकर रख दें.



राँची : सीएम हेमंत ने जनगणना 2027 को लेकर दिये सख्त निर्देश

राँची : सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य में होने वाली जनगणना 2027 को ध्यान में रखते हुए एक अहम निर्देश जारी किया है। जनगणना अधिनियम 1948 और जनगणना नियम 1990 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि झारखंड की किसी भी प्रशासनिक इकाई की सीमा में अब बदलाव नहीं किया जाएगा।



01 जनवरी 2026 से 31 मार्च 2027 तक रोक

निर्देश के अनुसार जिला, अनुमंडल, प्रखंड, नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत, छावनी परिषद, वार्ड, पंचायत और गांव जैसी सभी इकाइयों की सीमाओं में 1 जनवरी 2026 से 31 मार्च 2027 तक कोई भी परिवर्तन नहीं होगा। सरकार का मानना है कि जनगणना के दौरान सीमा परिवर्तन से डेटा संग्रह में दिक्कतें आती हैं, इसलिए यह कदम जरूरी है।

31 दिसंबर 2025 तक किए गए बदलावों की जानकारी भेजने का आदेश

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि 31 दिसंबर 2025 तक जिन क्षेत्रों की सीमाओं में बदलाव किए गए हैं, उनकी पूरी जानकारी और संबंधित अधिसूचनाएं जनगणना निदेशालय, झारखंड, रांची को जल्द भेजी जाएं। इससे आगामी जनगणना की प्रक्रिया को सही ढंग से तैयार करने में मदद मिलेगी।

सभी विभागों को सतर्क रहने के निर्देश

राज्य सरकार ने सभी विभागों को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने को कहा है, ताकि जनगणना से पहले प्रशासनिक इकाइयों की स्थिति पूरी तरह साफ हो सके। सरकार का लक्ष्य है कि 2027 की जनगणना बिना किसी बाधा के, सटीक और सुचारू रूप से पूरी की जा सके।

दुमका: सीएम हेमंत का मेगा सिंचाई मिशन… 22 हजार हेक्टेयर जमीन को पानी मिलेगा

दुमका : सीएम हेमंत सोरेन लगातार राज्य में सिंचाई व्यवस्था को मजबूत करने में जुटे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने दुमका जिले के रानेश्वर प्रखंड स्थित मुरगुनी में सिद्धेश्वरी नदी पर बन रही मसलिया रानेश्वर मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना दुमका के लिए बेहद अहम है, क्योंकि इससे मसलिया और रानेश्वर प्रखंड की 22 हजार हेक्टेयर से ज्यादा भूमि को पानी मिलेगा। उन्होंने संबंधित विभाग और एजेंसी को शेष काम जल्द पूरा करने का निर्देश दिया, ताकि किसान समय पर इसका लाभ उठा सकें।


पानी का बेहतर उपयोग और पर्यटन की संभावना

मुख्यमंत्री ने बताया कि योजना को इस तरह तैयार किया जा रहा है कि पानी का पूरा उपयोग हो सके। नदी में पानी अधिक होने पर उसे तालाबों और जलाशयों में भेजा जाएगा। परियोजना शुरू होने के बाद स्थानीय लोगों को सिंचाई के साथ साथ पर्यटन और रोजगार का भी फायदा मिलने की उम्मीद है।

कंपनी का दावा, 80 प्रतिशत काम पूरा

निर्माण कर रही एल एंड टी कंपनी ने बताया कि कुल काम का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा पूरा हो चुका है। बैराज लगभग बन गया है और 15 गेटों में 90 प्रतिशत काम हो चुका है। तीन पंप हाउस में एक बन चुका है जबकि दो का काम जारी है। पांच डिलीवरी चैंबर में तीन पूरे हो चुके हैं। अगले साल जनवरी तक करीब 6400 हेक्टेयर भूमि पर पाइपलाइन के जरिए सिंचाई शुरू कर दी जाएगी।

22,283 हेक्टेयर जमीन को मिलेगा फायदा

इस महत्वाकांक्षी परियोजना से मसलिया के 15 पंचायत और रानेश्वर के चार पंचायत के 226 गांवों को फायदा मिलेगा। कुल 22,283 हेक्टेयर जमीन तक भूमिगत पाइपलाइन से पानी पहुंचाया जाएगा। 1313 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री ने नवंबर 2022 में किया था।

निरीक्षण के दरम्यान सीएम हेमंत सोरेन के साथ विधायक आलोक कुमार सोरेन, मुख्य सचिव अविनाश कुमार और सचिव प्रशांत कुमार भी मौजूद रहे।

हजारीबाग: CISF बैरक से ओपन फोरम तक, NTPC निदेशक ने सुनी हर आवाज

हजारीबाग : सिकरी की शांत शाम कुछ दिनों से अलग दिख रही थी। टाउनशिप की गलियों में बच्चों की हंसी और मजदूरों की भागदौड़ के बीच एक बदलाव की हल्की आहट सुनाई दे रही थी। वजह थी NTPC के निदेशक (ईंधन) शिवम श्रीवास्तव का तीन दिवसीय दौरा। लोगों को उम्मीद थी कि उनकी मौजूदगी से न सिर्फ परियोजना की रफ्तार बढ़ेगी, बल्कि यहां रहने वाले कर्मचारियों और उनके परिवारों की रोजमर्रा की जरूरतें भी सुनी और समझी जाएंगी।



पहला दिन : टाउनशिप की धड़कन को करीब से महसूस करना

शनिवार को निदेशक का काफिला सिकरी टाउनशिप पहुंचा। अधूरी सड़कों पर काम कर रहे मजदूरों ने थोड़ा रुककर ऊपर देखा, जैसे उन्हें भरोसा हो कि अब उनकी मेहनत को सही दिशा मिलेगी। निदेशक ने सिर्फ भवनों के निर्माण नहीं देखे, बल्कि उन परिवारों की बातें भी सुनीं जिनकी जिंदगी इन कमरों और गलियारों से जुड़ी है। अधिकारी निर्माण की फाइलें दिखाते रहे, लेकिन इस पूरे निरीक्षण में सबसे अलग वह पल था जब उन्होंने एक महिला कर्मचारी से पूछा कि नए क्वार्टर बनने से उसे क्या राहत मिलेगी। महिला ने मुस्कुराकर कहा, “साहब, बच्चों को स्थायी कमरा मिल जाएगा, यही सबसे बड़ी सुविधा है।”

दूसरा दिन : नए कमरों में नई उम्मीदें

लांगतु में CISF की नई बैरक जब खोली गई, तो सबसे खुश उन जवानों के चेहरे थे जो अब बेहतर सुविधाओं में रह पाएंगे। एक जवान ने धीरे से कहा, “अब परिवार से दूर रहने का दर्द थोड़ा कम लगेगा।”

सिकरी टाउनशिप में बैचलर हॉस्टल-3 के उद्घाटन के समय भी युवा कर्मचारियों के चेहरों पर सुकून दिख रहा था। कई हंसी-मजाक में बातचीत कर रहे थे कि अब ऑफिस और रहने की जगह दोनों बेहतर हो गई हैं।

शाम को गजल संध्या ने पूरे इलाके को एक सुकूनभरी फुहार दी। थकान से भरे दिन के बाद सुरों की यह शाम, मजदूर से लेकर वरिष्ठ अधिकारी तक, सबके दिल को छूती रही।

तीसरा दिन : हर आवाज को सुनने का मंच

ओपन फोरम, इस दौरे का सबसे मानवीय पहलू रहा। बड़ी मीटिंग हॉल में कर्मचारी अपनी बातें रखते गए। किसी ने सुरक्षात्मक उपकरणों की चिंता बताई, तो किसी ने खान क्षेत्र में पानी की कमी का जिक्र किया।

निदेशक हर सवाल को गंभीरता से सुनते रहे। जवाब देते समय उनका लहजा आदेश वाला नहीं, बल्कि टीम के एक सदस्य जैसा था। उन्होंने साफ कहा कि हर कर्मचारी की सुरक्षा और सुविधा ही परियोजना की असल ताकत है। एक वरिष्ठ कर्मचारी ने जाते-जाते कहा, “आज लगा कि हमारी बात सिर्फ सुनी नहीं गई, समझी भी गई है।”




तीन दिनों का असर : सिकरी में भरोसे की लौ

इस दौरे ने परियोजना की गति तो बढ़ाई ही, साथ ही यहां रहने और काम करने वाले लोगों के बीच भरोसे की नई परत भी बनाई। नई इमारतें, नए कमरे, बेहतर सुविधाएं और खुला संवाद, यह सब सिर्फ विकास की बातें नहीं थीं। यह उन लोगों की कहानी थी जो दिन-रात कोयला परियोजना की जमीन पर काम करते हैं, और पहली बार उन्होंने महसूस किया कि उनकी आवाज भी विकास का हिस्सा है।

राँची: मंत्री की गीदड़ भभकी से डरें नहीं BLO, झारखंड को बंगाल नहीं बनने देंगे : जदयू

राँची : जदयू के झारखंड प्रदेश प्रवक्ता सागर कुमार ने राज्य के बीएलओ से कहा कि वे मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर प्रक्रिया में बिना किसी डर के काम जारी रखें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आम लोग उनका पूरा साथ देंगे। सागर कुमार ने कहा कि मंत्री इरफान अंसारी एसआईआर को धीमा करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके मुताबिक मंत्री गलत बयान देकर माहौल खराब कर रहे हैं, लेकिन इससे बीएलओ को डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि झारखंड में प्रक्रिया पूरी ईमानदारी से होगी और इसे कोई रोक नहीं पाएगा।



SIR को बताया सामान्य प्रक्रिया

जदयू प्रवक्ता ने कहा कि मतदाता सूची में त्रुटियां दूर करने के लिए एसआईआर जरूरी है। देश के कई राज्यों में यह काम चल रहा है और कहीं भी विरोध नहीं हो रहा है। उनका कहना है कि असली मतदाताओं को दस्तावेज दिखाने में कोई परेशानी नहीं होती, जबकि विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर लोगों को भटका रहा है।

जामताड़ा में हुई घटना पर सवाल

उन्होंने आरोप लगाया कि जामताड़ा में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने जिला निर्वाची पदाधिकारी की मौजूदगी में बीएलओ को धमकाया। जदयू ने इसे गंभीर मामला बताते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से कार्रवाई की मांग की है।

बिहार: 40 महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क में यूरेनियम, पटना की स्टडी ने खोला चौंकाने वाला सच

बिहार : पटना स्थित महावीर कैंसर संस्थान की एक ताज़ा स्टडी में ऐसा खुलासा हुआ है जिसने डॉक्टरों से लेकर आम लोगों तक को चिंतित कर दिया है। शोध में पाया गया कि 40 दूध पिलाने वाली महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क के सभी सैंपल में यूरेनियम मौजूद था। यह स्टडी अक्टूबर 2021 से जुलाई 2024 के बीच की गई।



40 में से 100% सैंपल यूरेनियम से कंटैमिनेटेड

रिसर्च विभाग के प्रभारी डॉ. अशोक कुमार घोष ने बताया कि ब्रेस्ट मिल्क के सभी सैंपल में 0 से 6 माइक्रोग्राम प्रति लीटर तक यूरेनियम पाया गया, जबकि ब्रेस्ट मिल्क में यूरेनियम के लिए कोई तय अंतरराष्ट्रीय लिमिट मौजूद नहीं है। सबसे अधिक कंसंट्रेशन 5.25 माइक्रोग्राम प्रति लीटर कटिहार जिले में दर्ज किया गया।

70% बच्चों पर स्वास्थ्य असर का जोखिम

रिसर्च टीम के अनुसार, यूरेनियम की इस मात्रा से 70% बच्चों में नॉन-कार्सिनोजेनिक हेल्थ इफेक्ट्स का जोखिम देखा गया है। हालांकि किसी भी सैंपल में कैंसर का खतरा यानी कार्सिनोजेनिक रिस्क नहीं पाया गया।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति इसलिए खतरनाक है क्योंकि यूरेनियम शरीर के मेटाबॉलिज्म और किडनी फंक्शन को प्रभावित कर सकता है।

बिहार के 11 जिलों में ग्राउंडवॉटर यूरेनियम का संकट

भारत में ग्राउंडवॉटर यूरेनियम कंटैमिनेशन तेजी से बढ़ती हुई समस्या बन चुकी है। बिहार के गोपालगंज, सारण, सीवान, पूर्वी चंपारण, पटना, वैशाली, नवादा, नालंदा, सुपौल, कटिहार और भागलपुर जैसे जिलों में पहले भी यूरेनियम की मौजूदगी की रिपोर्ट आ चुकी है।

इस स्टडी को विशेष रूप से उन जिलों में किया गया जहाँ पहले यूरेनियम की मौजूदगी सामने आई थी—जिनमें भोजपुर, बेगूसराय, खगड़िया, कटिहार और नालंदा शामिल हैं।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER), हाजीपुर में USA के एडवांस LC-ICP-MS इंस्ट्रूमेंट की मदद से ब्रेस्ट मिल्क सैंपल की जांच की गई।

कटिहार जिला सबसे अधिक प्रभावित

स्टडी के अनुसार, कटिहार जिले में यूरेनियम का स्तर सबसे अधिक 5.25 ug/L रहा, जिसे खतरनाक माना गया है। नालंदा में यह स्तर सबसे कम 2.35 ug/L दर्ज किया गया।

झारखंड: जली मोपेड से खुला राज, झाड़ियों में मिली दर्दनाक कहानी

झारखंड : चाईबासा के खड़पोस गांव में हर सुबह की तरह उस दिन भी लोग अपनी दिनचर्या में लगे थे। लेकिन 22 नवंबर की सुबह हवा में एक अजीब बेचैनी थी। झरना नदी किनारे मिली एक जली हुई मोपेड ने पूरे गांव को चौंका दिया। किसी ने सोचा भी नहीं था कि यह एक फेरीवाले के जीवन का आखिरी निशान बन जाएगी। 55 साल के श्रीराम बिरुवा गांव में किराना बेचते थे और आसपास के इलाकों में फेरी लगाया करते थे। अकेले रहते थे, लेकिन गांव के हर घर में जाना-पहचाना चेहरा थे। काम पर निकले आदमी की आंखों में उम्मीद रहती है कि शाम को फिर घर लौटेगा। लेकिन उस दिन श्रीराम के घर का दरवाजा बाहर से बंद था और अंदर टीवी की आवाज गूंज रही थी। खून के धब्बे और बिखरा पड़ा घर जैसे चीख-चीखकर बता रहा था कि कुछ बहुत गलत हुआ है।



तलाश जो कब्रिस्तान तक पहुंची

जब पुलिस और ग्रामीणों ने तहकीकात शुरू की तो हर कदम उन्हें एक डर की तरफ ले जा रहा था। घर से कुछ ही दूरी पर कब्रिस्तान की झाड़ियों में जब श्रीराम का अर्धनग्न शव मिला, तो गांव में खामोशी छा गई। एक शांत स्वभाव के आदमी का अंत इस तरह होगा, किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। मृतक का बेटा जयसिंह अस्पताल में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी होते देख बस यही दोहरा रहा था, “पापा की किसी से क्या दुश्मनी थी?”

जमीन विवाद ने ले ली एक जान

डीएसपी रफायल मुर्मू की टीम ने मामले को दो दिन में सुलझा लिया। सूरज बिरुवा उर्फ टकलू, मधु बांकिरा उर्फ डोंडा और राहुल पिंगुवा ये तीनों उसी गांव के लड़के थे। पुलिस पूछताछ में उन्होंने कबूल किया कि पुराने जमीन के लफड़े के कारण उन्होंने मिलकर श्रीराम की हत्या की योजना बनाई और उन्हें मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

जली मॉपेड से लेकर खून लगी गुप्ती तक

आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने खून लगा लोहे का रॉड, एक गुप्ती, खून सना पैंट और जली हुई मॉपेड बरामद की। जैसे इस कहानी के हर टुकड़े को जोड़ने के बाद एक तस्वीर साफ हो रही थी। एक इंसान को सुनियोजित तरीके से खत्म किया गया था।

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