Saubhagya Bharat News
हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
Saubhagya Bharat News
हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
Saubhagya Bharat News
हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
Saubhagya Bharat News
हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
The Saubhagya Bharat
हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मंगलवार, 10 जून 2025
बहरागोड़ा:-जामबनी गाँव में गाजे बाजे के साथ मनी दधि महोत्सव....
गुड़ाबांदा:-भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण: कुनाल महतो ने लोगों को संबोधित कर बताया कि बिरसा मुंडा हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत.....
धरती आबा बिरसा मुंडा जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
धरती आबा बिरसा मुंडा जी की पुण्यतिथि के अवसर पर नारायण प्राइवेट आई.टी.आई,लूपुँगदीह संस्थान में एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बिरसा मुंडा जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उनके महान व्यक्तित्व एवं योगदान को याद किया गया।संस्थान के संस्थापक श्री जटाशंकर पांडेय और संस्थान के उपनिदेशक प्रोफेसर सुदिष्ठ कुमार और संस्थान के सभी शिक्षक गणों ने धरती अबा बिरसा मुंडा जी का जीवन वृतांत परिचय से अवगत कराया और उनके जीवन के बलिदान पे चर्चा की।उन्होंने कहा कि
बिरसा मुंडा जी का जन्म 15 नवम्बर 1875 को झारखंड के खूंटी जिले में एक आदिवासी परिवार में हुआ था। वे वे सामाजिक दृष्टिकोण से मुंडा जनजाति से संबंध रखते थे बल्कि संपूर्ण छोटा नागपुर क्षेत्र के मसीहा थे। उनका जीवन संघर्ष और बलिदान की मिसाल है। 19वीं सदी के अंत में, जब अंग्रेजी शासन द्वारा आदिवासी समाज के हक छीने जा रहे थे, तब बिरसा मुंडा ने आदिवासियों को एकजुट कर ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध आंदोलन छेड़ा जिसे “उलगुलान” (विद्रोह) के नाम से जाना जाता है।
बिरसा मुंडा ने अपने अल्प जीवन में ही आदिवासी समाज को सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक रूप से जागरूक किया। वे न केवल एक महान क्रांतिकारी थे, बल्कि एक समाज सुधारक और आध्यात्मिक गुरु भी थे। उन्होंने आदिवासी समाज को अंधविश्वासों से बाहर निकालकर एकता, आत्मसम्मान और अधिकारों के लिए लड़ना सिखाया।
बिरसा मुंडा को अंग्रेजों ने पकड़कर 3 फरवरी 1900 को रांची जेल में बंद कर दिया, जहां 9 जून 1900 को महज 25 वर्ष की आयु में उनका रहस्यमय ढंग से निधन हो गया। उनके बलिदान को आज भी भारतवासी गर्व और श्रद्धा से याद करते हैं।
“बिरसा मुंडा जी का जीवन हमें संघर्ष, साहस और समर्पण की सीख देता है। उन्होंने अपने समाज के अधिकारों के लिए जो लड़ाई लड़ी, वह आज भी उतनी ही प्रेरणादायक है।”
वाहन में नकली पुलिस बोर्ड लगाकर व फर्जी पुलिस बनकर की जा रही थी उगाही, बड़ी वाहनों को रोक्कर बनाया जा रहा था निशाना, पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर भेजा न्यायिक हिरासत में
आदित्यपुर : बीते दिनों आदित्यपुर थाना अंतर्गत टोल ब्रिज के समीप पुलिस पोस्ट पर बिना नंबर के बोलेरो वाहन में काला फिल्म व नकली पुलिस बोर्ड लगाकर रात के अंधेरे में पुलिस बनकर सड़क की ओर से गुजरने वाली बड़ी वाहनों से पुलिस का रोब दिखा कर भैयादोहन करने के मामले कुछ अपराध कर्मियों के विरुद्ध थाने में मामला दर्ज किया गया था। जहां जगह-जगह फरार चल रहे अपराधकर्मियों की गिरफ्तारी हेतु छापेमारी की जा रही थी। कांड में सम्मिलित अपराध कर्मियों की गिरफ्तार हेतु पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार लुनायत के निर्देशानुसार अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी समीर कुमार सवैया के नेतृत्व में एक टीम गठित किया गया। पुलिस ने तकनीकी सहायता एवं गुप्त सूचना के आधार पर अपराधकर्मी कुणाल कुमार उर्फ बिट्टू नंदी को गिरफ्तार किया।जिसके पास से सफेद रंग का स्विफ्ट कार बरामद किया गया हैं।
फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया हैं,वही कांड में सम्मिलित अन्य अपराधकर्मियों की गिरफ्तार के लिए छापेमारी की जा रही है। छापेमारी दल में शामिल सदस्य अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी समीर कुमार सवैया, आदित्यपुर थाना प्रभारी विनोद तिर्की एवं वरीय पुलिस पदाधिकारी के साथ पुलिस बल मौजूद रही।